महाराष्ट्र में शरद पवार के 8 तो बिहार में जदयू के 12 सांसदों को खतरा
चरण सिंह
हरियाणा महाराष्ट्र विधान चुनाव और उत्तर प्रदेश और बिहार उप चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आत्मविश्वास फिर से आसमान पर पहुंच गया है। जानकारी मिल रही है पीएम मोदी ऑपरेशन 272 में जुट गए हैं। लोकसभा में बीजेपी के 272 सांसद करने के लिए जहां एनसीपी शरद पवार की पार्टी के 8 सांसद है वहीं जदयू के 12 सांसदों पर भी नजर है। टीडीपी के 16 सांसदों में भी तोड़ फोड़ की जा सकती है। जानकारी मिल रही है कि अब एक देश एक चुनाव समेत लंबित कई बिल पास करने के लिए बीजेपी अपने खुद के 272 सांसद करने में जुट गई है।
बीजेपी को अंदेशा है कि एक देश एक चुनाव में जदयू और टीडीपी बीजेपी का विरोध जता सकते हैं। ऐसे में बीजेपी शरद पवार के 8, जदयू के 12 अन्य 17 में भी सेंध लगाने की सोच रही है। दरअसल लोकसभा में बीजेपी की 240 सीटें हैं। 292 सीटें एनडीए की हैं। बीजेपी को अपने दम पर बहुमत करने के लिए 32 सीटें चाहिए। भले ही बीजेपी के साथ शिवसेना के 8 एनसीपी अजित पवार के 7 आरएलडी के दो लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के पांच सांसदों का समर्थन प्राप्त हो पर बीजेपी चाहती है कि उनकी खुद की सीटें 272 हों। ऑपरेशन 272 के लिए बीजेपी अब किसी भी पार्टी के सांसदों को तोड़ सकती है।
दरअसल जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की ट्रेनिंग बीजेपी में हुई है। 2017 में जदयू को एनडीए में शामिल कराने वाले संजय झा ही थे। अब जिस तरह से संजय झा मनीष वर्मा के कार्यकर्ताओं से मिलने के अभियान को उमेश कुशवाहा से रुकवा दिया उससे यह संकेत मिलता है। दरअसल जदयू में नीतीश कुमार राजनीतिक रूप से कमजोर हो गए हैं, जिस तेवर के लिए नीतीश जाने जाते थे अब वे तेवर नीतीश कुमार में नहीं रहे हैं। मनीष वर्मा को जब जदयू की सदस्यता दिलाई गई थी तो सेकेण्ड मैन मनीष वर्मा माने जा रहे थे पर जिस तरह से संजय झा ने प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा से उनके कार्यकर्ता से मिलने के कार्यक्रम को रुकवाया और नीतीश कुमार कुछ नहीं बोल पाए। ऐसे में कहा जा सकता है।
नीतीश कुमार संजय झा के सामने कुछ नहीं बोल पा रहे हैं। नीतीश कुमार राजनीति में वंशवाद के खिलाफ रहे हैं। ऐसे में जदयू में नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी बनने की होड़ लगी है। ऐसे में बीजेपी जदयू सांसदों के खेल कर सकती है। क्योंकि संजय झा के बीजेपी के साथ मधुर संबंध रहे हैं। ऐसे में संजय झा के माध्यम से बीजेपी जदयू के सांसदों में टूट करा सकती है।
बीजेपी की निगाह अन्य 17 सांसदों पर भी है। नगीना से चंद्रशेखर आज़ाद, हैदराबाद से असदुद्दीन ओवैसी, पूर्णिया से पप्पू यादव को तो बीजेपी नहीं तोड़ पाएगी। खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल को बीजेपी लेना नहीं चाहेगी। ऐसे में अन्य 10-12 सांसदों को भी बीजेपी में मिलाया जा सकता है।