Category: Bihar

  • निर्वाचन आयोग ने 9 राज्यो के सचिवों को हटाने का दिया आदेश

    निर्वाचन आयोग ने 9 राज्यो के सचिवों को हटाने का दिया आदेश

    पटना । निर्वाचन आयोग ने सोमवार को बिहार , झारखंड समेत गुजरात, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिवों को हटाने का आदेश दिया। वहीं आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार के भी तबादले का निर्देश दिया। साथ ही मिजोरम और हिमाचल प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के सचिवों को भी हटा दिया गया है।

    गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिवों को हटाने की वजह, उनके पास संबंधित राज्यों में मुख्यमंत्री कार्यालयों में दोहरे प्रभार बताई जा रही है।

    हालांकि हर चुनाव के समय निर्वाचन आयोग कई राज्यों में जरूरत के हिसाब से तबादले करता है. इसकी कई वजहें बताई जाती हैं, जैसे अगर किसी पद पर कोई तीन साल से ज्यादा समय से बना हुआ है, या कोई अपने गृह जिले में पदस्थापित है, या कोई अधिकारी जो दो बड़ा पद संभाल रहे हो, या किसी अधिकारी पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप हो। इसके अलावा भी चुनाव के समय ऐसी कार्रवाई के कई कारण होते हैं।

  • प्रसव के बाद प्रसूता की हुई मौत, परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाकर किया हंगामा

    प्रसव के बाद प्रसूता की हुई मौत, परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाकर किया हंगामा

      मो.अंजुम आलम

    जमुई। दिग्विजय सिंह समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गिद्धौर में प्रसव के बाद एक प्रसूता की मौत होने का मामला प्रकाश में आया है। मामले में मृतका प्रसूता के परिजन ने अस्पताल प्रबंधक व स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया।आक्रोशित परिजन ने जमकर बावाल काटा। वहीं आक्रोशित लोगों को देख सभी स्वास्थ्य कर्मी ड्यूटी से गायब हो गए। बताया जाता है कि गिद्धौऱ प्रखंड के मौरा पंचायत अंतर्गत रमानी टोला निवासी अविनाश कुमार की पत्नी ज्योति कुमारी को प्रसव पीड़ा होने के बाद उसे दिग्विजय सिंह समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गिद्धौर लाया गया था, जहां महिला ने साधारण प्रसव के तहत बच्चे को जन्म दी। प्रसव के कुछ देर तक जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ था, लेकिन चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के देखरेख के अभाव में अचानक प्रसूता की तबीयत बिगड़ने लगी। उसके बाद परिजन द्वारा चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की खोजबीन की जाने लगी। लेकिन ड्यूटी से चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी गायब थे। काफी देर तक ड्यूटी पर चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों के नहीं आने पर नतीजतन प्रसूता की मौत हो गई। प्रसूता की मौत के बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया। परिवार वालों के बीच मातम पसर गया। घटना के बाद लोग आक्रोशित हो गए और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर हंगामा करने लगे। इस दौरान सभी स्वास्थ्य कर्मी फरार हो गए। काफी देर के बाद फिर लोगों के द्वारा समझा बुझा कर आक्रोशित परिजन को शांत कराया गया।

  • पदमा एवं राजेश मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित 

    पदमा एवं राजेश मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित 

    समस्तीपुर पूसा डॉ.राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर बिहार के सहायक राजेश कुमार के साथ ही उनके धर्मपत्नी मनोवैज्ञानिक पदमा कुमारी को भी मानद डॉक्टरेट की उपाधि मिली, यह उपाधि डॉ. राजेश कुमार को उनके उत्कृष्ट हिंदी सृजनात्मक लेखन, कृषि शिक्षा सेवा एवं सामाजिक सेवा हेतु प्रदान किया गया वहीं उनकी पत्नी डॉ. पदमा कुमारी को मनोविज्ञान,शैक्षणिक सलाहकार, मनोवैज्ञानिकता पर आधारित शिशु शिक्षण कार्य एवं देखरेख हेतु प्रसिद्ध मैजिक बुक ऑफ़ रिकॉर्ड, आर्ट एवं कला विश्वविद्यालय द्वारा दिनांक 16 मार्च,2024 को फरीदाबाद, हरियाणा, एनसीआर नई दिल्ली में संस्था के अध्यक्ष डॉ.सी.पी यादव द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में डॉ.करुणेश वर्मा पीसीएस अधिकारी, वर्तमान उप- जेलर, मथुरा,उत्तर प्रदेश, डॉ.राम अवतार शर्मा, अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली, तथा बैंक ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार, डॉ. प्रतिभा शर्मा, न्यायिक सदस्य पार्लियामेंट लोक अदालत, डॉ. रीना जैन, उद्योगपति एवं प्रसिद्ध समाज सेविका, डॉ. गनगल्ला विजय कुमार, प्रसिद्ध अभिनेता एवं तेलुगू फिल्म निर्देशक आंध्र प्रदेश, डॉ. मनोज कुमार भाटिया, प्रसिद्ध अभिनेता एवं फिल्म निर्देशक, डॉ.एस.के. रोहिल्ला, पूर्व निदेशक मेवाड़ विश्वविद्यालय, डॉ. कोंडिसेट्ठी सुरेश बाबू, राज्य प्रमुख ए. 9 न्यूज़ एवं जनसेना समाचार, आंध्र प्रदेश के गरिमामयी उपस्थिति में प्रदान किया गया.

  • कालचक्र के अनुसार मोटे अनाजों की खेती करने की जरूरत : कुलपति

    कालचक्र के अनुसार मोटे अनाजों की खेती करने की जरूरत : कुलपति

     समस्तीपुर पूसा डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविधालय स्थित संचार केंद्र के पंचतंत्र सभागार फसल उत्पादन, मूल्य संवर्धन, मूल्य श्रृंखला एवं विपणन, किसान उत्पादक संगठनों की संरचना सहित बीज उत्पादन विषय पर श्री अन्न हितधारकों के लिए ग्यारह तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का कुलपति डा पीएस पांडेय सहित आगत अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वैज्ञानिक सह परियोजना निदेशक डा स्वेता मिश्रा ने श्री अन्न प्रशिक्षण से संबंधित थीम को प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस परियोजना की शुरुआत बिहार सरकार के सौजन्य से चौथे कृषि रोड मैप में किया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत छह प्रकार के मिलेट्स पर कार्य करने का निर्णय लिया गया है। जिससे श्री अन्न के उत्पादन को बढ़ावा देते हुए गुणवतापूर्ण बीज का भी निर्माण करना संभव हो सके। प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र में किसानों को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि कुलपति डा पुण्यव्रत सुविमलेंदु पांडेय ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के दौर में किसानों को वैज्ञानिकी विधि से समय चक्र के अनुसार मोटे अनाजों की खेती करने की जरूरत है। जो बिहार राज्य से कुपोषण मिटाने के लिए आज के समय की मांग भी है। शुद्धता की भारी कमी हो गई है। बीमारियों से भरे समाज में लोग जिंदगी जीने को मजबूर है। सम्पूर्ण वातावरण दूषित हो गया है। अब इस तरह के अप्रत्याशित ढंग से दूषित वातावरण को शुद्ध करने में आप सभी प्रशिक्षणार्थियों की महती भूमिका है। धान गेहूं के अलावे पोषक तत्व से भरपूर अनाजों का उत्पादन करने की जरूरत है। आज भी ऊंचे तबके के परिवार में श्री अन्न का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। मोटे अनाजों को खेती पर भारत में बृहत पैमाने पर अनुसंधान कार्य किया जा रहा है। लोगों को मोटे अनाजों के प्रति धैर्यपूर्वक संयमित रखने की जरूरत है। मोटे अनाजों की एक भी व्यंजन प्रत्येक थाली में परोसे जाने की संकल्प लेने की आवश्यकता है। मोटे अनाजों के उत्पादन में स्वाद लाने के लिए अपने व्यवसाय पर भरोसा रखने की भी इच्छाशक्ति होना जरूरी है। प्रतिभागियों में कुछ ही नही वरन बहुत कुछ करने की जज़्बा होने की जरूरत है। प्रशिक्षण सत्र में रुचि पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। श्री अन्न की खेती वैज्ञानिकी ढंग से करने की जरूरत है। प्रदेश में लाखों कमाने वाले व्यक्तियों ने कृषि कार्य से जुड़कर अपने गांव में ही रह गए जो आज बेहतर कर रहे हैं। मोटे अनाज की खेती में आंगनबाड़ी एवं जीविका से जुड़े महिला सदस्यों को जोड़ने की जरूरत है। किसानों के समूह बनाकर मोटे अनाजों की खेती कर इसके उत्पादों का निर्माण कर वैल्यू एड कर बेहतर पैकेजिंग के आधार पर बाजार मिलने की प्रबल संभावना होती है। गुणवत्ता को मेंटेन रखने की जरूरत है। साख में किसी भी कीमत पर समझौता करने की जरूरत नहीं है। उन्नतशील बीज विश्वविद्यालय के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। एफपीओ का निर्माण कर मोटे अनाज की खेती करें । कृषि में व्यवसाय को समाहित करने की जरूरत है। आज के नई पीढ़ी में युवा युवतियों का खेती में अहम योगदान है। निदेशक अनुसंधान डॉ अनिल कुमार सिंह ने कहा मोटे अनाज देश के लोगों की थाली से विलुप्त होता चला गया है। आवश्यकतानुसार नए-नए प्रभेदों का विकास होता गया। आने वाले समय में अस्पताल की संख्या बढ़ रही है उसमें मरीजों की संख्या भी उसी अनुपात में बढ़ रही है। कुलपति के अगुवाई में श्री अन्न पर कार्य करने के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कमर कस ली है। विश्वविद्यालय स्तर पर 18 श्री अन्न का प्रभेद विकसित किया गया है। खेत से ताली तक एक कार्यक्रम चलाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसमें मोटे अनाजों के उत्पादन के लिए जागरूकता फैलाने का भी कार्यक्रम शामिल है। श्री अन्न के मूल्य संवर्धन कर बेहतर आमदनी ले सकते हैं। समूह बनाकर श्री अन्न की खेती एवं व्यवसाय करने की जरूरत है। डीन पीजीसीए डा मयंक राय ने कहा कि समाज में श्री अन्न को भुलाया नही गया है। इतना जरूर है कि श्री अन्न की खेती किसान बिल्कुल ही छोर चुके है। चुके उस समय लोगों को पेट भरने की आवश्यकता थी। अब पोषणयुक्त भोजन की बात है। निदेशक प्रसार शिक्षा डॉक्टर एमएस कुंडू ने कहा मिलेट्स का उत्पादन कर मूल्य संवर्धन करने की जरूरत है। किसानों को समय के अनुसार परिवर्तनशील होना चाहिए। आने वाले समय में मिलेट्स से बेहतर लाभ मिलने की संभावना है। जल जीवन हरियाली मिशन के अनुसार बेहतर जीवन जीने का संदेश दिया जा रहा है। बिहार में फिलवक्त गेहूं पकता नहीं बल्कि सूखता है। यह जलवायु परिवर्तन का प्रमुख दोष है। संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रसार शिक्षा उपनिदेशक प्रशिक्षण डॉ जितेंद्र कुमार ने की। मौके पर सूचना पदाधिकारी डॉ कुमार राजवर्धन, डॉक्टर राजीव कुमार श्रीवास्तव, डॉ कौशल किशोर, डॉ गीतांजलि चौधरी, डा हेमलता सिंह, डॉ ऋतंभरा सिंह, पुरुषोत्तम पांडेय, दीपक कुमार आदि मौजूद थे।

  • परीक्षा बाद दूसरे स्कूल के शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं का करेंगे मूल्यांकन, अंक नहीं अब मिलेगा ग्रेडिंग

    परीक्षा बाद दूसरे स्कूल के शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं का करेंगे मूल्यांकन, अंक नहीं अब मिलेगा ग्रेडिंग

    सरकारी स्कूल में पांचवीं और आठवीं कक्षा की परीक्षा आरंभ

     1 से चार और छह तथा सात कक्षा की परीक्षा 21 मार्च से

     राजगीर। सोमवार से प्रखंड के सरकारी स्कूलों में वार्षिक परीक्षा शुरू हो गई है। पहले दिन पांचवी और आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं की परीक्षा हुई। यह परीक्षा 21 मार्च तक चलेगी। कक्षा एक से चार और कक्षा छह, सात की परीक्षा वार्षिक परीक्षा 21 मार्च से 28 मार्च तक चलेगी। इस परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन अपने स्कूल के शिक्षक नहीं, बल्कि दूसरे स्कूल के शिक्षक करेंगे। सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक की वार्षिक परीक्षा निर्धारित तिथियों के अनुसार शुरू हो गई है। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी वार्षिक परीक्षा तो अपने स्कूल में ही ली जाएगी। लेकिन उत्तरपुस्तिकाओं की जांच बगल के स्कूल के शिक्षक करेंगे। कॉपियों की जांच अगल-बगल के स्कूल के शिक्षक होंगे। विभागीय निर्देश अनुसार इससे उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में पारदर्शिता आएगी। बच्चों के मेधा का सही मूल्यांकन भी किया जा सकेगा। कक्षा एक से आठवीं तक के वार्षिक परीक्षा का परिणाम 31 मार्च तक हर हाल में जारी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आदेश में कहा गया है कि बच्चों को परीक्षा का परिणाम अभिभावक – शिक्षक संगोष्ठी में जारी किया जाएगा। ताकि अभिभावक भी अपने बच्चों के मूल्यांकन की जानकारी प्राप्त कर सकें। इस दौर यदि कोई शिकायत होगी तो अभिभावक शिक्षक के सामने अपना पक्ष खुलकर रख सकते हैं। शिक्षक अभिभावकों की बातों पर अमल करेंगे और सुधार करेंगे।

     सीबीएसई बोर्ड की तरह बच्चों की मिलेगी ग्रेडिंग

    पिछले साल की तरह इस साल भी बच्चों को अंक न देकर ग्रेडिंग दी जाएगी। 81 से 100 प्रतिशत तक अंक लाने वाले बच्चों को ए ग्रेड की श्रेणी में रखा जाएगा। वही 61 से 80 प्रतिशत तक अंक लाने वाले बच्चों को बी ग्रेड, 41 से 60 प्रतिशत अंक लाने वालों को सी ग्रेड और 33 से 40 फीसदी अंक लाने वाले बच्चों को डी ग्रेट दिया जाएगा। ई ग्रेड वाले बच्चों को पढ़ाई में बहुत कमजोर माना जाएगा। एचएम रामाधीन पासवान और एचएम कुमार रामाधीन के अनुसार जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं या ई ग्रेड मिला है। उनके लिए स्कूल में विशेष कक्षा आयोजित की जाएगी। इसमें पढ़ाई में कमजोर डी और ई ग्रेड के बच्चों को विशेष कोचिंग दी जाएगी।

  • राजगीर नप के नये कार्यपालक पदाधिकारी को अनेक चुनौतियों का करना होगा सामना

    राजगीर नप के नये कार्यपालक पदाधिकारी को अनेक चुनौतियों का करना होगा सामना

    नप के नये ईयो के समक्ष होगी अनेक चुनौतियां

    नप के नये कार्यपालक पदाधिकारी के समक्ष होगी ये चुनौतियां

     राजगीर। नगर परिषद राजगीर के नये कार्यपालक पदाधिकारी संतोष कुमार ने पदभार ग्रहण कर लिया है। संतोष कुमार ऐसे समय में पदभार ग्रहण किये हैं, जब नगर परिषद में उथल पुथल का माहौल है। दो कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। कुछ लोग अभी भी कार्रवाई की जद में हैं। वित्तीय अनियमितता में कनीय अभियंता को बर्खास्त कर दिया गया है। सीटी मैनेजर का स्थानांतरण हो गया है। यानि फिलहाल बिना सीटी मैनेजर और कनीय अभियंता का यह नगर परिषद है। नये कार्यपालक पदाधिकारी के समक्ष अनेकों चुनौतियां हैं, जिसका उन्हें सामना करना होगा। सबसे पहले लचर कार्यालयीय व्यवस्था को सुधारने और आंतरिक संसाधन को बढ़ाने की उनके सामने चुनौती होगी। मार्च महीना आखिरी पड़ाव की ओर है। अबतक अगले वर्ष के लिए बजट पारित नहीं हुआ है। नगर के विकास के लिए बजट बनाना और पास कराना उनकी पहली चुनौती है। दो साल से अवरुद्ध विकास कार्यों को पटरी पर लाना और गुणवत्ता पूर्ण धरातल पर उतारने के साथ नगर परिषद क्षेत्र के प्रमुख स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना उनकी बड़ी चुनौती होगी। जिन आरोपों को लेकर कनीय अभियंता कुमार आनंद को बर्खास्त किया गया है। उनसे जुड़े योजनाओं के संबंधित ठेकेदारों से अपव्यय की राशि को वसुल करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। उनके सामने स्वतंत्र रूप से बिना किसी के दबाव में काम करने की भी चुनौती होगी। फुटपाथ दुकानदारों के लिए वेंडिंग जोन बनाना, पहले से चिन्हित वेंडिंग जोन में फुटपाथ दुकानदारों को पहुंचाना भी कार्यपालक पदाधिकारी के लिए चुनौती से कम नहीं होगी। सरकार द्वारा सिंगल यूज पॉलिथीन पर बैन लगा दिया गया है। लेकिन राजगीर में फुटपाथ दुकानदार से लेकर मिठाई दुकानदार, दवा दुकानदार, किराना दुकानदार, फल – सब्जी, मीट – मछली एवं अन्य प्रकार के दुकानदारों द्वारा प्रतिबंधित पॉलीथिन का इस्तेमाल बेखौफ किया जा रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए ईयो को चुनौती के रूप में लेना होगा। शहर अतिक्रमणकारियों के आक्रमण से कराह रहा है। सड़क हो अथवा पइन – पोखर सभी जगह अतिक्रमणकारियों का बोलबाला है। अतिक्रमण मुक्त शहर बनाने में ईयो कितना सफल हो पाते हैं। यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।  नगर परिषद क्षेत्र में राजकीय डिग्री कॉलेज के आसपास 25 एकड़ का गंगा सागर तालाब है। वह तालाब अब नक्शा के अलावे धरातल पर कहीं नहीं दिखता है। धरातल पर गंगा सागर तालाब को दिखाने के लिए भी उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। इसके अलावा शहर में प्रतिबंधित पॉलिथीन के थोक बिक्रेताओं से भी उन्हें निपटने की चुनौती होगी। नगर परिषद के सभी प्रकार के भवनों की गणना नहीं होने के कारण होल्डिंग टैक्स का निर्धारण अबतक नहीं हुआ है। इस कारण नगर परिषद को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हो रही है। नगर परिषद क्षेत्र के आवासीय और गैर आवासीय, सरकारी और गैर सरकारी भवनों का सर्वेक्षण कर होल्डिंग टैक्स कायम करना तथा राजस्व की वसुली करना भी चुनौती से कम नहीं होगी। नगर परिषद राजगीर के आधी से अधिक आबादी को गंगाजल की आपूर्ति नहीं हो रही है। नगर की आधी से अधिक आबादी सीवरेज योजना के लाभ से वंचित हैं। नगर के सभी घरों को सीवरेज कनेक्शन से जोड़ना और हर घर गंगाजल की आपूर्ति करना नये कार्यपालक पदाधिकारी के लिए बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा शहर की यातायात व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करना, सड़क को अतिक्रमण मुक्त रखना भी उन्हें प्राथमिकता में शामिल करना होगा। शहर की लोकभूमि को अतिक्रमण मुक्त करना भी उनके सामने चुनौती होगी।

  • बिहार में काम कर गई चिराग की चाल, चाचा की छीन ली पांच सीटें 

    बिहार में काम कर गई चिराग की चाल, चाचा की छीन ली पांच सीटें 

    चाचा पशुपति पारस को हाशिये पर धकेल चिराग ने ले लिया पार्टी छीनने का बदला 

    टिकट बंटवारे में हारी ही बाजी जीते हैं चिराग पासवान 

    बिहार NDA में फ़ाइनल हुआ सीट शेयरिंग

    बीजेपी को 17, जेडीयू 16, चिराग की पार्टी को 5, उपेंद्र कुशवाहा को 1 और जीतन राम मांझी को भी मिली है एक सीट

    खाली रहे गए चाचा पशुपति पारस  

     

    चरण सिंह 

    नई दिल्ली/पटना।  बिहार में रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने टिकटों के बंटवारे में अपने को साबित किया है। अपने अड़ियल रवैये और अपने समाज में पैठ दिखाकर उन्होंने एनडीए को पांच सीटें देने को मजबूर कर दिया। चिराग पासवान छह सीटें मांग रहे थे और पांच सीटें लेने में कामयाब हो गए। एनडीए में सीटों के बंटवारे में बिहार में बीजेपी को 17, जदयू को 16, लोजपा (रामविलास) को पांच सीटें मिली हैं। चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं मिली है।
    दरअसल बिहार को ऐसे ही राजनीति की जननी नहीं कहा जाता है। इन लोकसभा चुनाव में बिहार में दो युवा नेता उभर कर सामने आये हैं। एक तेजस्वी यादव तो दूसरा चिराग पासवान। तेजस्वी यादव का चाहे विधानसभा में दिया गया भाषण हो या फिर गांधी मैदान में हुई जन विश्वास रैली में दिया गया भाषण तेजस्वी यादव ने अपनी भाषा शैली से लोगों का दिल जीता। पटना के गांधी मैदान में भीड़ भी देखने लायक थी। तेजस्वी यादव से भी आगे निकल गये चिराग पासवान।
    चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस भले ही केंद्रीय राज्यमंत्री मंत्री बने रहे, भले ही उन्होंने पार्टी को चिराग पासवान से छीन लिया था पर लोकसभा चुनाव में उन्होंने एनडीए पर ऐसा दबाव बनाया कि पासवान वोट बैंक के चलते एनडीए को उन्हें 5 सीटें देनी ही पड़ी। चिराग पासवान का खुलकर खेलना उनके काम आ गया। चिराग पासवान को इंडिया गठबंधन ने 7 सीटें देने का ऑफर भी दे दिया पर वह एनडीए से सीटें झटकने में लगे रहे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समझ में यह आ गया कि चिराग पासवान जीते न जीते पर उनका खेल जरूर बिगाड़ देंगे।
     चिराग पासवान की ताकत एनडीए ने गत विधानसभा चुनाव में देख ली थी। चिराग पासवान नीतीश कुमार को ललकारते हुए चुनाव लड़े और जदयू को 45 सीटों पर समेट दिया। जिस तरह से पशुपति पारस ने चिराग पासवान को हाशिये पर धकेल दिया था। ठीक उसी तरह से चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस को हाशिये पर धकेल दिया है। पशुपति पारस के साथ रहने वाले चारों सांसद चिराग पासवान के साथ अपना राजनीतिक भविष्य बनाने जा रहे हैं।
     बिहार एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है। गठबंधन में शामिल दलों ने तय किया कि बीजेपी 17, जेडीयू 16, चिराग की पार्टी 5, उपेंद्र कुशवाहा 1 और जीतन राम मांझी को एक सीट पर चुनाव लड़ेंगे।

    दिल्ली में सोमवार को सीट बंटवारे को लेकर अंतिम दौर की बातचीत हुई। एनडीए की बैठक में जेडीयू की तरफ से उमेश कुशवाहा, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी, चिराग पासवान की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी मौजूद रहे।

    बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग फॉर्मूला

    बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग का जो फॉर्मूला तय हुआ है, उसके मुताबिक, बीजेपी बिहार की 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 16 सीटों पर लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने जा रही है। चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) के हिस्से में 5 सीटें आई हैं।

    उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा एक सीट और जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा को भी एक सीट मिली है। पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोजपा को नुकसान उठाना पड़ा है। NLJP को लोकसभा की एक भी सीट नहीं मिली है।

    बीजेपी को मिली ये सीटें

    भारतीय जनता पार्टी पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, उजियारपुर, बेगूसराय, नवादा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर और सासाराम सीटें मिली हैं।

    इन सीटों पर लड़ेगा जदयू

    जदयू वाल्मीकि नगर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, गोपालगंज, सिवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नालंदा, जहानाबाद और शिवहर से चुनाव लड़ेगा।

    लोजपा (रामविलास) को वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई सीटें मिली हैं।

    हम से जीतन राम मांझी को गया सीट दी गई है।

    आरलोमो के उपेंद्र कुशवाहा को काराकाट सीट लड़ने को दी गई है।

  • प्रसंस्करित बीज का सुरक्षित भंडारण करने की जरूरत : डा अनिल कुमार सिंह

    प्रसंस्करित बीज का सुरक्षित भंडारण करने की जरूरत : डा अनिल कुमार सिंह

    समस्तीपुर पूसा डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित तिरहुत कृषि महाविद्यालय के बीज निदेशालय, ढोली, मुजफ्फरपुर में अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (बीज – क्यू०एस०पी०) जनजातीय उप-योजना अन्तर्गत पूर्वी चम्पारण जिले के 25 आदिवासी कृषकों का बीजोत्पादन, प्रसंस्करण एवं भंडारण विषय पर तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ० राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा समस्तीपुर के अनुसंधान निदेशक, डॉ० अनिल कुमार सिंह ने कहा कि प्रसंस्करित बीज का सुरक्षित भंडारण करने की जरूरत है। जिससे बुआई के बाद वही बीज शत प्रतिशत अंकुरण के साथ साथ बेहतर उत्पादन देने में सक्षम होता है। अनुसंधान निदेशक डॉ० सिंह ने बीज की बुआई एवं फसलों में खरपतवार प्रबंधन के आयामों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। बीजों को संरक्षित एवं सुरक्षित भंडारण ही कुशल किसानी कहलाता है। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ० पी०पी०सिंह, (अधिष्ठाता), तिरहुत कृषि महाविद्यालय, ढोली, मुजफ्फरपुर ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन आगत अतिथियों एवं संस्थान के निदेशक डॉ० डी०के० राय के द्वारा किया गया। मंच का संचालन परियोजना अन्वेषक डॉ० राजेश कुमार के द्वारा किया गया।। स्वागत भाषण के दौरान बीज निदेशक डॉ० डी के राय ने बीज की महता एवं उसके उपयोग के बारे में विस्तुत चर्चा की। वहीं पर अधिष्ठाता, तिरहुत कृषि महाविद्यालय, ढोली, मुजफ्फरपुर के डॉ० पी पी सिंह ने बीजोत्पादन कर प्रसंस्करित बीज का समुचित भंडारण पर प्रकाश डाला। धन्यवाद ज्ञापन केन्द्र के सह प्राध्यापक डॉ० राजीव कुमार श्रीवास्तव के द्वारा किया गया। प्रशिक्षण के दौरान वैज्ञानिक डॉ० राजेन्द्र प्रसाद, डॉ विनय कुमार चौधरी, डॉ अजय कुमार, हेम चन्द्र चौधरी आदि मौजूद थे।

  • चाय, कोल्ड ड्रिंक छोड़ बच्चे करें दूध का सेवन : सिकन्दर

    चाय, कोल्ड ड्रिंक छोड़ बच्चे करें दूध का सेवन : सिकन्दर

    कुपोषण दुःखों का कारण और मिल्क ड्रिंक निवारण

     

     राजगीर। कुपोषण नाना प्रकार के दुःखों का कारण है। मिल्क ड्रिंक कुपोषण का निवारण है। स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से दूध का सेवन करना चाहिए। राजगीर के कबीर आश्रम में बच्चों के बीच आयोजित मिल्क ड्रिंकिंग कार्यक्रम में समाज सुधारक सिकन्दर कुमार हरिओम ने यह कहा। उनके द्वारा मिल्क ड्रिलिंग अभियान चलाया गया, जिसमें सैंकड़ों बच्चे शामिल हुए। सेहतमंद रहने की नसीहत देते हुए उन्होंने बच्चों को नशा से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। उनके द्वारा मिल्क ड्रिडिंग के अनगिनत फायदे बताये गये। उन्होंने कहा कि दूध में सभी तरह के पोषाक तत्व पाये जाते है, जो शरीर के विकास के लिए आवश्यक है। दूध में कैल्शियम, प्रोट्रीन, विटामिन, पोटेशियम, फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व भरपुर मात्र में पाए जाते हैं। इसीलिए दूध को संपूर्ण आहार माना जाता है। इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने, हड्डी एवं दांत को स्वस्थ रखने, बालों को स्वस्थ रखने में यह बहुत उपयोगी है। चाय, कोल्ड ड्रिंक या शराब से दूरी बनाने और मिल्क ड्रिंकिंग करने पर उन्होंने जोर दिया। इस अवसर पर मुहंत विजय साहेब, मुनय साहेब, रविन्द्र साहेब, बालेश्वर साहेब, गंगा साहेब, नारायण साहेब एवं अन्य उपस्थित थे।

  • गरीब और असहाय बच्चों के बीच बांटी पाठ्य सामग्री

    गरीब और असहाय बच्चों के बीच बांटी पाठ्य सामग्री

    राजगीर। पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय द्वारा गति कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री का वितरण रविवार को किया गया। विद्यालय के प्राचार्य आशुतोष कुमार के निर्देशन में राजगीर नगर परिषद के रसलपुर, दरियापुर एवं गंजपर मुहल्ले के चयनित गरीब एवं असहाय बच्चों के बीच, कॉपी, ड्राइंग कॉपी, ज्योमेट्री बॉक्स, पेंसिल, पेन, साबुन, चॉकलेट एवं अन्य पठन-पाठन की सामग्री का वितरण किया गया।

     

    कार्यक्रम के प्रभारी विद्यालय के वरीय शिक्षक डाॅ मुख्तार सिंह ने कहा कि जवाहर नवोदय विद्यालय में बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा के साथ आवासन की सुविधा है। विद्यालय में छठी कक्षा और नवमीं कक्षा में प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर नामांकन की सुविधा है। उन्होंने कहा कि सभी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चों को नवोदय प्रवेश परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जवाहर नवोदय विद्यालय में बच्चों को कुशल शिक्षकों द्वारा शिक्षा दिया जाता है। यहां पर किताबी शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक विकास के लिए खेलकूद की शिक्षा भी दी जाती है। ताकि यहां से बच्चे शिक्षा ग्रहण कर समाज का अच्छा नागरिक बनने के साथ अच्छे पद प्राप्त कर समाज सेवा कर सकें। इस मौके पर कुश यादव, मनोज कुमार एवं अन्य लोग मौजूद थे।