चरण सिंह
क्या कोई इतनी भी गैर जिम्मेदाराना हरकत कर सकता है ? क्या कोई इतना भी सनकी हो सकता है ? जी हां जब जगजाहिर हो चुका है कि पहलगाम आतंकी हमला पाकिस्तान ने कराया है। जब न केवल सत्ता पक्ष और विपक्ष बल्कि पूरा देश पाकिस्तान के खिलाफ एकजुट है। पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सर्वदलीय बैठक हो चुकी है। पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री, तीनों सेना के प्रमुख, एनएसए और सीडीएस के साथ बैठक कर सेना प्रमुखों को निर्णय लेने की छूट दे दी है। आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव है। ऐसे में एक साहब पहलगाम आतंकी हमले की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गए। ये साहब अपने देश में सुप्रीम कोर्ट से वह मांग कर रहे हैं जो मांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान उठा रहा है। मतलब एक तरह से पाकिस्तान का साथ दे रहे हैं।
पाकिस्तान भी तो यही कहकर अपना बचाव कर रहा है कि हमला उसने नहीं कराया है। अंतरराष्ट्रीय जांच कर ली जाए। यही मांग ये साहब कर रहे हैं। फिर के अंतर रह गया इन साहब और पाकिस्तान में ? दरअसल याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता वाले न्यायिक आयोग से पहलगाम आतंकी हमले की जांच कराने की मांग की गई है। हालांकि याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। पर इन साहब की हरकत तो देखिये ? आखिरकार ये साहब चाह क्या रहे हैं ?
सुप्रीम कोर्ट ने इन साहब को आईना डी दिखा दिया है। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील ने जैसे ही मामला रखने की कोशिश की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने पूछा कि क्या वह वाकई गंभीर हैं? जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘जज कब से जांच के विशेषज्ञ बन गए? उनका काम कानूनी विवादों का निपटारा करना होता है।
जस्टिस सूर्य कांत ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि थोड़ी जिम्मेदारी दिखाइए। आपका भी देश के प्रति कुछ कर्तव्य बनता है। पूरा देश मामले में एकजुट है। आपको ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए, जो सैन्य बलों का मनोबल गिराने वाली हो। ऐसे लोग उन लोगों को भी बदनाम करा देते हैं जो लोग उग्र आंदोलनकारियों की पैरवी करते हैं।
हम लोग अपने देश में कितना भी लड़ते रहें। एक दूसरे पर कितने भी आरोप लगाते रहें पर जब बात किसी दूसरे देश की होगी तो एक हो जाएंगे। और पाकिस्तान के मामले में तो मुंहतोड़ जवाब देंगे। इसका बड़ा कारण यह है कि पाकिस्तान कुत्ते की वह पूंछ है जो कभी सीधी नहीं होने वाली है। कुत्ते की पूंछ सीधी तो करनी ही पड़ेगी।