कई पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व उप प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्य हो रहे हैं बीजेपी में शामिल
पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला को हिसार संसदीय सीट से दिया टिकट
पीवी नरसिम्हा राव के बेटे प्रभाकर राव बीजेपी में हो सकते हैं शामिल
पूर्व पीएम चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर हैं बलिया से सांसद
पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी की पार्टी रालोद से किया गठबंधन
परिवारवाद पर क्या बोले थे पीएम मोदी ?
पीएम मोदी ने बताया था परिवारवाद का मतलब
मोदी के मुताबिक हम परिवारवाद उसे कहते हैं जब एक परिवार ही पार्टी चलाता है। जब एक परिवार ही पार्टी के सारे फैसले करता है, उसे परिवारवाद कहा जाता है। हम चाहते हैं कि एक ही परिवार के 10 सदस्य राजनीति में आए। नवयुवक राजनीति में आए लेकिन परिवारवाद के जरिए नहीं. यह चिंता का विषय है।
पीवी नरसिम्हा राव के बेटे का ठिकाना बनेगा बीजेपी!
बीजेपी में पूर्व प्रधानमंत्रियों के रिश्तेदारों की भरमार
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर
17 अप्रैल 1927 को जन्मे चंद्रशेखर एक ऐसे भारतीय राजनेता थे जिनका जीवन त्याग और संघर्ष से भरा रहा। 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 तक भारत के 8वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत रहते हुए उन्होंने अल्पमत सरकार का नेतृत्व किया और अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए देश की सेवा की। जनता दल से अलग हुए गुट के नेता के रूप में, उन्होंने अपनी राजनीतिक दूरदर्शिता और कुशल नेतृत्व का परिचय दिया।
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी
वीपी सिंह की राष्ट्रीय मोर्चा सरकार में मंत्री रहे। नरसिम्हा राव सरकार में कृषि मंत्री, अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में कृषि मंत्री और मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री का कार्यभार संभाला। अब हाल ही में उनके बेटे जयंत चौधरी ने लोकसभा चुनावों के लिए विपक्षी गठबंधन को छोड़कर एनडीए में शामिल होने का फैसला किया। यह कदम चौधरी अजीत सिंह की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है।
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे और पोते
कर्नाटक की हासन लोकसभा सीट पर गौड़ा परिवार की गढ़ रही है। पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के परिवार से यहां जिसने भी चुनाव लड़ा हर बार उन्हें जीत मिली। 2019 लोकसभा चुनाव में एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना ने जीत दर्ज की थी।
साल 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली बीजेपी की 13 दिनों की सरकार गिरने के बाद एचडी देवेगौड़ा ने सत्ता संभाली थी। तब किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं था, ऐसे में संयुक्त मोर्चा के उम्मीदवार एचडी देवेगौड़ा ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का परिवार किस पार्टी के साथ
पूर्व प्रधानमंत्री के बड़े बेटे हरि कृष्ण शास्त्री हमेशा कांग्रेस के साथ रहे हैं। उनके छोटे बेटे सुनील शास्त्री कई बार कांग्रेस-बीजेपी के बीच घूम चुके हैं। शास्त्री परिवार के बाकी सदस्य कांग्रेस, बीजेपी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल सहित कई राजनीतिक दलों में शामिल रहे हैं. शास्त्री परिवार के सदस्यों ने विभिन्न विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व किया है, जिसमें समाजवाद, गांधीवाद, और राष्ट्रवाद शामिल हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद साल 1964 में लाल बहादुर शास्त्री देश के दूसरे प्रधानमंत्री बनाए गए थे। वे एकदम शांत स्वभाव के थे और सादगी भरा जीवन व्यतीत करते थे। पीएम बनने से पहले उन्होंने रेल मंत्री, परिवहन एंव संचार मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री और गृह मंत्री का कार्यभार संभाला था।
पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का परिवार कहां
लालकृष्ण के एक बेटे जयंत आडवाणी और एक बेटी प्रतिभा आडवाणी हैं। लालकृष्ण आडवाणी के परिवार का कोई भी सदस्य राजनीति में नहीं है। लालकृष्ण के बेटे जयंत आडवाणी पेशे से बिजनेसमैन हैं। कहा जाता है कि लालकृष्ण आडवाणी का मानना है कि अगर उनके बच्चे राजनीति में आते हैं तो उन पर वंशवाद का आरोप लग सकता है। इसलिए वह नहीं चाहते थे कि उनके बेटे राजनीति में आएं।