घर-घर जाकर 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में लामबंद होकर वोट करने के लिए किसानों का आभार व्यक्त कर रहे गृह मंत्री अमित शाह
सपा पर अपराधियों को टिकट देने का आरोप लगाकर किया जा रहा सहानुभूति बटोरने का प्रयास
मुजफ्फरनगर से चुनावी प्रचार शुरू कर रहे हैं अखिलेश यादव और जयंत चौधरी
चरण सिंह राजपूत
किसान आंदोलन के बाद बदले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के समीकरणों को लेकर भाजपा ने जाटों को मनाने के लिए बड़ी रणनीति बनाई है। इस रणनीति के तहत खुद गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाल रखा है। अमित शाह जहां जाटों के घर-घर जाकर 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में लामबंद होकर वोट करने के लिए उनका आभार व्यक्त कर रहे हैं। कैराना में हिंदूओं के पलायन को मुख्य मुद्दा बना रहे हैं। वहीं सपा पर अपराधियों को टिकट देने का आरोप लगाकर लोगों की सहानुभूति बटोर रहे हैं। भावनात्मक मुद्दों को भुनाने में माहिर भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर पूरा ध्यान फोकस कर लिया है। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी को गलत घर जाने का नाम देकर उन पर डोरे डाले जा रहे हैं। भाजपा को डर सता रहा है कि कहीं नाराज जाटों की सहानुभूति सपा-रालोद गठबंधन को न मिल जाए। यही वजह है कि भाजपा ने संजीव बालियान के अलावा दिल्ली के जाट नेता प्रवेश चौधरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगा दिया है।
दरअसल तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल तक चले किसान आंदोलन का असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में साफ देखा जा रहा है। भले ही मोदी सरकार ने ये तीनों कानून वापस ले लिये हों पर किसान अभी भी भाजपा से बहुत नाराज हैं। उसका बड़ा कारण केंद्र सरकार के किसानों की एमएसपी गारंटी कानून, आंदोलन में दर्ज हुए किसानों पर मुकदमों को वापस लेने, दम तोड़ने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा देने की बात मानने के बावजूद सरकार ने कोई तवज्जो नहीं दी। यही कारण है कि किसान ३१ जनवरी को विश्वासघात दिवस मनाने जा रही है।
दरअसल 10 फ़रवरी को पहले चरण में 11 जिलों की 58 सीट पर वोट डाले जाएंगे। पहले चरण के चुनाव से पहले जहां भाजपा ने भी जाटलैंड में ताकत झोंक दी है। वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी आज मुजफ्फरनगर से अपने चुनाव प्रचार शुरू करने जा रहे हैं। अखिलेश यादव और जयंत चौधरी शुक्रवार को सबसे पहले मुजफ्फरनगर में सपा-रालोद गठबंधन के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। 2013 के बाद से जाटों की नाराजगी का सामना कर रहे अखिलेश यादव के लिए जाटों को मनाने की बड़ी चुनौती है। इससे पहले पिछले साल दोनों नेताओं ने 7 दिसंबर को सिवालखास विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित किया था। इसे किसान आंदोलन का असर ही कहा जायेगा कि लम्बे अरसे के बाद जाट रालोद के साथ देखे जा रहे हैं।
किसान आंदोलन की वजह से जाटों में उपजी नाराजगी को लेकर भी भाजपा के नेता पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। बीजेपी के तमाम बड़े नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत केंद्र और प्रदेश के कई मंत्री पश्चिमी यूपी में सक्रिय हैं।
किसान आंदोलन के बाद बदले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के समीकरणों को लेकर भाजपा ने जाटों को मनाने के लिए बड़ी रणनीति बनाई है। इस रणनीति के तहत खुद गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाल रखा है। अमित शाह जहां जाटों के घर-घर जाकर 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में लामबंद होकर वोट करने के लिए उनका आभार व्यक्त कर रहे हैं। कैराना में हिंदूओं के पलायन को मुख्य मुद्दा बना रहे हैं। वहीं सपा पर अपराधियों को टिकट देने का आरोप लगाकर लोगों की सहानुभूति बटोर रहे हैं। भावनात्मक मुद्दों को भुनाने में माहिर भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर पूरा ध्यान फोकस कर लिया है। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी को गलत घर जाने का नाम देकर उन पर डोरे डाले जा रहे हैं। भाजपा को डर सता रहा है कि कहीं नाराज जाटों की सहानुभूति सपा-रालोद गठबंधन को न मिल जाए। यही वजह है कि भाजपा ने संजीव बालियान के अलावा दिल्ली के जाट नेता प्रवेश चौधरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगा दिया है।
दरअसल तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल तक चले किसान आंदोलन का असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में साफ देखा जा रहा है। भले ही मोदी सरकार ने ये तीनों कानून वापस ले लिये हों पर किसान अभी भी भाजपा से बहुत नाराज हैं। उसका बड़ा कारण केंद्र सरकार के किसानों की एमएसपी गारंटी कानून, आंदोलन में दर्ज हुए किसानों पर मुकदमों को वापस लेने, दम तोड़ने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा देने की बात मानने के बावजूद सरकार ने कोई तवज्जो नहीं दी। यही कारण है कि किसान ३१ जनवरी को विश्वासघात दिवस मनाने जा रही है।
दरअसल 10 फ़रवरी को पहले चरण में 11 जिलों की 58 सीट पर वोट डाले जाएंगे। पहले चरण के चुनाव से पहले जहां भाजपा ने भी जाटलैंड में ताकत झोंक दी है। वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी आज मुजफ्फरनगर से अपने चुनाव प्रचार शुरू करने जा रहे हैं। अखिलेश यादव और जयंत चौधरी शुक्रवार को सबसे पहले मुजफ्फरनगर में सपा-रालोद गठबंधन के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। 2013 के बाद से जाटों की नाराजगी का सामना कर रहे अखिलेश यादव के लिए जाटों को मनाने की बड़ी चुनौती है। इससे पहले पिछले साल दोनों नेताओं ने 7 दिसंबर को सिवालखास विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित किया था। इसे किसान आंदोलन का असर ही कहा जायेगा कि लम्बे अरसे के बाद जाट रालोद के साथ देखे जा रहे हैं।
किसान आंदोलन की वजह से जाटों में उपजी नाराजगी को लेकर भी भाजपा के नेता पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। बीजेपी के तमाम बड़े नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत केंद्र और प्रदेश के कई मंत्री पश्चिमी यूपी में सक्रिय हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज मेरठ में जनसंपर्क अभियान चलाएंगे और घर-घर जाकर लोगों से बीजेपी को वोट करने की अपील करेंगे। 10 फ़रवरी को पहले चरण में 11 जिलों की 58 सीट पर वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ, मथुरा और आगरा जिले की विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इनमें से कई सीटों पर जाट समुदाय निर्णायक भूमिका अदा करता है। इसलिए सभी दल इस समुदाय को साधने में लगे हुए हैं। भाजपा ने जहां कैराना में हिंदुओं के पलायन को मुख्य मुद्दा बनाया है वहीं सपा पर अपराधियों को टिकट देने का आरोप लगाकर सपा के राज में कानून व्यवस्था बिगड़ने की बात बीजेपी नेता कर रहे हैं।
दरअसल सपा ने शामली जिले की कैराना विधानसभा सीट ने नाहिद हसन और रामपुर विधानसभा सीट से आजम खां को उम्मीदवार घोषित किया है। सपा के दोनों ही उम्मीदवार इस समय जेल में बंद है। आजम खां के बेटे अब्दुला आजम खां को सपा ने स्वार विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है, जिसकी हाल में ही जेल से जमानत हुई है। अब्दुला आजम खां 2017 में विधायक बने थे, लेकिन फर्जी दस्तावेजों के चलते उनकी विधायकी रद्द कर दी गई। साथ ही जेल भी जाना पड़ा।
इतना ही नहीं भाजपा बुलंदशहर से सपा-रालोद के उम्मीदवार मोहम्मद यूनुस, जिन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं का मुद्दा बना रही है। अमरोहा से सपा ने जिन महबूब अली को टिकट दिया है, उन पर भी कई आपराधिक मामले चल रहे हैं। मीरगंज से सपा प्रत्याशी सुल्तान बेग पर भी गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज है। धोखाधड़ी और साजिश के 29 मामलों का सामना कर चुके नसीर अहमद खान को चमरूहा सीट से सपा ने टिकट दिया है। भाजपा इन नेताओं को टिकट देने पर सपा की नीयत पर ऊँगली उठा रही है। भाजपा के नेता क्षेत्र में यह माहौल बना रहे हैं कि जब सपा अपराधियों को टिकट दे रही है तो फिर सरकार बनने पर लोग कितने सुरक्षित रहेंगे ?
समाजवादी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी जोरदार हमला बोला है। उन्होंने मतदाताओं को इस प्रकार की पार्टी को एक और मौका नहीं देने की चेतावनी दी है। सीएम ने कैराना, बुलंदशहर, अमरोहा और लोनी के उम्मीदवारों का जिक्र करते हुए कहा है कि इनके आपराधिक इतिहास खंगाल कर देखे जाएं। कैराना से नाहिद हसन को टिकट दिए जाने के मामले में सीएम ने हिंदुओं के पलायन का आरोप के मामले में सपा पर निशाना साध रहे हैं।
इतना ही नहीं भाजपा बुलंदशहर से सपा-रालोद के उम्मीदवार मोहम्मद यूनुस, जिन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं का मुद्दा बना रही है। अमरोहा से सपा ने जिन महबूब अली को टिकट दिया है, उन पर भी कई आपराधिक मामले चल रहे हैं। मीरगंज से सपा प्रत्याशी सुल्तान बेग पर भी गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज है। धोखाधड़ी और साजिश के 29 मामलों का सामना कर चुके नसीर अहमद खान को चमरूहा सीट से सपा ने टिकट दिया है। भाजपा इन नेताओं को टिकट देने पर सपा की नीयत पर ऊँगली उठा रही है। भाजपा के नेता क्षेत्र में यह माहौल बना रहे हैं कि जब सपा अपराधियों को टिकट दे रही है तो फिर सरकार बनने पर लोग कितने सुरक्षित रहेंगे ?
समाजवादी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी जोरदार हमला बोला है। उन्होंने मतदाताओं को इस प्रकार की पार्टी को एक और मौका नहीं देने की चेतावनी दी है। सीएम ने कैराना, बुलंदशहर, अमरोहा और लोनी के उम्मीदवारों का जिक्र करते हुए कहा है कि इनके आपराधिक इतिहास खंगाल कर देखे जाएं। कैराना से नाहिद हसन को टिकट दिए जाने के मामले में सीएम ने हिंदुओं के पलायन का आरोप के मामले में सपा पर निशाना साध रहे हैं।