चरण सिंह
लोकसभा चुनाव के बीच आर्मी चीफ मनोज पांडेय का सेवा विस्तार और संसद की सुरक्षा बदलने के तरह-तरह के मायने निकाले जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मविश्वास में कमी और उनके भाषण का गिरता स्तर भी देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। शुरुआती दौर में गर्दन बचाते प्रतीत हो रहे इंडिया गठबंधन के नेता अंतिम चरण चुनाव में बदलाव के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तो यहां तक कह दे रहे हैं कि उनसे लिखकर ले लीजिए कि मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश तो छठे चरण तक इंडिया गठबंधन को बहुमत मिलना मानकर चल रहे हैं। जयराम रमेश इंडिया गठबंधन की सीटें 350 मानकर चल रहे हैं। ऐसे ही एनडीए की ओर से गृहमंत्री अमित शाह बार-बार कह रहे हैं कि चार जून को राहुल गांधी के साथ ही इंङिया बंधन के दूसरे नेता ईवीएम का रोना रोने लगेंगे। ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि बीजेपी जीत के प्रति इतनी ही आश्वस्त है तो फिर आर्मी चीफ का सेवा विस्तार और संसद की सुरक्षा में बदलाव क्यों ?
दरअसल ऐसा माना जा रहा है कि सरकार किसी की भी बने पर चार जून को देश के माहौल बिगड़ने का अंदेशा है। तो क्या प्रधानमंत्री अपनी सरकार बनने पर इंडिया गठबंधन के नेताओं द्वारा देश का माहौल बिगाड़ने का अंदेशा जता रहे हैं ? क्या उनको लगता है कि संविधान और आरक्षण बचाने की बात करने वाले विपक्ष के नेता तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने पर दलितों और पिछड़ों को उकसा सकते हैं ? या फिर बहुमत के लिए पर्याप्त सीटें न जीतने की स्थिति में मोदी इंडिया गठबंधन में तोड़फोड़ करने की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
माना यह जा रहा है कि सरकार किसी की भी बने पर माहौल खराब हो सकता है। शायद प्रधानमंत्री को खुफिया एजेंसियों ने उनकी हार की जानकारी दे दी हो या फिर उनकी मनमानी पर चार जून को माहौल खराब होने का अंदेशा जता दिया है। यही वजह है कि आर्मी चीफ का सेवा विस्तार भी इसी का हिस्सा माना जा रहा है और संसद की सुरक्षा में बदलाव भी। दरअसल विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगा रहा है कि वह चुनाव जीतकर देश का संविधान बदल सकते हैं। ऐसे में अंदेशा है कि इंडिया गठबंधन के नेता इंडिया गठबंधन के नेता देश में बड़ा बवाल करा सकते हैं। वैसे भी देश का मुसलमान तो यह अंदेशा अभी से जताने लगा कि यह उनका आखिरी चुनाव है। ऐसे ही दलितों को भी आरक्षण छीनने के नाम पर उकसाया जा सकता है।
इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर एनडीए के समर्थक भी देश में बवाल मचा दें तो इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर 80 फीसद लोगों का अधिकार 20 फीसद लोगों को दिया जा सकता है। वैसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के होते हुए मोदी सरकार को उखाड़ फेंकना इतना आसान नहीं है। इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर हिन्दुओं को उकसाया जा सकता है, क्योंकि एनडीए की ओर से भी प्रधानमंत्री इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर राम मंदिर पर बाबरी ताला लगने और 80 फीसदी लोगों का अधिकार 20 फीसद लोगों को देने का अंदेशा जता चुके हैं।