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BJP’s Strategy : गुजरात चुनाव के साथ ही दिल्ली एमसीडी चुनाव कराकर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को घेरा  

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गुजरात में केजरीवाल का दिल्ली मॉडल तो दिल्ली में बीजेपी के गुजरात मॉडल मॉडल की परीक्षा 

चरण सिंह राजपूत

गुजरात विधान चुनाव की घोषणा के तुरंत बाद दिल्ली एमसीडी चुनाव भी घोषित कर दिए गए हैं। राजनीतिक हलके में एमसीडी चुनाव ठीक गुजरात चुनाव के समय होने को बीजेपी की चाल माना जा रहा है। बीजेपी की इस चाल से गुजरात में मजबूती से उभर रही आम आदमी पार्टी पूरी तरह से घिर चुकी है। गुजरात चुनाव जहां 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को हैं तो दिल्ली एमसीडी चुनाव की तारीख 4 दिसम्बर घोषित की गई है। इन दोनों चुनावों के एक साथ होने से जहां दिल्ली मॉडल की परीक्षा होनी है वहीं गुजरात मॉडल भी दांव पर लग गया है। आम आदमी पार्टी के लिए दिक्कत की बात यह है कि उनके पास दिल्ली एमसीडी चुनाव के लिए जो नेता हैं वही नेता गुजरात चुनाव भी लड़ाएंगे।  बीजेपी के लिए ऐसा नहीं है। बीजेपी की ओर से जहां एमसीडी चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, सांसद मनोज तिवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और रामवीर बिधूड़ी को मोर्चा संभालना है तो गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह स्टार प्रचारक हैं। आम आदमी पार्टी में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ ही दिल्ली एमसीडी चुनाव का भी नेतृत्व करना है।
यदि बात गुजरात विधानसभा चुनाव की बात करें तो जहां आम आदमी पार्टी दिल्ली मॉडल पर चुनावी समर में है तो वहीं बीजेपी गुजरात मॉडल को फिर से आजमा रही है। कांग्रेस दिल्ली एमसीडी और गुजरात विधानसभा चुनाव दोनों जगहों पर नजर नहीं आ रही है। गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ ही दिल्ली एमसीडी चुनाव में भी आम आदमी की गुजरात में बढ़ती ताकत ने लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। जिस तरह से आम आदमी पार्टी में टिकट के लिए मारामारी हो रही है उससे दोनों जगह पर मुकाबला  भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच माना जा रहा है।
गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ ही दिल्ली एमसीडी दोनों चुनावों में जहां केजरीवाल के दिल्ली मॉडल की परीक्षा होनी है वहीं गुजरात मॉडल भी परखा जाना है। दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के जेल में होने और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर चल रही सीबीआई जांच से दोनों ही जगह जहां दिल्ली मॉडल पर उंगली उठा रही है वहीं मोरबी पुल हादसे ने गुजरात मॉडल को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इन चुनाव में दिलचस्प बात यह है कि लंबे समय से भाजपा की प्रतिद्वंद्वी चल रही पार्टी कांग्रेस कही नहीं दिखाई पड़ रही है। हां भाजपा दोनों ही चुनावों में अंदरखाने चुनाव की रणनीति बनाने में लगी है।
जिस तरह से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली मॉडल को लेकर गुजरात में भाजपा को ललकार रहे हैं वहीं दिल्ली में बीजेपी नेता सत्येंद्र जैन और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भ्र्ष्टाचारी बताकर केजरीवाल के दिल्ली मॉडल की हवा निकाल रहे हैं।  गुजरात के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गृह राज्य होने तथा 2024 में आम चुनाव की वजह से गुजरात का विधानसभा चुनाव सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए बड़ा अहम माना जा रहा है। ऐसे ही दिल्ली एमसीडी चुनाव बीजेपी और आम आदमी पार्टी की प्रतिष्ठा से जुड़ा है। वैसे भी एमसीडी चुनाव में होने वाली देरी का आरोप केंद्र सरकार पर लगाकर केजरीवाल ने मोदी के 56 इंच के सीने को ललकार दिया था।

गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए चिंता की बात यह है कि यदि अरविंद केजरीवाल ने चुनाव में उसे पटखनी दे दी तो 2024 के लोकसभा चुनाव में उसके लिए आफत बन जाएंगे। ऐसे ही आम आदमी पार्टी की समझ में भी यह भलीभांति आ रहा है कि यदि गुजरात चुनाव में वह ढीली पड़ गई तो दिल्ली एमसीडी चुनाव पर भी इसका असर पड़ेगा।
गुजरात में गत महीनों में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की गुजरात में हुई लगातार रैलियों, जनसभाओं और कार्यक्रमों में इस बात का जिक्र किया गया कि बीते दो दशक में गुजरात किस तरीके से एक रोल मॉडल के तौर पर डेवलपमेंट के कीर्तिमान रच रहा है। देखने की बात यह है कि जहां नरेंद्र मोदी गुजरात मॉडल पर दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं वहीं इसी डेवलपमेंट मॉडल को लेकर भाजपा ने बीते कुछ सालों से देश के अलग-अलग राज्यों में भी चुनाव लड़ा और जीता है। अरविन्द केजरीवाल के दिल्ली के फ्री शिक्षा और चिकित्सा मुद्दे को गुजरात के लोगों के सामने रखने से राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं कि गुजरात के चुनाव में क्या गुजरात मॉडल अपनी वही गाथा दोहराएगा पायेगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के गुजरात की जनसभाओं में डबल इंजन सरकार को नकारते हुए नए इंजन की आवश्यकता पर बल देने से भाजपा नेताओं के माथे पर सलवटें पड़ रही हैं।  केजरीवाल बीजेपी सरकार को ख़राब हुआ दो दशक पुराना इंजन बता हैं तथा नए इंजन को मौका देने की बात कर आम आदमी पार्टी को जिताने की अपील कर रहे हैं।