Category: Bihar

  • नामांकन के आखिरी दिन भाजपा के तीन और महागठबंधन के पांच प्रत्‍याशी ने भरा पर्चा

    नामांकन के आखिरी दिन भाजपा के तीन और महागठबंधन के पांच प्रत्‍याशी ने भरा पर्चा

    पटना। बिहार विधान परिषद के विधानसभा कोटे के ग्यारह सीटों के होने वाले चुनाव के लिए सोमवार को भाजपा के तीन और महागठबंधन के पांच प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया । भाजपा की ओर से घोषित तीन प्रत्याशी मंगल पांडेय, डा.लाल मोहन गुप्ता एवं अनामिका सिंह ने सोमवार को नामांकन किया । इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी समेत राजग के वरिष्ठ विधायक मौजूद थे।

     

    जबकि इससे पूर्व महागठबंधन की ओर से राजद के चार प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, अब्दुल बारी सिद्दीकी, सैयद फैसल अली एवं डा. उर्मिला ठाकुर और भाकपा माले से शशि यादव ने पर्चा भरा।
    राजग में जदयू की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं खालिद अनवर के साथ ही हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन पहले ही पर्चा भर चुके हैं।

    महागठबंधन की ओर से सोमवार को नामांकन के समय राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव , प्रतापक्ष के नेता तेजस्वी यादव और बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष-सह-राज्यसभा सदस्य अखिलेश सिंह समेत महागठबंधन के अनेक वरीय नेता उपस्थित थे।

    भाजपा से अनामिका सिंह और लाल मोहन गुप्ता, राजद से फैसल अली तथा उर्मिला ठाकुर और भाकपा माले नेत्री शशि यादव विधानपरिषद के लिए नये चेहरे होंगे ।
    जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी चौथी बार तथा भाजपा के मंगल पांडेय,जदयू के खालिद अनवर और हम के संतोष कुमार सुमन पुनः विधान परिषद की सदस्यता ग्रहण करेंगे। जबकि राजद के अब्दुल बारी सिद्दिकी लम्बे समय के बाद विधान परिषद के दोबारा सदस्य बनेंगे ।

  • चयनित खिलाड़ी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में डायट का करेंगे प्रतिनिधित्व

    चयनित खिलाड़ी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में डायट का करेंगे प्रतिनिधित्व

    समस्तीपुर पूसा राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एस.सी.ई.आर.टी.), पटना, बिहार सरकार एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट), पूसा, समस्तीपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कला एवं खेल उत्सव: तरंग 2024 के अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय भुसकॉल में आयोजित विद्यालय स्तरीय कला एवं खेल उत्सव: तरंग 2024 के विजेता खिलाडियों को डायट, पूसा के व्याख्याता सह संयोजक कुमार आदित्य कार्यक्रम एवं प्रधानाध्यापक सीतेश कुमार के सहयोग से पुरस्कार वितरण किया गया । कला विधा के विजेता खिलाड़ियों में

    चित्रकला:
    प्रथम- साजीया जेबा
    नृत्य :
    प्रथम- साक्षी कुमारी
    गायन:
    प्रथम- सलोनी कुमारी
    नाटक:
    प्रथम- सलोनी, प्रिंस, आशुतोष, उज्जवल, पीयूष, साक्षी
    सामुह नृत्य:
    प्रथम- साक्षी, नंदनी, अंकिता

  • अनवरत चलने वाली उद्योग होता है कृषि : डा. देवेंद्र सिंह 

    अनवरत चलने वाली उद्योग होता है कृषि : डा. देवेंद्र सिंह 

    समस्तीपुर पूसा डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित संचार केंद्र के पंचतंत्र सभागार में सोमवार को समेकित कृषि प्रणाली विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत आगत अतिथियों सहित प्रशिक्षणार्थियों ने दीप जलाकर शुभारंभ किया। प्रशिक्षण सत्र की अध्यक्षता करते हुए शश्य विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा देवेंद्र सिंह ने कहा कि कृषि अनवरत चलने वाली एक उद्योग है। बिना कृषि के मानवीय जीवन अधूरा है। कृषि के साथ साथ समेकित कृषि प्रणाली परंपरागत काल से ही सतत चलते हुए आ रहा है। मेकेनाइजेशन के कारण करीब करीब बैल कृषि कार्यों से मुक्ति ही पा लिया है। बिहार के किसान गरीब जरूर है पर समयानुसार अपनी खेती को ढालने का तरकीब बखूबी जानता है।

    किसान हर विपरीत परिस्थिति से जूझने के लिए सतत तैयार रहते है। किसानों के खेत से उत्पादन हुए उत्पादों को बाजार के व्यापारियों ने कम कीमत देकर उठा ले जाता है। जबकि उसी उत्पादों को प्रसंस्करण कर चौगुना दाम पर बाजार में उपलब्ध करवा देता है। जिससे उत्पादों के बदले मिलने वाले लाभ से किसान वंचित रह जाते है। किसानों को बिचौलियों से भी बचने की जरूरत है। घटते हुए जोत के जमीन के दौर में किसानों को बेहतर आमदनी प्राप्त करने के लिए समेकित कृषि प्रणाली वरदान साबित हो रहा है। समेकित कृषि प्रणाली से प्राप्त होने वाले उत्पादों का बाजारीकरण में तो असुविधा जरूर होता है। हालांकि एफपीओ से जुड़कर उत्पादों का वैल्यू एडिशन कर किसान बेहतर आमदनी कर सकते है। विशिष्ट अतिथि के रूप शश्य विज्ञान विभाग के प्राध्यापक सह जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केंद्र के निदेशक डा रत्नेश कुमार झा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के दौर में समेकित कृषि प्रणाली की मांग है।

    बढ़ते हुए आबादी के क्रम में पोषण सुरक्षा पर दबाव बढ़ता जा रहा है। किसानों को उपलब्ध संसाधन का उपयोग करते हुए खेती करने की जरूरत है। प्रशिक्षण सत्र का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रसार शिक्षा उप निदेशक प्रशिक्षण डा अनुपमा कुमारी ने कहा कि समेकित कृषि प्रणाली को अपनाकर किसान अपनी आर्थिक स्थिति में स्वाभाविक रूप से समृद्धि ला सकते है। मौके पर सुरेश कुमार आदि मौजूद थे।

  • जब आम पर बोर आ रहा हो उस समय कीटनाशक के प्रयोग से बचने की जरूरत : डा एस के सिंह

    जब आम पर बोर आ रहा हो उस समय कीटनाशक के प्रयोग से बचने की जरूरत : डा एस के सिंह

    मधुमक्खियों, मक्खियों, तितलियों और ततैया बाग से दूर चले जायेंगे जिससे होगा भारी नुकसान

    समस्तीपुर पूसा डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविधालय स्थित पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ प्लांट पैथोलॉजी एवं नेमेटोलॉजी, प्रधान अन्वेषक, अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना, के प्रोफेसर (डॉ ) एसके सिंह
    विभागाध्यक्ष, ने बताया कि आम के फूल छोटे, सुगंधित और सफेद से लेकर गुलाबी रंग के होते हैं। वे पत्तियों के उभरने से पहले युवा शाखाओं की युक्तियों पर गुच्छों में बढ़ते हैं। फूलों की पाँच पंखुड़ियाँ होती हैं और आमतौर पर लगभग 5 मिमी व्यास की होती हैं। उनके पास एक मीठी, सुखद सुगंध होती है और परागण प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसी मीठी सुगंध के प्रति आकर्षित परागणकर्ता आम के बागों में आते हैं जो परागण जैसे अति महत्वपूर्ण कार्य को संपादित करते है, जो फल के विकास के लिए आवश्यक है। अपूर्ण परागण की अवस्था में फल झड़ जाते है। आम के फूल बसंत और गर्मी के महीनों में खिलते हैं, और फल कई महीनों बाद परिपक्व और पकते हैं।
    मधुमक्खियों, मक्खियों, तितलियों और ततैया सहित कई प्रकार के परागणकों द्वारा आमों का परागण किया जाता है। मधुमक्खियों की कुछ प्रजातियाँ, जैसे आम मधुमक्खी (एपिस मेलिफेरा) और अकेली बढ़ई मधुमक्खी (ज़ाइलोकोपा प्रजाति), आम के फूलों के परागण में विशेष रूप से प्रभावी हैं। कुछ क्षेत्रों में, किसान अपने आम के पेड़ों को परागित करने के लिए मधुमक्खियों पर निर्भर रहते हैं। हालांकि, जंगली परागणकर्ता भी आम के परागण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और परागणकर्ताओं के विविध समुदाय को बनाए रखने से इष्टतम परागण और फलों के उत्पादन को सुनिश्चित करने में मदद मिलती है। प्राकृतिक परागणकर्ताओं के अलावा, कुछ आम किसान मैनुअल परागण तकनीकों का भी उपयोग करते हैं, जैसे कि हाथ से परागण या फूलों की रिहाई और पराग हस्तांतरण को प्रोत्साहित करने के लिए कंपन उपकरणों का उपयोग। ये तकनीकें फलों के सेट को बढ़ाने और फलों की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकती हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां परागणकर्ताओं की आबादी सीमित है। लेकिन यह सब अभी अनुसंधान स्तर तक सीमित है।
    जब फूल खिले हो उस समय किसी भी प्रकार का कोई भी कृषि रसायन खासकर कीटनाशक का प्रयोग नही करना चाहिए क्योंकि इससे फायदा तो कोई नही होगा बल्कि भारी नुकसान होगा। आम के फूल के कोमल हिस्से इस रसायनों के प्रयोग से घायल हो सकते है एवम मेहमान परागण कर्ता कीट नाराज होकर बाग छोड़ कर चले जायेंगे। ये कीट हमारे मित्र है जिन्हे आम के फूल से निकली हुई एक मीठी सुगंध आमंत्रण देकर बुलाती है जिन्हे हमारी एक छोटी से बेवकूफी या यूं कहे ना जानकारी जब हम कीटनाशक का उपयोग करते है की वजह से ये हमारे बाग को छोड़कर चले जाते है जिसकी वजह से परागण जैसे महत्वपूर्ण कार्य को बीच में ही छूट जाते है।

  • ग्राम परिक्रमा यात्रा का शुभारंभ

    ग्राम परिक्रमा यात्रा का शुभारंभ

    समस्तीपुर पूसा कल्याणपुर विधानसभा के पूसा मण्डल स्थित कुबौलीराम गांव में भाजपा का ग्राम परिक्रमा यात्रा की शुभारंभ किया गया।
    यात्रा का नेतृत्व किसान मोर्चा जिला उपाध्यक्ष सह कार्यकर्म प्रभारी कृष्ण गोपाल शर्मा ने किया अध्यक्षता राजेश सिंह ने किया संचालन मण्डल अध्यक्ष रंजीत शर्मा ने किया, जिला मंत्री संजीव कुमार सिंह ने किसानों से आग्रह किया कि कम मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करना ही श्रेयस्कर होगा, दुधारू मवेशी का पालन करें, अपने खेतों में वर्मी एवं गोबर का प्रयोग करें, यूरिया की जगह नैनो का छिड़काव करें, कार्यकर्म में रंजित शर्मा ने पीएम द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न तरह के योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए जागरूक होने की अपील की। मौके पर आशीष कुमार रिक्की, नवीन कुमार सिंह, ध्रुव प्रसाद सिंह, रामशंकर सिंह, नंदकिशोर सिंह, मुकुंद माधव, धीरज सिंह, राजू कुमार, प्रिंस कुमार, दानी सिंह शिवाकांत सिंह, विक्की कुमार, सुरेंद्र पासवान, अशर्फी माझी, संदीप राम, नारायण सिंह रोहित प्रसाद, रतन सिंह आदि किसान मौजूद थे।

  • जवाहर नवोदय विद्यालय में दंत स्वास्थ शिविर का हुआ आयोजन

    जवाहर नवोदय विद्यालय में दंत स्वास्थ शिविर का हुआ आयोजन

    समस्तीपुर पूसा। सावित्री डेंटल केयर के तत्वाधान में पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय बिरौली में रविवार को दंत स्वास्थ शिविर का आयोजन किया गया। इस स्वास्थ शिविर में डॉ अमित कुमार चौधरी ने विद्यालय के 50 बच्चों का दांत से संबंधित विभिन्न परेशानियों के बारे में परामर्श दिया।
    छात्रों को संबोधित करते हुए दंत चिकित्सक ने बच्चों को दांत के स्वास्थ संबधी आवश्यक जानकारी दी।
    विद्यालय के प्राचार्य डॉ टीएन शर्मा ने सावित्री डेंटल केयर को इस शिविर के आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही बच्चों से अपील करते हुए कहा कि आप भी जब इस लायक बन जाए तो समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निर्वहन करने का प्रयास करेंगे।
    विद्यालय में स्वास्थ शिविर के समन्वयक कुमुद रानी, स्टाफ नर्स ने बताया कि इस शिविर के आयोजन से बच्चों को बहुत लाभ पहुंचा है तथा दांतों के महत्व की जानकारी भी मिली।

  • सीओ, बीडीओ के आश्वासन पर खेग्रामस का जारी, अनशन 5वें दिन समाप्त 

    सीओ, बीडीओ के आश्वासन पर खेग्रामस का जारी, अनशन 5वें दिन समाप्त 

    समस्तीपुर पूसा प्रखंड मुख्यालय स्थित पंचायत समिति भवन के प्रांगण में 21 सूत्री मांगो को लेकर अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) द्वारा जारी अनशन को 5वें दिन सीओ पल्लवी कुमारी, बीडीओ वैभव कुमार ने अनशनकारी सुरेश कुमार, पारो देवी को जूस पिलाकर समाप्त कराया। मोरसंड व कुबौलीराम सहित अन्य पंचायत में पूर्व से प्राप्त वासगीत पर्चाधारियों को भूमि उपलब्ध कराने, प्रखंड के तमाम पंचायत में मनरेगा योजनाओं में लूट-खसोट पर रोक लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने, जन वितरण प्रणाली में कम राशन देने वाले डीलरों पर कार्रवाई करने, हरपुर निवासी बटेश्वर ठाकुर के घर को जेसीबी से तोड़ने वाले असामाजिक तत्वों को गिरफ्तारी करने, विभिन्न पंचायत में बंद पड़े नल-जल योजना को सुदृढ़ करने, आँगनबाड़ी, पशु शेड व अन्य तमाम योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की जोरदार मांग रखी थी। इस दौरान उन्होंने मांगो पर नियमानुकूल कार्रवाई करने व सीओ ने भू-दान की जमीन पर कब्जा दिलाने का लिखित आश्वासन दिया । अनशन समाप्ति के बाद सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता भाकपा-माले प्रखंड सचिव अमित कुमार ने की।
    सभा को संबोधित करते हुए खेग्रामस राज्य सचिव शत्रुघ्न सहनी ने कहा कि मांगो को पूरा नहीं किया गया तो शीघ्र ही पूरे बिहार में आंदोलन चलाया जाएगा।मौके पर भाकपा-माले प्रखंड सचिव अमित कुमार, खेग्रामस जिलाध्यक्ष उपेन्द्र राय व सचिव जीवछ पासवान, जिला कमिटी सदस्य किशोर कुमार राय, महेश कुमार सिंह, रौशन कुमार, प्रखंड कमिटी सदस्य सुनीता देवी, भागनारायण राय, अजय कुमार, बतहु महतो, भगवतीया देवी, विभा देवी, व भूपेन तिवारी, रंजीत कुमार, किरण देवी आदि दर्जनों लोग मौजूद थे।

  • महिलाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करते रहने की जरूरत 

    महिलाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करते रहने की जरूरत 

    समस्तीपुर पूसा 08 मार्च  को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नारी सम्मान के तहत बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने बिहार में गुरूवार को पहला प्रयोग किया है। 8 मार्च 2024 को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के पावन अवसर पर महिलाओं के प्रति सम्मान प्रकट करने एवं प्रोत्साहित करने के उद्देशय से एक दिन का सभी विभागों का सुप्रीम बनाया गया। महिला दिवस को लकर बीएयू के कुलपति डा डी आर सिंह ने सभी विभागों में उस विभाग की वरीय महिला विज्ञान/शिक्षिका को एक दिन के लिए विभाग के अध्यक्ष पद से सुशोभित किया है। महिलाओं के महत्व को समझाने और जागरूकता लाने की दिशा में यह बहुत बड़ा कदम है।

    दुनिया भर की महिलाओं के योगदान को और सशक्त करने में सामाजिक भागीदारी और व्यक्तिगत प्रयासों को बढ़ावा देने की हम सभी को जरूरत है। इस अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम सभी को जितना हो सके, अपने जीवन से जुड़ीं महिलाओं के साथ ही देश-दुनिया की उन सभी स्त्रियों का सराहना करें। बिहार स्वाभिमान संघ के अध्यक्ष ग्राम-महमदा पूसा, समस्तीपुर के सुनिल कुमार राय ने अपने निवास पर प्रेस कॉफेंस बुलाकर कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर को आभार प्रकट किया साथ ही कुलपति को भविष्य में ऐसे ही लड़कियों / महिलाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करते रहने का आग्रह किया।

  • सरसों की कटनी एवं दौनी का कार्य यथाशीघ्र संपन्न करें किसान : डा ए सत्तार

    सरसों की कटनी एवं दौनी का कार्य यथाशीघ्र संपन्न करें किसान : डा ए सत्तार

    मौसम शुष्क रहने का अनुमान 

    समस्तीपुर पूसा डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केंद्र स्थित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से जारी 09-13 मार्च, 2024 तक के मौसम पूर्वानुमान की अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान प्रायः साफ तथा मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है।
    इस अवधि में अधिकतम तापमान 29 से 31 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 13-16 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। वहीं शुक्रवार की तापमान पर नजर डालें तो अधिकतम तापमानः 28.0 डिग्री सेल्सियस जो सामान्य से 1.3 डिग्री कम एवं न्यूनतम तापमानः 11.0 डिग्री सेल्सियस जो सामान्य से 3.1 डिग्री कम दर्ज किया गया। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 10 से 15 कि0मी0 प्रति घंटा की रफ्तार से मुख्यतः पछिया हवा चलने का अनुमान है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 85 से 90 प्रतिशत तथा दोपहर में 55 से 60 प्रतिशत रहने की संभावना है।समसामयिक सुझाव देते हुए मौसम वैज्ञानिक डा ए सत्तार ने बताया कि
    मौसम की शुष्क रहने की संभावना को देखते हुए तैयार सरसों की कटनी, दौनी तथा सुखाने का काम प्राथमिकता देकर करें। तैयार आलू की खोदाई कर लें। शुष्क मौसम एवं तापमान में वृद्धि होना थ्रिप्स कीट के लिए अनुकुल वातावरण है। प्याज में चिप्स कीट की निगरानी करें। यह प्याज को नुकसान पहुँचानेवाला मुख्य कीट है। यह आकार में अतिसुक्ष्म होता है तथा पत्तियों की सतह पर चिपक कर रस चुसते है जिससे पत्तियों का ऊपरी हिस्सा टेढ़ा-मेढ़ा हो जाता है। पत्तियों पर दाग सा दिखाई देता है जो बाद में हल्के सफेद हो जाते है। जिससे उपज में काफी कमी आती है। थ्रीप्स की संख्या फसल में अधिक पाये जाने पर प्रोफेनोफॉस 50 ई0सी0 दवा का 1.0 मि.ली. प्रति लीटर पानी या इमिडाक्लोप्रिड दवा का 1.0 मि.ली. प्रति 4 लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें। प्याज की फसल में खर-पतवार निकालें। फसल में 10 से 12 दिनों पर लगातार सिंचाई करें।
    बसंत ईख रोप के लिए उपयुक्त समय चल रहा है। मार्च के अन्तिम सप्ताह में यदि खेत में नमी की कमी होने पर रोप से पहले हल्की सिंचाई कर रोप करना चाहिए। ईख रोप हेतु दोमट मिट्टी तथा ऊँची जमीन का चुनाव कर गहरी जुताई करनी चाहिए। अनुशंसित प्रभेदो का चुनाव कर बीज मेड़ो की कवकनाशी (कार्बडाजीम) 1 ग्रा० प्रति लीटर के घोल में 15-20 मिनट उपचारित कर रोपनी करनी चाहिए। प्रभेदो के बीज रोग-व्याधि से मुक्त होना चाहिए एवं रोग मुक्त खेतों से लेना चाहिए और जहाँ तक संभव हो 8-10 महीने के फसल को ही बीज के रुप में प्रयोग करना चाहिए। गरमा फसल की बुआई से पूर्व मिट्टी में प्रयाप्त नमी की जाँच अवश्य कर लें। नमी के अभाव में बीजो का अंकुरण प्रभावित हो सकता है फलतः पौधों की संख्या में आयी कमी होने की वजह से उपज प्रभावित होगी। जो कृषक बन्धु गरमा सब्जी लगाना चाहते है वे अविलंब बुआई करें। लौकी की अर्का बहार, काशी कोमल, काशी गंगा, पूसा समर, प्रोलिफिक लॉग, पूसा मेद्यदूत, पूसा मंजरी, पूसा नवीन किस्मों की बुआई करें। तरबूज की अर्का मानिक, दुर्गापुर मधु, सुगरबेली, अर्का ज्योती (संकर) तथा खरबूज की अर्का जीत, अर्का राजहंस, पूसा शर्बती किस्में उत्तर बिहार के लिए अनुशंसित है। नेनुआ की पूसा चिकनी, स्वर्ण प्रभा, करेला की अर्का हरित, काशी उर्वषी, पूसा विशेष, कायमबटूर लॉग की बुआई करें। खेत की जुताई में 20-25 टन गोबर की खाद, 30 किलोग्राम नेत्रजन, 50 किलोग्राम फॉसफोरस, 40 किलोग्राम पोटास प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें। सुर्यमुखी की बुआई के लिए मौसम अनुकूल है। इसकी बुआई 10 मार्च तक संपन्न कर लें। खेत की जुताई में 100 क्विंटल कम्पोस्ट, 30-40 किलोग्राम नेत्रजन, 80-90 किलोग्राम फॉस्फोरस एवं 40 किलोग्राम पोटास का व्यवहार करे। उत्तर बिहार के लिए सूर्यमुखी की उन्नत संकुल प्रभेद मोरडेन, सूर्या, सी0ओ0-1 एवं पैराडेविक तथा संकर प्रभेद के लिए बी०एस०एच०-1, के०बी०एस०एच०-1, के०बी०एस०एच०-44, एम०एस०एफ०एच०-1, एम०एस०एफ०एच०-8 एवं एम०एस०एफ०एच०-17 अनुशंसित है। संकर किस्मों के लिए बीज दर 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा संकुल किस्मों के लिए 8 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें। बुआई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम थीरम या कैप्टाफ दवा से उपचारित कर बुआई करे। रबी मक्का की फसल में धनबाल व मोचा निकलने से दाना बनने एवं दुध भरने की अवस्था तक खेत में प्रयाप्त नमी बनाए रखने हेतु आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। गेहूं की फसल जो दुध भरने की अवस्था में है ध्यान दें कि खेत में नमी की कमी नही हो। अगात बोयी गई भिण्डी की फसल में लीफ हॉपर (जैसिड) कीट की निगरानी करें। यह हरे रंग का कीट दिखने में सुक्ष्म होता है। भिंडी की खेत में घुसते ही यह कीट भिंडी के पौधे के पास से समूह में उड़ते हुए देखा जा सकते है। इसके शिशु व प्रौढ दोनो भिण्डी की पत्तियों के निचले हिस्से में रहते हैं और पत्तों का रस घुसते है जिसके फलस्वरूप पत्तियों किनारे से पिली होकर सिकुड़ती है तथा प्यालानुमा आकार बनाकर धीरे धीरे सुखने लगती है। फलन प्रभावित होती है। इस कीट का प्रकोप दिखाई देने पर इमिडाक्लोप्रिड 0.5 मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।

  • प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान को धरातल पर उतारने की जरूरत : डा. स्वेता मिश्रा 

    प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान को धरातल पर उतारने की जरूरत : डा. स्वेता मिश्रा 

    समस्तीपुर पूसा। डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविधालय के अधीनस्थ बीज प्रक्षेत्र निदेशालय के सभागार में चल रहे तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता करते हुए वैज्ञानिक सह परियोजना मुख्य अन्वेषक डा स्वेता मिश्रा ने कहा कि प्रतिभागी की ओर से प्रशिक्षण में प्राप्त किए गए तकनीकी ज्ञान को धरातल पर उतारने का प्रयास करने की जरूरत है। साथ ही डॉ मिश्रा द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्राप्त ज्ञान का उपयोग विश्वविद्यालय प्रक्षेत्र तथा कृषक समुदाय के बीच करने के लिए प्रेरित किया।

    निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. मधुसूदन कुंडू ने कहा कृषि विज्ञान केंद्रों के सभी बीज उत्पादन पदाधिकारी को अनुसंधान पत्र प्रकाशन हेतु भी प्रेरित किया। तिरहुत कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. पी.पी. सिंह ने श्रीअन्न के नए प्रभेदों को बीज श्रृंखला में समाहित करने के लिए सुझाव दिया। अधिष्ठाता मत्स्यकी महाविद्यालय, डॉ.पी.पी.श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय मिलेट्स परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. स्वेता मिश्रा को उनके श्रीअन्न पर किए गए सराहनीय एवं अच्छे कार्य हेतु अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर लेडीज मिलेट्स के रूप में संबोधन किया गया। निदेशक बीज डॉ. डी .के. राय ने श्रीअन्न फसलों में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी दी गई। सभी प्रतिभागियों के बीच प्रमाण पत्र वितरित की गई। मंच का संचालन डॉ. राजीव श्रीवास्तव तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राजेश कुमार ने की। मौके पर वैज्ञानिक डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉ. के.प्रसाद, डॉ.शिवेंद्र कुमार एवं निदेशालय के कर्मी आशुतोष रंजन, नित्यानंद निराला तथा मत्स्यकी महाविद्यालय के सहायक राजेश कुमार आदि मौजूद थे.