द न्यूज 15
दरअसल संसद में अब कांग्रेस कमजोर और भाजपा मजबूत हो गई है। भाजपा के गठन के बाद राज्यसभा में पहली बार भाजपा के 100 सांसद हुए हैं। 1990 के बाद राज्य सभा में भाजपा ने 100 सांसदों वाली पार्टी की उपलब्धि हासिल कर ली है। यह उपलब्धि भाजपा को असम, त्रिपुरा और नागालैंड में एक-एक सीट जीतने के बाद हासिल हुई है। हालांकि छह राज्यों की 13 राज्यसभा सीटों पर हुए द्विवार्षिक चुनावों में भाजपा को पंजाब में एक सीट गंवानी भी पड़ी है। तीन पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही हिमाचल प्रदेश से भाजपा ने एक-एक सीट जीतने में सफलता हासिल की है। पंजाब में सभी पांच सीटों पर आम आदमी पार्टी का कब्ज़ा रहा है।
बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा है कि भाजपा और उसके दूसरे सहयोगियों ने असम से राज्यसभा की दोनों सीटें जीत ली हैं। उत्तर पूर्व की अन्य दो सीटों त्रिपुरा और नागालैंड पर भी बीजेपी को सफलता हाथ लगी है।
दरअसल 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचंड बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने राज्य सभा में भी लगातार सफलता हासिल की है। दरअसल 2014 में राज्यसभा में भाजपा की संख्या 55 थी, जिनमें लगातार इजाफा हुआ है। राज्यसभा में कांग्रेस की ताकत लगातार कम हुई है। मौजूदा समय में कांग्रेस के 29, टीएमसी के 13, डीएमके के 10, बीजेडी के 9, आम आदमी पार्टी के 8, टीआरस के 6, वाईएसआरसीपी के 6, एआईएडीएमके के 5, राजद के 5 और सपा के 5 सदस्य हैं। हालांकि 1990 में तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस के 108 राज्य सदस्य थे। जब 1990 के द्विवार्षिक चुनाव हुए तो राज्यसभा में पार्टी की संख्या कम होकर 99 रह गई। इसके बाद कांग्रेस की संख्या लगातार कम हुई है।