Category: आस्था

  • Ram Mandir : रामलला प्राण प्रतिष्ठा पर 22 जनवरी को सरकारी दफ्तरों में आधे दिन की रहेगी छुट्टी, मोदी सरकार का फैसला

    Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर उद्घाटन को लेकर जोर-शोर से चल रही तैयारियों के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया। केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को आधे दिन के लिए सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। उन्होंने कहा कि भारी जनभावनाओं को देखते हुए ये फैसला लिया गया है।

    सरकार ने अपने आदेश में कहा, ”अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को पूरे भारत में मनाई जाएगी। कर्मचारियों उत्सव में भाग ले सकें इसके लिए यह निर्णय लिया गया है कि पूरे भारत में सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालय, केंद्रीय संस्थान और केंद्रीय औद्योगिक प्रतिष्ठान 22 जनवरी 2024 को दोपहर दो बजकर 30 मिनट तक आधे दिन के लिए बंद रहेंगे.”

     

    इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर पर स्मारक डाक टिकट और दुनिया भर में भगवान राम पर जारी डाक टिकटों की एक पुस्तक जारी की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि राम, सीता और रामायण का महात्मय समय, समाज, जाति, धर्म और क्षेत्र की सीमाओं से परे हैं. ये हर किसी को जोड़ते हैं।

     

    कौन-कौन से राज्य छुट्टी का ऐलान कर चुके हैं?

     

    रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देखते हुए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा, हरियाणा और छत्तीसगढ़ ने सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान किया है।

     

    अनुष्ठान जारी

     

    राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अनुष्ठान किए जा रहे हैं।  इससे पहले बुधवार को कलश पूजन का आयोजन किया गया। रामलला की मूर्ति को राम मंदिर के गर्भ गृह में गुरुवार को लाया गया। मूर्ति को अंदर लाने से पहले गर्भगृह में एक विशेष पूजा आयोजित की गई।

    ये अनुष्ठान 21 जनवरी तक जारी रहेंगे। बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर एक बजे समाप्त होने की उम्मीद है। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित हजारों लोग शामिल होंगे।

  • Ayodhya Ram Mandir : ‘हनुमान, गणेश, जटायु-केवटराज और मां शबरी’, प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने राम मंदिर पर डाक टिकट किया जारी

    Ayodhya Ram Mandir : ‘हनुमान, गणेश, जटायु-केवटराज और मां शबरी’, प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने राम मंदिर पर डाक टिकट किया जारी

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर स्मारक डाक टिकट जारी किया है। इसके साथ ही पीएम ने दुनिया भर में भगवान राम पर जारी टिकटों की एक पुस्तक भी जारी की। 48 पेज की इस किताब में 20 देशों के टिकट हैं। पीएम मोदी ने कुल 6 डाक टिकट जारी किए हैं।  इनमें राम मंदिर, भगवान गणेश, हनुमान, जटायु, केवटराज और मां शबरी शामिल हैं।

    इस दौरान पीएम मोदी ने एक संदेश भी जारी किया। पीएम मोदी ने कहा, नमस्कार, राम राम… आज राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अभियान से जुड़े एक कार्यक्रम से जुड़ने का सौभाग्य मिला है। आज राम मंदिर को समर्पित 6 विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किए गए हैं। विश्व के अलग अलग देशों में राम से जुड़े जो डाक टिकट जारी हुए हैं। उनका एलबम भी रिलीज हुआ है।  मैं सभी रामभक्तों को बधाई देता हूं। पोस्टल स्टैंप का एक काम, उन्हें लिफाफों पर लगाना, उनकी मदद से पत्र, संदेश या जरूरी कागज भेजना, लेकिन ये पोस्टल स्टैंप एक अनोखी भूमिका निभाते हैं।

    पीएम मोदी ने कहा, ये पोस्टल स्टैंप विचारों, इतिहास और ऐतिहासिक अवसरों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम भी होते हैं. जब कोई डाक टिकट जारी होता है, जब इसे कोई भेजता है,तो वह सिर्फ पत्र नहीं भेजता बल्कि पत्र के माध्यम से इतिहास के अंश को दूसरे तक पहुंचा देता है। ये सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं है। ये इतिहास की किताबों के रूपों और ऐतिहासिक क्षणों का छोटा रूप भी होते हैं। इनसे युवा पीढ़ी को भी बहुत कुछ जानने और सीखने को मिलता है। इन टिकट में राम मंदिर का भव्य चित्र है. पीएम मोदी ने कहा, इस काम में डाक विभाग को राम ट्रस्ट के साथ साथ संतों का भी साथ मिला है. मैं संतों को प्रणाम करता हूं।

  • राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की होगी स्थापना, शुभ मुहूर्त हुआ फाइनल, 24 पद्धतियों से होगी पूजा

    राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की होगी स्थापना, शुभ मुहूर्त हुआ फाइनल, 24 पद्धतियों से होगी पूजा

    Pran Pratishta : अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले गुरुवार को भगवान रामलाल की प्रतिमा को मंदिर के गृर्भग्रह में स्थापित किया जाना है।  इसके लिए शुभ मुहूर्त का समय फाइनल हो गया है।  रामलला के विग्रह को गर्भग्रह में स्थापित करने का मुहूर्त दोपहर 1.20 से 1.28 के बीच है। सभी 131 वैदिक दोपहर 12 बजे राम जन्मभूमि गर्भगृह पहुंचेगे। इसी मुहूर्त में विग्रह को स्थापित किया जाएगा। 24 अलग अलग पद्धतियां से पूजन प्रक्रिया शुरू होगी।

    वहीं, बुधवार (17 जनवरी) रात रामलला की मूर्ति राम मंदिर परिसर में पहुंची। एक क्रेन की मदद से मूर्ति को परिसर में लाया गया। इस मूर्ति को ही आज गर्भगृह में स्थापित किया जाना है।  मूर्ति को गर्भगृह में लाने से पहले विशेष पूजा-अर्चना भी की गई। गर्भगृह में रामलला का सिंहासन भी बनाया गया है। मकराना पत्थर से बने सिंहासन की ऊंचाई 3.4 फीट है। इसी सिंहासन पर भगवान की प्रतिमा को विराजमन किया जाएगा। इसके बाद भक्त इस प्रतिमा के दर्शन कर पाएंगे।

    अयोध्या में किया गया कलश पूजन

    वहीं, प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या में कई तरह के अनुष्ठान चल रहे हैं। इसके तहत बुधवार को सरयू नदी के तट पर कलश पूजन किया गया। प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले हो रहे अनुष्ठान की शुरुआत मंगलवार से हुई है, जो 21 जनवरी तक चलने वाली है। सरयू नदी के तट पर ‘यजमान’ (मुख्य यजमान) के जरिए कलश पूजन किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा, उनकी पत्नी और अन्य लोगों ने कलश पूजन किया।

    कब और कितने बजे होगी प्राण प्रतिष्ठा?

    मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होने वाला है। प्राण प्रतिष्ठा की शुरुआत दोपहर 12.20 बजे होने वाली है, जो दोपहर एक बजे तक चलेगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषण देने वाले हैं. इस कार्यक्रम में 8000 मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद जताई गई है. हालांकि, सिर्फ कुछ ही लोगों को राम मंदिर के गर्भगृह के भीतर जाने की इजाजत मिलने वाली है।

     

    प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पीएम मोदी होंगे मुख्य यजमान

     

    समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मुख्य अर्चक पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित ने कहा है कि पीएम मोदी मुख्य यजमान होंगे। अभी तक ये माना जा रहा था कि राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े अनुष्ठान में यजमान हो सकते हैं।  हालांकि, पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित ने बुधवार को कहा कि पीएम मोदी ही यजमान होने वाले हैं।  दीक्षित  राजस्थान के लक्ष्मणगढ़ स्थित भगवान राम मंदिर में और ओडिशा के एक मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम करवा चुके हैं।

  • गुजरात में भारी पड़ रहा है हाईकमान का राम मंदिर निमंत्रण ठुकराना, कांग्रेस छोड़ BJP ज्वाइन करेंगे कई नेता

    गुजरात में भारी पड़ रहा है हाईकमान का राम मंदिर निमंत्रण ठुकराना, कांग्रेस छोड़ BJP ज्वाइन करेंगे कई नेता

      अहमदाबाद।  कांग्रेस के राम मंदिर उद्घाटन का निमंत्रण ठुकराने के कारण पार्टी के कार्यकर्ताओं में जहां बेचैनी है तो वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी बीजेपी ने इस फायदा उठाने के लिए गुजरात में भर्ती अभियान शुरू किया है। इसके तहत गुजरात के तमाम कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक बड़े कार्यक्रम में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने सभी का पार्टी में स्वागत किया। इसके मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहे। इस समारोह में राजकोट जिला पंचायत के विपक्ष के नेता अर्जुन खटारिया गांधीनगर स्थित बीजेपी के कमलम में लगभग 1,000 समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए, जिनमें कुछ कांग्रेस पोर्टफोलियो धारक और सहकारी समितियों के पार्टी सदस्य शामिल थे। खटारिया ने कहा कि कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में भाग नहीं के फैसले ने उन्हें पार्टी छोड़न को मजबूर किया।

    लोकसभा अभियान भी शुरू किया

    राज्य भाजपा ने 16 जनवरी से राज्य भर में दीवार पेंटिंग अभियान शुरू करके इस साल के लोकसभा चुनाव के लिए अपना अभियान भी शुरू किया। बीजेपी और कांग्रेस के सूत्रों ने ईटी को बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि कुछ विधायक भी भाजपा में शामिल होने के लिए कतार में हैं। गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जीपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष और पोरबंदर विधायक अर्जुन मोधवाडिया ने एक्स पर पोस्ट की थी। इसमें उन्होंने लिखा था कि भगवान राम की पूजा की जानी चाहिए। यह नागरिकों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को इस तरह का राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए।

    शक्ति सिंह फैसले को बता रहे सही

    गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति (जीपीसीसी) अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और अन्य नेता पार्टी के रुख को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि शंकराचार्य भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि बीजेपी चुनाव में लाभ के लिए अधूरे मंदिर का उद्घाटन करने में जल्दबाजी कर रही है, तो वहीं कांग्रेस के कुछ स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने स्वीकार किया कि वे पार्टी कार्यकर्ताओं को जाने से नहीं सकते हैं। अगर आने वाले दिनों कांग्रेस से और नेताओं और कार्यकर्ताओं का रुख बीजेपी की तरफ हुआ तो निश्चित तौर पर गुजरात में कांग्रेस और कमजोर होगी।

  • Pran Pratishtha Security : ड्रोन का पहरा, 10 हजार से ज्यादा CCTV और चप्पे-चप्पे पर जवान, प्राण प्रतिष्ठा से पहले अभेद्य किले में अयोध्या तब्दील

    Pran Pratishtha Security : ड्रोन का पहरा, 10 हजार से ज्यादा CCTV और चप्पे-चप्पे पर जवान, प्राण प्रतिष्ठा से पहले अभेद्य किले में अयोध्या तब्दील

    Ram Mandir Pran Pratishtha security : सुरक्षा की दृष्टि अयोध्या की किलेबंदी की जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या की सुरक्षा में पूरी तरह से जान झौंकी हुई है। यही वजह है कि राम मंदिर में प्रभु की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या नगरी सुरक्षा के मोर्चे पर अभेद्य किले में तब्दील हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में होने वाले इस समारोह में करीब 8000 वीआईपी अतिथि रहेंगे। यही वजह है कि आसमान से लेकर जमीन तक कड़ी निगरानी और सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। ऊपर ड्रोन से सिक्योरिटी मॉनिटरिंग होगी। 10 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी इंस्टॉल हुए हैं जो चप्पे-चप्पे की निगहबानी करेंगे।
    22 जनवरी को अयोध्या में परिंदा भी पर न मार सके। इसलिए ड्रोन और सीसीटीवी के अलावा बड़ी संख्या में विशेष तौर पर प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होगी। वे ऑटोमैटिक हथियारों से लैस होंगे और इन जवानों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में तैनात रहने वाले (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) एसपीजी से लेकर आतंक रोधी दस्ते (एटीएस) तक के स्पेशल कमांडो तैनात किए जाएंगे।

     

    अयोध्या में बढ़ने लगी राम भक्तों की भीड़

     

    प्राण प्रतिष्ठा की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, अयोध्या में राम भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है। राम मंदिर निर्माण के लिए 500 से अधिक सालों तक इंतजार किया गया है, इसलिए राम भक्त इस लम्हे को निहारना चाहते हैं। कार्यक्रम के दौरान कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए सुरक्षा एजेंसी का खास तौर पर सतर्क है और फूंक फूंक कर कदम बढ़ाया जा रहा है।

     

    सात लेयर की होगी सुरक्षा

     

    प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की अचूक सुरक्षा के लिए केंद्र और यूपी सरकार की सुरक्षा एजेंसियों ने साथ मिलकर 7 लेयर सुरक्षा घेरा तैयार किया है। पहले घेरे में SPG के कमांडो होंगे और जिनके हाथ में अत्याधुनिक हथियार होंगे। दूसरे घेरे में NSG के जवान होंगे. तीसरे घेरे में IPS अधिकारी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। चौथे घेरे का जिम्मा CRPF के जवानों पर होगा. पांचवें घेरे में यूपी एटीएस के कमांडो होंगे जो किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में एक्शन लेने के लिए तैयार होंगे। छठे घेरे में आईबी और सातवें घेरे में स्थानीय पुलिस के जवानों की फौज खड़ी होगी।

     

    देश की सबसे बड़ी हस्तियां होंगी शामिल

     

    बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में वर्तमान में देश के जो सबसे पावरफुल लोग हैं वे शामिल होंगे। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होने वाले हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में देश-विदेश की हस्तियां शामिल होने के लिए आ रही हैं। आमंत्रित अतिथियों के अलावा लाखों की संख्या में आम लोग भी उस दिन अयोध्या पहुंचने वाले हैं, जो कार्यक्रम का तो हिस्सा नहीं होंगे, लेकिन इस खास मौके पर रामनगरी में मौजूद रहेंगे।

     

    इंस्टॉल किया गया है एंटी ड्रोन सिस्टम भी

     

    सुरक्षा तैयारी में कार्यक्रम के दौरान संभावित तौर पर किसी भी आसमानी हमने से निपटने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कमांड कंट्रोल सिस्टम बनाए गए हैं। यहां के एसपी प्रवीण रंजन मैं एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि राम मंदिर की सुरक्षा में CRPF की 6 कंपनी, PAC की 3 कंपनी, SSF की 9 कंपनी और ATS और STF की एक-एक यूनिट चौबीसों घंटे तैनात रहेंगी। इसके साथ ही 300 पुलिसकर्मी, 47 फायर सर्विस,  40 रेडियो पुलिस के जवान, 37 लोकल इंटेलिजेंस, 2 बम डिटेक्शन स्कवॉड की टीम और 2 ही एंटी सबोटाज स्क्वॉड  की टीम तैनात की गई हैं. इनकी तैनाती न केवल कार्यक्रम स्थल पर बल्कि मंदिर तक जाने वाले सभी रास्तों और चौराहों पर होगी ताकि किसी भी घुसपैठ को रोका जा सके. हर आने वाले पर नजर रखी जा रही है. और जो संदिग्ध दिख रहा है उसकी पहचान पूछी जा रही है.

     

    अकेले पीएम की सुरक्षा में हजार से अधिक जवान

     

    सबसे अधिक सुरक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सुनिश्चित की गई है. पीएम के सुरक्षा घेरे में तीन DIG , 17 SP, 40 ASP, 82 DSP, 90 इंस्पेक्टर के साथ-साथ 1000 से ज्यादा कॉन्स्टेबल और 4 कंपनी पीएसी तैनात रहेंगी. निगरानी के लिए यूपी पुलिस ने 10 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. जिन लोगों के दुकानों और घरों के सामने सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उनको भी पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है.

     

    स्नाइपर भी संभालेंगे मोर्चा

     

    कार्यक्रम के दौरान दूर-दूर तक निगरानी रखने और किसी भी लॉन्ग रेंज अटैक को काउंटर करने के लिए स्नाइपर की भी तैनाती की गई है. उत्तर प्रदेश के डीजी एलओ प्रशांत कुमार ने एबीपी न्यूज़ को बताया है कि अयोध्या में माइक्रो लेवल तक सुरक्षा की तैयारी है. सरयू के तट पर सुरक्षा के लिए स्नाइपर तैनात रहेंगे तो कई जवान हाई स्पीड वोट के जरिए नजर रखेंगे. स्थानीय लोगों की मानें तो अयोध्या के ईर्द गिर्द सुरक्षा का इतना मजबूत घेरा आज से पहले कभी नहीं बना है. लोगों का कहना है कि इतना बड़ा उत्सव पहले कभी नहीं हुआ इसलिए यह बेहद खास है।

  • Pran Pratishtha Security : ड्रोन का पहरा, 10 हजार से ज्यादा CCTV और चप्पे-चप्पे पर जवान, प्राण प्रतिष्ठा से पहले अभेद्य किले में अयोध्या तब्दील  

    Ram Mandir Pran Pratishtha security : सुरक्षा की दृष्टि अयोध्या की किलेबंदी की जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या की सुरक्षा में पूरी तरह से जान झौंकी हुई है। यही वजह है कि राम मंदिर में प्रभु की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या नगरी सुरक्षा के मोर्चे पर अभेद्य किले में तब्दील हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में होने वाले इस समारोह में करीब 8000 वीआईपी अतिथि रहेंगे। यही वजह है कि आसमान से लेकर जमीन तक कड़ी निगरानी और सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। ऊपर ड्रोन से सिक्योरिटी मॉनिटरिंग होगी। 10 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी इंस्टॉल हुए हैं जो चप्पे-चप्पे की निगहबानी करेंगे।
    22 जनवरी को अयोध्या में परिंदा भी पर न मार सके। इसलिए ड्रोन और सीसीटीवी के अलावा बड़ी संख्या में विशेष तौर पर प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होगी। वे ऑटोमैटिक हथियारों से लैस होंगे और इन जवानों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में तैनात रहने वाले (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) एसपीजी से लेकर आतंक रोधी दस्ते (एटीएस) तक के स्पेशल कमांडो तैनात किए जाएंगे।

     

    अयोध्या में बढ़ने लगी राम भक्तों की भीड़

     

    प्राण प्रतिष्ठा की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है, अयोध्या में राम भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है। राम मंदिर निर्माण के लिए 500 से अधिक सालों तक इंतजार किया गया है, इसलिए राम भक्त इस लम्हे को निहारना चाहते हैं। कार्यक्रम के दौरान कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए सुरक्षा एजेंसी का खास तौर पर सतर्क है और फूंक फूंक कर कदम बढ़ाया जा रहा है।

     

    सात लेयर की होगी सुरक्षा

     

    प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की अचूक सुरक्षा के लिए केंद्र और यूपी सरकार की सुरक्षा एजेंसियों ने साथ मिलकर 7 लेयर सुरक्षा घेरा तैयार किया है। पहले घेरे में SPG के कमांडो होंगे और जिनके हाथ में अत्याधुनिक हथियार होंगे। दूसरे घेरे में NSG के जवान होंगे. तीसरे घेरे में IPS अधिकारी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। चौथे घेरे का जिम्मा CRPF के जवानों पर होगा. पांचवें घेरे में यूपी एटीएस के कमांडो होंगे जो किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में एक्शन लेने के लिए तैयार होंगे। छठे घेरे में आईबी और सातवें घेरे में स्थानीय पुलिस के जवानों की फौज खड़ी होगी।

     

    देश की सबसे बड़ी हस्तियां होंगी शामिल

     

    आपको बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में वर्तमान में देश के जो सबसे पावरफुल लोग हैं वे शामिल होंगे। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होने वाले हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में देश-विदेश की हस्तियां शामिल होने के लिए आ रही हैं। आमंत्रित अतिथियों के अलावा लाखों की संख्या में आम लोग भी उस दिन अयोध्या पहुंचने वाले हैं, जो कार्यक्रम का तो हिस्सा नहीं होंगे, लेकिन इस खास मौके पर रामनगरी में मौजूद रहेंगे।

     

    इंस्टॉल किया गया है एंटी ड्रोन सिस्टम भी

     

    सुरक्षा तैयारी में कार्यक्रम के दौरान संभावित तौर पर किसी भी आसमानी हमने से निपटने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कमांड कंट्रोल सिस्टम बनाए गए हैं। यहां के एसपी प्रवीण रंजन मैं एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि राम मंदिर की सुरक्षा में CRPF की 6 कंपनी, PAC की 3 कंपनी, SSF की 9 कंपनी और ATS और STF की एक-एक यूनिट चौबीसों घंटे तैनात रहेंगी। इसके साथ ही 300 पुलिसकर्मी, 47 फायर सर्विस,  40 रेडियो पुलिस के जवान, 37 लोकल इंटेलिजेंस, 2 बम डिटेक्शन स्कवॉड की टीम और 2 ही एंटी सबोटाज स्क्वॉड  की टीम तैनात की गई हैं. इनकी तैनाती न केवल कार्यक्रम स्थल पर बल्कि मंदिर तक जाने वाले सभी रास्तों और चौराहों पर होगी ताकि किसी भी घुसपैठ को रोका जा सके। हर आने वाले पर नजर रखी जा रही है। और जो संदिग्ध दिख रहा है उसकी पहचान पूछी जा रही है ।

     

    अकेले पीएम की सुरक्षा में हजार से अधिक जवान

     

    सबसे अधिक सुरक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सुनिश्चित की गई है. पीएम के सुरक्षा घेरे में तीन DIG , 17 SP, 40 ASP, 82 DSP, 90 इंस्पेक्टर के साथ-साथ 1000 से ज्यादा कॉन्स्टेबल और 4 कंपनी पीएसी तैनात रहेंगी. निगरानी के लिए यूपी पुलिस ने 10 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। जिन लोगों के दुकानों और घरों के सामने सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उनको भी पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है।

     

    स्नाइपर भी संभालेंगे मोर्चा

     

    कार्यक्रम के दौरान दूर-दूर तक निगरानी रखने और किसी भी लॉन्ग रेंज अटैक को काउंटर करने के लिए स्नाइपर की भी तैनाती की गई है । उत्तर प्रदेश के डीजी एलओ प्रशांत कुमार ने बताया है कि अयोध्या में माइक्रो लेवल तक सुरक्षा की तैयारी है। सरयू के तट पर सुरक्षा के लिए स्नाइपर तैनात रहेंगे तो कई जवान हाई स्पीड वोट के जरिए नजर रखेंगे। स्थानीय लोगों की मानें तो अयोध्या के ईर्द गिर्द सुरक्षा का इतना मजबूत घेरा आज से पहले कभी नहीं बना है। लोगों का कहना है कि इतना बड़ा उत्सव पहले कभी नहीं हुआ इसलिए यह बेहद खास है।

  • मथुरा में शाही ईदगाह के सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, इलाहाबाद HC ने दिया था आदेश, 23 जनवरी को अगली सुनवाई

    मथुरा में शाही ईदगाह के सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, इलाहाबाद HC ने दिया था आदेश, 23 जनवरी को अगली सुनवाई

    Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में शाही ईदगाह में सर्वे पर रोक लगा दी है। बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह में कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह के सर्वेक्षण पर इलाहाबाद HC के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर जवाब मांगा है।

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में शाही ईदगाह में सर्वे पर रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह में कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था।

    सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर लगाई रोक

    इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए आयुक्त नियुक्त करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी।

     

    पीठ ने क्या कहा?

     

    जज संजीव खन्ना और जज दीपांकर दत्ता की पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा 14 दिसंबर, 2023 को दिए आदेश पर रोक लगाई है। पीठ ने कहा कि कुछ कानूनी मुद्दे हैं, जो उत्पन्न हुए हैं। पीठ ने सर्वेक्षण के लिए एक आयुक्त की नियुक्ति के हाई कोर्ट के समक्ष किए गए अस्पष्ट आवेदन पर भी सवाल उठाया है।

     

     

    सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद समिति की याचिका पर मांगा जवाब

     

    सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह के सर्वेक्षण पर हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर हिंदू संगठन, भगवान श्रीकृष्ण विराजमन और अन्य से जवाब मांगा है।

  • Delhi News : राममय माहौल के बीच AAP का सुंदरकांड पाठ, दिल्ली CM केजरीवाल आज पत्नी संग करेंगे हनुमान जी की पूजा

    Delhi News : राममय माहौल के बीच AAP का सुंदरकांड पाठ, दिल्ली CM केजरीवाल आज पत्नी संग करेंगे हनुमान जी की पूजा

  • Ayodhya Ram Mandir : धार्मिक पर्यटन की सर्च में 97 फीसदी उछाल,  राम मंदिर ने खोल दिए आशाओं के नए द्वार

    Ayodhya Ram Mandir : धार्मिक पर्यटन की सर्च में 97 फीसदी उछाल,  राम मंदिर ने खोल दिए आशाओं के नए द्वार

    Religious Tourism: अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होने वाला है। राम मंदिर (Ram Mandir) ने धार्मिक पर्यटन (Religious Tourism) को नई ऊंचाइयां दे दी है। धार्मिक स्थलों के बारे में जाने के इच्छुक लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।  ऑनलाइन ट्रेवल प्लेटफॉर्म मेक माय ट्रिप (MakeMyTrip) के अनुसार, पिछले दो साल में धार्मिक जगहों के बारे में सर्च करने वालों की संख्या लगभग 97 फीसदी बढ़ गई है। साल 2021 से 2023 के बीच लोग यात्राओं के लिए धार्मिक स्थलों को तरजीह दे रहे हैं. इनमें भी आकर्षण का केंद्र अयोध्या और वहां बन रहा राम मंदिर है।

     

    अयोध्या के बारे में लोग सबसे ज्यादा सर्च कर रहे

     

    ऑनलाइन ट्रेवल कंपनी मेक माय ट्रिप के आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल अयोध्या के बारे में लोग सबसे ज्यादा सर्च कर रहे हैं। यह आंकड़ा 585 फीसदी तक बढ़ चुका है। कंपनी के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुटाए गए आंकड़े बताते हैं कि लोगों में धार्मिक यात्राएं करने की रुचि तेजी से बढ़ी है।  पिछले 2 सालों में लोगों की प्राथमिकताएं तेजी से बदली हैं, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से यह सोच और ज्यादा मजबूत होती जा रही है।

     

    इन धार्मिक शहरों के बारे में जानने की रुचि भी बढ़ी

     

    ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के अनुसार, साल 2021 से 2023 के बीच अयोध्या के अलावा लोगों ने उज्जैन (359 फीसदी), बदरीनाथ (343 फीसदी), अमरनाथ (329 फीसदी), केदारनाथ (322 फीसदी), मथुरा (223 फीसदी), द्वारकाधीश (193 फीसदी), शिरडी (181 फीसदी), हरिद्वार (117 फीसदी) और बोध गया (114 फीसदी) के बारे में सबसे ज्यादा सर्च किया।

     

    अयोध्या के बारे में सबसे ज्यादा सर्च 30 दिसंबर को हुई

     

    मेक माय ट्रिप के अनुसार, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के फैसले के बाद से तो यहां के बारे में जानने वालों की संख्या आसमान छू गई। राम मंदिर के उद्घाटन की तिथि के आ जाने के अयोध्या के बारे में सर्च करने वालों की संख्या 1806 फीसदी बढ़ी थी. अयोध्या के बारे में सबसे ज्यादा सर्च 30 दिसंबर को की गई. इस दिन अयोध्या एयरपोर्ट का उद्घाटन हुआ था।  साथ ही अयोध्या के पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 नई नवेली अमृत भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी।

  • Ram Mandir : प्राणप्रतिष्ठान कार्यक्रम का विरोध क्यों?

    Ram Mandir : प्राणप्रतिष्ठान कार्यक्रम का विरोध क्यों?


    बलवंत सिंह राजपूत 

    भारत के अप्राकृतिक एवम अतार्किक विभाजन से दग्घ ह्रदय के साथ बचपन से राष्ट्रीय अस्मिता से जुड़े जो सपने देखे थे उनमें से प्रमुख तीन थे: अयोध्या में श्री राम के जन्मस्थान पर रामलला के मंदिर का पुनः निर्माण; कश्मीर से धारा 370 का हटाया जाना; तथा भारत में समान नागरिकता संहिता को लगाया जाना। आपातकाल की अवधि में कारागार में रहते भी इन्ही तीन सपनो को पूरा करने के संकल्पों को बार बार दोहराया था। स्वतंत्र भारत में दीर्घकालीन कांग्रेस शासन में मुस्लिम तुष्टिकरण नीतियों के चलते इन संकल्पों के पूर्ण होने की कोई आशा नहीं थी और लगता था कि शायद अपने जीवन काल में इन तीन संकल्पों को पूर्ण होते देखना संभव न होगा क्योंकि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पुनः निर्मित श्री सोमनाथ मंदिर के तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा लोकार्पण का जैसा अवांछनीय निरंकुश विरोध तत्कालीन प्रधान मंत्री ( श्री जवाहर लाल नेहरू) द्वारा किया गया था उस से कांग्रेस की सनातन विरोधी एवम हिंदू विरोधी नीति स्पष्ट हो गई थी। उस सरकार की उसी नीति का मूर्खता पूर्ण निर्णय कश्मीर में धारा 370 लगा कर अलगाववाद, कट्टर सप्रदायवाद तथा उस क्षेत्र में निरंकुश आतंकवाद उत्पन्न करना था जिसके दंश देश ने 2014 तक झेले। देश की वर्तमान सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाकर और अयोध्या में राममंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करके उक्त तीन संकल्पों में से पूर्ण दक्षता से पूर्ण शांतिपूर्ण ढंग से देश के संविधान का पूर्णतः सम्मान करते हुवे दो संकल्पों को पूरा किया तथा तीसरे संकल्प को पूर्ण करने की आधारशिला तीन तलाक विरोधी कानून लाकर रख दी।
    गत पांच सौ वर्षो से अधिक चले संघर्ष में हुये असंख्य बलिदानों के बाद पूर्ण राष्ट्रीय गौरव के रूप में अयोध्या में श्रीराम लला के जन्म स्थान पर अति भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है तथा अयोध्या के त्रेता कालीन वैभव की अतिआधुनिक रूप में पुनःस्थापना हो गई है। आगामी 22जनवरी को उक्त नवनिर्मित जन्म स्थान मंदिर में प्राण प्रतिष्ठान कार्यक्रम का भव्य एवम दिव्य आयोजन होने जा रहा है। यह सभी भारतीय नागरिकों तथा विश्वभर के सनातनियों के लिए अति प्रसन्नता, गर्व तथा जागरण का शुभ कार्य है तथा इसमें लेशमात्र भी राजनीति नहीं है क्योंकि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम संपूर्ण जगत के लिए वंदनीय एवम अनुकरणीय हैं। तो अपने ही देश की कुछ कुंठाग्रस्त्र राजनैतिक पार्टियां और विशेष रूप से देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इसके विरोध में सारी मर्यादा लांघकर अनर्गल प्रलाप और देशद्रोह करने पर क्यों उतारू हो रही हैं। श्रीराम जन्म भूमि न्यास, मंदिर निर्माण समिति तथा विश्व हिंदू परिषद ( जिनमे से कोई भी राजनैतिक पार्टी नही है) के द्वारा देश की सभी राजनैतिक पार्टियों के अध्यक्षों, लोकसभा एवम राज्य सभा में विपक्ष के नेताओं को, सभी मुख्यमंत्रियों को सम्मान निमंत्रण भेजे जाने पर भी कुंठित एवम ईर्ष्यालू कांग्रेस के नेतृत्व में इन सभी विपक्षी नेताओं ने श्री राम मंदिर के इस कार्यक्रम के निमंत्रण को न केवल ठुकराया बल्कि तर्कहीन अनर्गल प्रलाप भी प्रारंभ कर दिया है तथा उनके अनेक दलालों द्वारा फेसबुक एवम यूट्यूब पर मूर्खतापूर्ण एवम रामविरोधी पोस्ट भी डाले जा रहे है जिनसे देश में शांति एवम सौहार्दय पर कुठाराघात किया जा रहा है। अपने इन कुतर्कों के समर्थन में ये मूर्ख सम्मानित शंकराचार्यों के व्यक्तव्यों का भी गलत दुष्प्रचार करके देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे जब कि तीन अति सम्मानित शंकराचार्यों ( द्वारिका शारदा पीठ के स्वामी सदानंद स्वरसती, श्रंगेरी शारदा पीठ के श्री भारती तीर्थ तथा गोवर्धन पीठ पुरी के स्वामी निश्चआनंद स्वरसती जी ) में से किसी ने भी उक्त कार्यक्रम के विरोध में कुछ भी व्यक्तव्य नही दिया है तथा अपने सभी अनुयायियों से उक्त कार्यक्रम में समीलित होने का आग्रह करते हुवे पत्र भी सार्वजनिक किए है। केवल श्री बद्रिकाश्रम ज्योतिरपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ( जिनकी नियुक्ति अभी भी विवादास्पद है) ने अयोध्या में 22 जनवरी को प्रस्तावित उक्त दैविक एवम राष्ट्रीय अस्मिता के कार्यक्रम का अतार्किक विरोध उन मिथ्या कुतर्को के आधार पर किया जो दो तीन दिन पूर्व घोर हिंदू विरोधी तथा कांग्रेस परिवार वाद के परम चाटुकार
    कांग्रेस के विवादास्पद नेता दिग्विजय सिंह ने दिए थे क्योंकि ये शंकराचार्य दिग्विजय सिंह के परम मित्र एवम गुरुभाई हैं।
    देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी का सनातन विरोध और राम विरोध तो जगजाहिर है। इस पार्टी के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर वर्तमान नेतृत्व तक सभी ने समय समय पर श्री राम और उनके अस्तित्व का घोर विरोध किया है और न्यायालय में श्री राम के अस्तित्व के विरोध में शपथपत्र तक दिया था और उच्चतम न्यायालय में राम जन्मभूमि विवाद पर निर्णय में विलम्ब कराने के कुत्सित प्रयास भी किए थे। परंतु कांग्रेस से वर्तमान कथित गठबंधन किए अन्य राजैतिक दल राममंदिर विरोध करके क्यों अपना अस्तित्व समाप्त करना चाहते हैं। राष्ट्र की अस्मिता के प्रतीक एवम हर भारतीय के गौरव श्रीराम मंदिर कार्यक्रम का इस समय विरोध करके कांग्रेस मिट जायेगी और फिर भारत मेंअगली पीढ़ी यही कहेगी ;
    कभी एक थी कांग्रेस।

    (लेखक पूर्व कुलपति एवं उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के  पूर्व  अध्यक्ष हैं)