चरण सिंह
दिल्ली में चुनाव हारने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता चुप्पी साध गए हैं। यदि पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को छोड़ दिया जाए तो आप का कोई बड़ा नेता कहीं नहीं दिखाई दे रहा है। केजरीवाल के विपासना चले जाने की सूचना है तो मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, सोमनाथ भारती, राघव चड्ढा की बोलती बंद है। संजय सिंह बीच-बीच में बोलते देखे जा रहे हैं पर अब उनके आत्मविश्वास में वह बात नहीं है। इन सब बातों के बीच पंजाब में अचानक नशे पर अंकुश लगाने में भगवंत मान सरकार लग गई है। अब भगवत मान किसानों को भी हड़का रहे हैं। मतलब आम आदमी पार्टी ने पंजाब पर फोकस कर लिया है। केजरीवाल खुद पंजाब से नशा खत्म करने की बात कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी को डर है कि कांग्रेस दिल्ली की तरह पंजाब में भी उसे हरवा सकती है। वैसे भी गत दिनों कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप बाजवा ने आप के 35 विधायक उनके संपर्क में होने की बात कही थी।
देखने की बात यह है कि दिल्ली में जिस तरह से रेखा सरकार ने कैग की रिपोर्ट पेश की हैं। जिस तरह से शराब, मोहल्ला क्लीनिक और कई घोटालों की बात सामने आ रही है। ऐसे में कहा जा सकता है कि बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को निपटाने की पूरी तैयारी कर ली है। कांग्रेस भी इस मामले में बीजेपी का साथ देती दिखाई दे रही है। दरअसल कांग्रेस यह मान चुकी है कि कांग्रेस का वोट कब्जाकर ही आम आम आदमी पार्टी आगे बढ़ी है। आम आदमी पार्टी के लिए दिक्कत इसलिए भी आ सकती है क्योंकि केजरीवाल ने संघर्ष के अधिकतर साथी खो दिए हैं। उन्हें पार्टी छोड़ने को मजबूर किया गया। चाहे योगेंद्र यादव हों, कुमार विश्वास हों, साजिया इल्मी हों प्रशांत भूषण हों या फिर अन्य नेता। केजरीवाल की नीति यूज एंड थ्रो की रही है।
इन विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने ही विधायकों की टिकट काट दिए। जबकि खुद, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज और सोमनाथ भारती चुनाव हार गए। केंद्र और दिल्ली सरकार ने केजरीवाल पर शिकंजा कसने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। केजरीवाल एंड टीम को तोड़ा भी जा सकता है। केजरीवाल को जेल भेजकर उनके करीबी नेताओं को तोड़कर उनके खिलाफ सबूत इकठ्ठा किये जा सकते हैं। बीजेपी नेताओं ने अब केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें विपासना से ज्यादा जनता से माफी मांगने की जरूरत है। हर साल की तरह इस बार भी केजरीवाल विपासना के नाम पर गुप्त छुट्टी मना रहे हैं, जबकि असल में वह पंजाब में बिखरती आम आदमी पार्टी को संभालने और राज्यसभा चुनाव की रणनीति बनाने जा रहे हैं। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी दोनों ही जनता के किसी काम नहीं आते, बल्कि जनता के पैसों से अपनी मौज-मस्ती में लगे रहते हैं। साल में दो बार विदेश यात्रा पर निकल जाते हैं।
सचदेवा का कहना है कि दिल्ली में हाल ही में हुए नगर निगम चुनावों और उप चुनावों में आप को करारी हार का सामना करना पड़ा। इससे उम्मीद थी कि केजरीवाल जनता का विश्वास जीतने के लिए कुछ बदलाव करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चुनावी हार के बाद आम आदमी पार्टी को जनता के बीच जाकर आत्मचिंतन करना चाहिए था, लेकिन इसके बजाय केजरीवाल ने फिर से विपासना का बहाना बना लिया।