Category: गुजरात विधानसभा चुनाव

  • क्या है बिलकिस बानो रेप केस ? सुप्रीम कोर्ट ने क्या लिया फैसला ?

    क्या है बिलकिस बानो रेप केस ? सुप्रीम कोर्ट ने क्या लिया फैसला ?

    बिलकिस बानो के दोषियों की समयपूर्व रिहाई के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है और दोषियों को वापस जेल भेजने का आदेश दिया है. कोर्ट ने दोषियों को दो हफ्ते में सरेंडर करने को कहा है . गुजरात सरकार के आदेश को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की तकलीफ को समझना जरूरी है. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुयन की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अपराध का अहसास होने के लिये सजा दी जाती है. इस मामले में गैंगरेप के 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने समय से पहले रिहा कर दिया गया था.

    आखिर क्या है  ये पूरा मामला

    27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के कोच को जला दिया गया था. इस ट्रेन से कारसेवक लौट रहे थे. इससे कोच में बैठे 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी. इसके बाद दंगे भड़क गए थे. दंगों की आग से बचने के लिए बिलकिस बानो अपनी बच्ची और परिवार के साथ गांव छोड़कर चली गई थीं.  बिलकिस बानो और उनका परिवार जहां छिपा था, वहां 3 मार्च 2002 को 20-30 लोगों की भीड़ ने तलवार और लाठियों से हमला कर दिया.  भीड़ ने बिलकिस बानो के साथ बलात्कार किया. उस समय बिलकिस 5 महीने की गर्भवती थीं. इतना ही नहीं, उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या भी कर दी थी. बाकी 6 सदस्य वहां से भाग गए थे.
    उसकी तीन साल की बेटी परिवार के उन सात सदस्यों में शामिल थी, जिनकी दंगों के दौरान हत्या कर दी गई थी। पिछले साल 15 अगस्त को सभी 11 दोषियों को सजा में छूट दिए जाने और रिहा किए जाने के तुरंत बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनेताओं ने शीर्ष अदालत में कई याचिकाएं दायर की थीं।
    अदालत में दोषियों ने कहा था कि वे पहले ही बहुत कुछ झेल चुके हैं और 14 साल से अधिक समय जेल में बिता चुके हैं। दोषियों ने कहा था कि उन्हें अपने परिवार के सदस्यों के साथ फिर से मिलने की अनुमति दी जानी चाहिए। यह अनुरोध करते हुए कि उनकी स्वतंत्रता ‘छीन’ नहीं जानी चाहिए, उन्होंने कहा था कि अदालत को positve attitude अपनाना चाहिए और उन्हें खुद को सुधारने का मौका दिया जाना चाहिए।

    बार-बार जान से मारने की धमकियां मिलीं

    बिलकिस बानो को कोर्ट में सुनवाई और सीबीआई जांच के दौरान बार बार जान से मारने की धमकियां मिलीं. उसने दो साल में 20 बार घर बदले.उसने सुप्रीम कोर्ट से अपना केस गुजरात से बाहर किसी दूसरे राज्य में शिफ़्ट करने की अपील की. मामला मुंबई कोर्ट भेज दिया गया. सीबीआई की विशेष अदालत ने जनवरी 2008 में 11 लोगों को दोषी क़रार दिया. 07 को सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया.

    विपक्ष के नेताओं ने दायर की याचिका

    सुनवाई के दौरान केंद्र, गुजरात सरकार और दोषियों ने सजा में छूट के आदेश के खिलाफ सीपीआई-एम नेता सुभाषिनी अली, तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन, आसमां शफीक शेख और अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा था कि जब पीड़िता ने स्वयं अदालत का दरवाजा खटखटाया है, तो दूसरों को इस मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

  • Government of Gujarat : भूपेंद्र पटेल ने ली गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ, कनुभाई देसाई – बलवंत सिंह राजपूत समेत 16 मंत्रियों ने ली शपथ

    Government of Gujarat : भूपेंद्र पटेल ने ली गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ, कनुभाई देसाई – बलवंत सिंह राजपूत समेत 16 मंत्रियों ने ली शपथ

    भूपेंद्र पटेल ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उन्हें प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने सीएम पद की शपथ दिलाई। वहीं भूपेंद्र पटेल के शपथ लेने के बाद कनुभाई देसाई, बलवंत सिंह राजपूत और ऋषिकेश पटेल ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। भूपेंद्र पटेल सरकार में कुल 16 मंत्रियों ने शपथ ली है।
    शपथ लेने से पहले भूपेंद्र पटेल ने सीएम हाउस में 16 विधायकों के साथ हाईलेवर मीटिंग की। शपथ समारोह से पहले सभी बीजेपी विधायक और पार्टी के बड़े नेताओं ने गांधीनगर के होटल लीला में लंच किया। यहीं से नेता शपथ समारोह स्थल हेलीपैठ पर पहुंचे। लंच के लिए पूर्व मंत्री नितिन पटेल भी पहुंचे थे। जब मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या आपको लगता है कि अगर आपने चुनाव न लड़ने का फैला नहीं लिया होता तो आज भी शपथ ले रहे होते, तो उन्होंने कहा-मैं ऐसे खयाली पुलाव नहीं पकाता।

  • Gujarat Assembly Election : 32 साल बीजेपी के नेता रहे जय नारायण व्यास गये कांग्रेस में, गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार में भी थे मंत्री

    Gujarat Assembly Election : 32 साल बीजेपी के नेता रहे जय नारायण व्यास गये कांग्रेस में, गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार में भी थे मंत्री

    जय नारायण व्यास और उनके बेटे समीर व्यास ने अहदाबाद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ली

    गुजरात विधानसभा चुनाव के बीच राज्य के पूर्व मंत्री जय नारायण व्यास कांग्रेस में शामिल हो गये हैं। 75 वर्षीय जय नारायण व्यास ने पांच नवम्बर को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। वह करीब 32 साल भाजपा में रहे। जय नारायण व्यास और उनके बेटे समीर व्यास ने अहमदाबाद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गये। इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलात और गुजरात के कई वरिष्ठ कांग्रेसी मौजूद थे।

    टिकट काटे जाने से थे नाराज

    जय नारायण व्यास ने जब पांच नवम्बर को बीजेपी छोड़ने की पुष्टि की थी, तभी कहा था कि उनके पास आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के विकल्प हैं। तब गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा था कि संभवतज् टिकट मिलने से नाराज होकर व्यास ने भाजपा छोड़ी होगी। उन्होंने कहा था कि जय नारायण व्यास 32 साल बीजेपी में रहे। दस साल में दो बार चुनाव हारने के बाद भी पार्टी ने उन्हें टिकट दिया था। इस बार 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को टिकट न देन का फैसला किया है।

    मोदी सरकार में थे स्वास्थ्य मंत्री

    गुजरात में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाने वाले 75 वर्षीय जय नारायण व्यास ३२ साल से भाजपा के साथ थे। कहा जा रहा था कि वह 2017 में पार्टी द्वारा टिकट काटे जाने के बाद से नाराज चल रहे थे। उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी इस बार उन्हें चुनावी मैदान में उतार देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और आखिरकार इस महीने की शुरुआत में 5 नवम्बर को जय नारायण व्यास ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया था था।

  • Gujarat Assembly Election : बुलडोजर की एंट्री, बीजेपी नेताओं ने जेसीबी पर चढ़कर किया प्रचार

    Gujarat Assembly Election : बुलडोजर की एंट्री, बीजेपी नेताओं ने जेसीबी पर चढ़कर किया प्रचार

    गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ गई है। सभी दलों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने बुलडोजर पर चढ़कर चुनाव प्रचार किया। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ यहां प्रचार करेंगे।
    नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव के रण में उतरे राजनीतिक दलों के नेता प्रचार अभियान में चुटे हुए हैं। सत्ताधारी भाजपा ने भी अपना तूफानी प्रचार शुरू कर दिया है। इसी बीच गुजरात की राजनीति में अब बुलडोजर की एंट्री हो गई है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने सूरत में बुलडोजर पर चढ़कर चुनाव प्रचार किया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ यहां प्रचार के लिए आने वाले हैं।
    दरअसल यूपी में अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान चलाए गये अभियान के चलते सीएम योगी की पहचान बुलडोजर बाबा के तौर पर भी की जाती है। लिहाजा भाजपा नेता भी प्रचार के लिए बुलडोजर लेकर निकल गये। भाजपा कार्यकर्ताओं के अलग अंदाज में किये गये इस चुनाव प्रचार का वीडियो वायरल हो रहा है।

  • Gujarat Assembly Election : अगर गुजरात आना बंद कर दो तो सत्येंद्र जैन को छोड़ देंगे, अरविंद केजरीवाल बोले-बीजेपी से मिला है ऑफर

    Gujarat Assembly Election : अगर गुजरात आना बंद कर दो तो सत्येंद्र जैन को छोड़ देंगे, अरविंद केजरीवाल बोले-बीजेपी से मिला है ऑफर

    अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव की तारीखों को लेकर भी बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी डर गई है और इसलिए चुनाव एक साथ हो रहे हैं

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें बीजेपी ने ऑफर किया है कि अगर गुजरात चुनाव में नहीं जाओगे तो सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया को छोड़ दिया जाएगा और उनके केस बंद हो जाएंगे। वहीं दिल्ली में एमसीडी चुनाव की तारीखों को लेकर भी अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी डरी हुई है।
    अरविंद केजरीवाल ने समाचार चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए दावा किया कि जब मनीष सिसोदिया ने आम आदमी पार्टी छोड़कर दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने के उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया, तब उन्होंने मुझसे संपर्क किया। उन्होंने कहा कि यदि आप गुजरात छोड़ देते हैं और चुनाव नहीं लड़ते हैं तो हम सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन दोनों को छोड़ देंगे और उनके खिलाफ सभी आरोपों को हटा देंगे। अरविंद केजरीवाल के दावे पर एंकर ने उनसे पूछा कि किसने आपको ऑफर किया था ? इस सवाल पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं अपने किसी का नाम कैसे ले सकता हूं। प्रस्ताव उनके माध्यम से आया है। देखिए वे (भाजपा) कभी सीधे संपर्क नहीं करते। वे एक से दूसरे मित्र के पास जाते हैं और फिर संदेश तक पहुंचता है।
    एमसीडी चुनाव के तारीखों को लेकर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली और गुजरात में एक साथ एमसीडी चुनाव कराने से यह नहीं दिखता कि केजरीवाल को घेरा गया है ? इससे पता चलता है कि बीजेपी डरी हुई है। अगर उन्हें दोनों जगहों पर जीत का भरोसा होता तो वे इस तरह की बात पर जोर नहीं देते। तथ्य यह है कि बीजेपी को डर ह कि वे गुजरात और दिल्ली एमसीडी चुनाव में हार जाएंगे। इसलिए उन्होंने सुनिश्चित किया है कि दोनों चुनाव एक ही समय में हों।
    अरविंद केजरीवाल ने भविष्यवाणी की कि आम आदमी पार्टी गुजरात में अगली सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी कांग्रेस को १८२ सदस्यीय विधानसभा में पांच से कम सीटें मिलेंगी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी पहले ही कांग्रेस से आगे है और अगले एक महीने में बीजेपी से भी आगे निकल जाएगी। हम गुजरात में सरकार बनाएंगे।

  • BJP’s Strategy : गुजरात चुनाव के साथ ही दिल्ली एमसीडी चुनाव कराकर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को घेरा  

    BJP’s Strategy : गुजरात चुनाव के साथ ही दिल्ली एमसीडी चुनाव कराकर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को घेरा  

    गुजरात में केजरीवाल का दिल्ली मॉडल तो दिल्ली में बीजेपी के गुजरात मॉडल मॉडल की परीक्षा 

    चरण सिंह राजपूत

    गुजरात विधान चुनाव की घोषणा के तुरंत बाद दिल्ली एमसीडी चुनाव भी घोषित कर दिए गए हैं। राजनीतिक हलके में एमसीडी चुनाव ठीक गुजरात चुनाव के समय होने को बीजेपी की चाल माना जा रहा है। बीजेपी की इस चाल से गुजरात में मजबूती से उभर रही आम आदमी पार्टी पूरी तरह से घिर चुकी है। गुजरात चुनाव जहां 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को हैं तो दिल्ली एमसीडी चुनाव की तारीख 4 दिसम्बर घोषित की गई है। इन दोनों चुनावों के एक साथ होने से जहां दिल्ली मॉडल की परीक्षा होनी है वहीं गुजरात मॉडल भी दांव पर लग गया है। आम आदमी पार्टी के लिए दिक्कत की बात यह है कि उनके पास दिल्ली एमसीडी चुनाव के लिए जो नेता हैं वही नेता गुजरात चुनाव भी लड़ाएंगे।  बीजेपी के लिए ऐसा नहीं है। बीजेपी की ओर से जहां एमसीडी चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, सांसद मनोज तिवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और रामवीर बिधूड़ी को मोर्चा संभालना है तो गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह स्टार प्रचारक हैं। आम आदमी पार्टी में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ ही दिल्ली एमसीडी चुनाव का भी नेतृत्व करना है।
    यदि बात गुजरात विधानसभा चुनाव की बात करें तो जहां आम आदमी पार्टी दिल्ली मॉडल पर चुनावी समर में है तो वहीं बीजेपी गुजरात मॉडल को फिर से आजमा रही है। कांग्रेस दिल्ली एमसीडी और गुजरात विधानसभा चुनाव दोनों जगहों पर नजर नहीं आ रही है। गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ ही दिल्ली एमसीडी चुनाव में भी आम आदमी की गुजरात में बढ़ती ताकत ने लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। जिस तरह से आम आदमी पार्टी में टिकट के लिए मारामारी हो रही है उससे दोनों जगह पर मुकाबला  भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच माना जा रहा है।
    गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ ही दिल्ली एमसीडी दोनों चुनावों में जहां केजरीवाल के दिल्ली मॉडल की परीक्षा होनी है वहीं गुजरात मॉडल भी परखा जाना है। दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के जेल में होने और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर चल रही सीबीआई जांच से दोनों ही जगह जहां दिल्ली मॉडल पर उंगली उठा रही है वहीं मोरबी पुल हादसे ने गुजरात मॉडल को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इन चुनाव में दिलचस्प बात यह है कि लंबे समय से भाजपा की प्रतिद्वंद्वी चल रही पार्टी कांग्रेस कही नहीं दिखाई पड़ रही है। हां भाजपा दोनों ही चुनावों में अंदरखाने चुनाव की रणनीति बनाने में लगी है।
    जिस तरह से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली मॉडल को लेकर गुजरात में भाजपा को ललकार रहे हैं वहीं दिल्ली में बीजेपी नेता सत्येंद्र जैन और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भ्र्ष्टाचारी बताकर केजरीवाल के दिल्ली मॉडल की हवा निकाल रहे हैं।  गुजरात के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गृह राज्य होने तथा 2024 में आम चुनाव की वजह से गुजरात का विधानसभा चुनाव सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए बड़ा अहम माना जा रहा है। ऐसे ही दिल्ली एमसीडी चुनाव बीजेपी और आम आदमी पार्टी की प्रतिष्ठा से जुड़ा है। वैसे भी एमसीडी चुनाव में होने वाली देरी का आरोप केंद्र सरकार पर लगाकर केजरीवाल ने मोदी के 56 इंच के सीने को ललकार दिया था।

    गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए चिंता की बात यह है कि यदि अरविंद केजरीवाल ने चुनाव में उसे पटखनी दे दी तो 2024 के लोकसभा चुनाव में उसके लिए आफत बन जाएंगे। ऐसे ही आम आदमी पार्टी की समझ में भी यह भलीभांति आ रहा है कि यदि गुजरात चुनाव में वह ढीली पड़ गई तो दिल्ली एमसीडी चुनाव पर भी इसका असर पड़ेगा।
    गुजरात में गत महीनों में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की गुजरात में हुई लगातार रैलियों, जनसभाओं और कार्यक्रमों में इस बात का जिक्र किया गया कि बीते दो दशक में गुजरात किस तरीके से एक रोल मॉडल के तौर पर डेवलपमेंट के कीर्तिमान रच रहा है। देखने की बात यह है कि जहां नरेंद्र मोदी गुजरात मॉडल पर दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं वहीं इसी डेवलपमेंट मॉडल को लेकर भाजपा ने बीते कुछ सालों से देश के अलग-अलग राज्यों में भी चुनाव लड़ा और जीता है। अरविन्द केजरीवाल के दिल्ली के फ्री शिक्षा और चिकित्सा मुद्दे को गुजरात के लोगों के सामने रखने से राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं कि गुजरात के चुनाव में क्या गुजरात मॉडल अपनी वही गाथा दोहराएगा पायेगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के गुजरात की जनसभाओं में डबल इंजन सरकार को नकारते हुए नए इंजन की आवश्यकता पर बल देने से भाजपा नेताओं के माथे पर सलवटें पड़ रही हैं।  केजरीवाल बीजेपी सरकार को ख़राब हुआ दो दशक पुराना इंजन बता हैं तथा नए इंजन को मौका देने की बात कर आम आदमी पार्टी को जिताने की अपील कर रहे हैं।

  • Gujarat Assembly Election : केजरीवाल ने पूर्व पत्रकार को ईसूदान गढ़वी को बनाया सीएम पद का उम्मीदवार

    Gujarat Assembly Election : केजरीवाल ने पूर्व पत्रकार को ईसूदान गढ़वी को बनाया सीएम पद का उम्मीदवार

    चुनाव आयोग ने गुरुवार को गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के बाद सभी दल पूरी तरह से चुनाव की तैयारी में जुट गये हैं। भाजपा के अलावा प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के अलावा आप व एआईएमआईएम समेत अन्य दलों ने तैयारी तेज कर दी है। गुजरात चुनाव में अपनी और अपनी पार्टी की ताकत आजमाने जा रहे आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने आज सीएम प्रत्याशी का ऐलान कर दिया। राज्य में ईसूदान गढ़वी पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवरा होंगे। दिल्ली के बाद पंजाब में जीत का परचम फहरा चुके केजरीवाल को गुजरात चुनाव से भी बड़ी उम्मीद है।
    चुनाव आयोग ने एक दिन पहले ही गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है। राज्य में दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को मतदान होगा। इसके साथ ही सत्तारूढ़ भाजपा, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के अलावा आप व एआईएमआईएम समेत अन्य दलों ने तैयारी तेज कर दी है। आप सूत्रों के अनुसार इसूदान के साथ सीएम उम्मीदवारी की रेस में गोपाल इटालिया का भी नाम था।

    सीएम प्रत्याशी के साथ कल रोड शो करेंजे केजरीवाल

    चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद आप ने गुजरात में प्रचार अभियान तेज कर दिया है। पार्टी शनिवार से रोड शो शुरू करेगी। इसमें दिल्ली के सीएम केजरीवाल गुजरात में पार्टी के सीएम प्रत्याशी इसूदान गढ़वी के साथ चलेंगे। आप राज्य में रोजाना दो से तीन रोड शो करेगी।

    इटालिया से था गढ़वी का मुकाबला

    आप के सीएम प्रत्याशी की रेस में प्रदेश पार्टी अध्यक्ष गोपाल इटालिया का नाम सबसे आगे था।  दरअसल इटालिया गुजरात के पाटीदार समुदाय से हैं। वे पाटीदार आरक्षण आंदोलन में भी अग्रणी थे। वहीं गढ़वी पूर्व पत्रकार हैं। वे पाटीदार आरक्षण आंदोलन में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे थे। हालांकि इटालिया के साथ विवाद जुड़ने के बाद माना जा रहा था कि इटालिया की उम्मीदवारी कमजोर पड़ सकती है। आप ने जून से ही गुजरात में चुनाव अभियान शुरू कर दिया था। वह लोक लुभावन चुनावी वादों और प्रचार के मामले में अन्य दलों पर भारी पड़ रही है।

    त्रिकोणीय मुकाबला होगा

    गुजरात चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होगा। सत्तारूढ़ भाजपा राज्य में फिर सत्ता प्राप्ति के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी तो मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी पूरी ताकत झोंकेगी। भाजपा राज्य में बीते २७ सालों में  सत्ता में है और इस बार भी फिर जीत का परचम लहराने में जुटी है। आप ने मसें तड़का लगा दिया है। पंजाब में जीत के बाद आप गुजरात को लेकर भी उत्साहित है। वहीं सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी जोर आजमाइश करेगी।