चरण सिंह
एग्जिट पोल में हरियाणा और जम्मू-कश्मीर दोनों ही राज्यों में भाजपा की हालत पतली बताई जा रही है। हरियाणा में कांग्रेस अपने दम पर तो जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-एनसी गठबंधन की सरकार बनती बताई जा रही है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि हरियाणा में तो बात समझ में आ रही है कि दो बार सरकार होने की वजह से लोगों में नाराजगी हो सकती है पर जम्मू-कश्मीर में तो भाजपा धारा ३७० हटाने का श्रेय ले रही है। भाजपा यह माहौल बना रही है कि जैसे धारा ३७० हटने से जम्मू-कश्मीर फिर से स्वर्ग हो गया है। ऐसे में एग्जिट पोल में भाजपा को बढ़त दिखाई जानी चाहिए थी पर एग्जिट पोल तो जम्मू-कश्मीर में एनसी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बता रहे हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा का माहौल क्यों नहीं बना।
दरअसल धारा ३७० हटने के बाद भी जम्मू-कश्मीर में कुछ खास नहीं बदला है। जम्मू-कश्मीर में भाजपा का माहौल न बनने का बड़ा कारण भाजपा का जम्मू-कश्मीर में पुनर्वासित पंडितों को न बसा न पाना भी माना जा रहा है। भाजपा जम्मू-कश्मीर के लोगों का दिल जीत पाने में भी विफल रही है। लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू लगने की वजह से लोगों को हुई बेतहाशा परेशानी भी भाजपा से नाराजगी माना जा रहा है। आज की तारीख में इजरायल – हमास, हिजबुल्लाह और ईरान के बीच चल रहे हमले भी हैं। प्रधानमंत्री जिस तरह से खुलकर इजरायल की पैरवी करते देखे जा रहे हैं। उससे मुसलमानों में बीजेपी के प्रति गुस्सा देखा जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में जो भी थोड़ी बहुत सहानुभूति बीजेपी से मुसलमानों को मिलती वह इजरायल और फिलीस्तीन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से खत्म हो गई है।
ऐसे ही हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर ने अपने स्तर से सरकार का माहौल नहीं बना रखा था। उन्होंने हरियाणा में काफी काम भी कराए थे। यदि किसान आंदोलन में उनके रवैये को छोड़ दें तो काम को लेकर उनसे ज्यादा लोग नाराज नहीं थे। भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को जो मुख्यमंत्री बनाया है। इसके चलते हरियाणा के पंजाबी कांग्रेस से नाराज बताये जा रहे हैं। किसान आंदोलन के साथ ही पहलवानों के भाजपा के सांसद रहे और तत्कालीन कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाकर हुआ पहलवानों का आंदोलन भी भाजपा से लोगों की नाराजगी का बड़ा कारण माना जा रहा है। वैसे भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज की तारीख में जाटों के सर्वमान्य नेता हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में न केवल हरियाणा में विकास कार्य कराए बल्कि खिलाड़ियों का रुतबा भी बढ़ाया। आज यदि खिलाड़ियों को मेडल जीतने पर करोड़ों रुपये मिल रहे हैं यह भूपेंद्र सिंह हुड्डा की देन है। वैसे भी बीजेपी घूम-फिर कर हिन्दुत्व पर आ जाती है। जमीनी मुद्दों से दूरी बनाना भी भाजपा के लिए नुकसानदायक हो रहा है।
एग्जिट पोल में हरियाणा और जम्मू-कश्मीर दोनों ही राज्यों में भाजपा की हालत पतली बताई जा रही है। हरियाणा में कांग्रेस अपने दम पर तो जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-एनसी गठबंधन की सरकार बनती बताई जा रही है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि हरियाणा में तो बात समझ में आ रही है कि दो बार सरकार होने की वजह से लोगों में नाराजगी हो सकती है पर जम्मू-कश्मीर में तो भाजपा धारा ३७० हटाने का श्रेय ले रही है। भाजपा यह माहौल बना रही है कि जैसे धारा ३७० हटने से जम्मू-कश्मीर फिर से स्वर्ग हो गया है। ऐसे में एग्जिट पोल में भाजपा को बढ़त दिखाई जानी चाहिए थी पर एग्जिट पोल तो जम्मू-कश्मीर में एनसी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बता रहे हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा का माहौल क्यों नहीं बना।
दरअसल धारा ३७० हटने के बाद भी जम्मू-कश्मीर में कुछ खास नहीं बदला है। जम्मू-कश्मीर में भाजपा का माहौल न बनने का बड़ा कारण भाजपा का जम्मू-कश्मीर में पुनर्वासित पंडितों को न बसा न पाना भी माना जा रहा है। भाजपा जम्मू-कश्मीर के लोगों का दिल जीत पाने में भी विफल रही है। लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू लगने की वजह से लोगों को हुई बेतहाशा परेशानी भी भाजपा से नाराजगी माना जा रहा है। आज की तारीख में इजरायल – हमास, हिजबुल्लाह और ईरान के बीच चल रहे हमले भी हैं। प्रधानमंत्री जिस तरह से खुलकर इजरायल की पैरवी करते देखे जा रहे हैं। उससे मुसलमानों में बीजेपी के प्रति गुस्सा देखा जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में जो भी थोड़ी बहुत सहानुभूति बीजेपी से मुसलमानों को मिलती वह इजरायल और फिलीस्तीन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से खत्म हो गई है।
ऐसे ही हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर ने अपने स्तर से सरकार का माहौल नहीं बना रखा था। उन्होंने हरियाणा में काफी काम भी कराए थे। यदि किसान आंदोलन में उनके रवैये को छोड़ दें तो काम को लेकर उनसे ज्यादा लोग नाराज नहीं थे। भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को जो मुख्यमंत्री बनाया है। इसके चलते हरियाणा के पंजाबी कांग्रेस से नाराज बताये जा रहे हैं। किसान आंदोलन के साथ ही पहलवानों के भाजपा के सांसद रहे और तत्कालीन कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाकर हुआ पहलवानों का आंदोलन भी भाजपा से लोगों की नाराजगी का बड़ा कारण माना जा रहा है। वैसे भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज की तारीख में जाटों के सर्वमान्य नेता हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में न केवल हरियाणा में विकास कार्य कराए बल्कि खिलाड़ियों का रुतबा भी बढ़ाया। आज यदि खिलाड़ियों को मेडल जीतने पर करोड़ों रुपये मिल रहे हैं यह भूपेंद्र सिंह हुड्डा की देन है। वैसे भी बीजेपी घूम-फिर कर हिन्दुत्व पर आ जाती है। जमीनी मुद्दों से दूरी बनाना भी भाजपा के लिए नुकसानदायक हो रहा है।