उग्र हिन्दुत्व की ओर बीजेपी!

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चरण सिंह 

महाराष्ट्र में एक ओर छत्रपति महाराज की प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का माथा टेक कर माफी मांगना औेर दूसरी ओर नारायण राणे के बेटे विधायक नीतेश राणे का मस्जिदों में घुसकर मारेंगे वाला बयान। मतलब किसी तरह से हिन्दुओं को एकजुट कर वोट हासिल करना है। दिलचस्प बात यह है कि नितेश राणे के बयान पर बीजेपी के किसी नेता का बयान नहीं आया। मलतब किसी नेता ने उनके बयान के खिलाफ कुछ नहीं बोला। ऐसे ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट रूप से बोल दिया कि यदि बटेंगे तो कटेंगे। पाकिस्तान पर बोलते हुए योगी बोल गये कि पाकिस्तान या तो नेस्तनाबूद होगा या फिर भारत में विलय होगा। मतलब बीजेपी अब उग्र हिन्दुत्व की ओर चल पड़ी है।
दरअसल लोकसभा चुनाव में जिस तरह से आरक्षण खत्म करने और संविधान बदलने के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन वोट बटोर ले गया। जिस तरह से 2014 और २०-2019  में बीजेपी को मिलने वाला दलित वोटबैंक 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की ओर चला गया। बीजेपी का प्रयास है कि किसी तरह से फिर से हिन्दुओं को एकजुट कर लिया जाए। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खुलकर बोलने का मौका दिया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने न केवल बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे हमले के खिलाफ बयान दिया बल्कि पाकिस्तान को भी ललकार दिया।उधर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कह दिया कि यदि हिंदुस्तान में रहना है तो राम राम कहना होगा। ऐसे ही असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वकर्मा मुस्लिओं के खिलाफ आग उगल रहे हैं। गिरिराज सिंह अलग से अपना राग छेड़े रहते हैं।
बीजेपी और उसके समर्थक हिन्दुओं को एकजुट करने और कांग्रेस को मुस्लिमों के लिए एकतरफा करने का आरोप लगाने का एक बड़ा अभियान छेड़ रहे हैं। इस अभियान में हिन्दुओं को मुस्लिमों की बढ़ती जनसंख्या के प्रति डर पैदा किया जा रहा है। सनातन धर्म की संस्कृति से जोड़ा जा रहा है। मंदिरों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कट्टर हिन्दू की छवि बनाने वाले नेताओं को फ्रंट पर लाया जा रहा है।
दरअसल बीजेपी जब भी आगे बढ़ी वह हिन्दुत्व का मुद्दा ही रहा है। राम मंदिर आंदोलन के बल पर अपना वजूद बनाने वाली बीजेपी हिंदुत्व के मुद्दे पर ही आगे बढ़ी है। 2014 का लोकसभा चुनाव बीजेपी मुजफ्फरनगर दंगों के नाम पर जीती थी। 2019  का लोकसभा चुनाव पुलवामा अटैक के नाम पर जीती थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी कांग्रेस के घोषणा पत्र में उलझकर रह गये। विपक्ष ने बीजेपी के 400 पार के मुद्दे पर पकड़ लिया और यह माहौल बना दिया कि यदि बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आ गई तो वह आरक्षण खत्म कर देगी। संविधान को बदल देगी।

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