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बिहार: पंचायत चुनाव में वोटरों का विश्वास जीतने की कोशिश, अंगारे पर चलकर दी ‘अग्नि परीक्षा’

बिहार
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गोपालगंज | बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव को लेकर विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी मतदाताओं का विश्वास जीतने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान प्रत्याशी मतदाताओं से कई तरह के लोकलुभावन वादे भी कर रहे हैें।

इस बीच, बिहार के गोपालगंज जिले के शेर पंचायत में एक अनोखा मामला सामने आया, जहां मुखिया पद के एक प्रत्याशी ने आग (अंगारे ) पर चलकर लोगों को वादा निभाने का विश्वास दिलाया।

गोपालगंज जिले के सिधवलिया प्रखंड क्षेत्र के शेर ग्राम पंचायत में नौवें चरण के तहत 29 नवंबर को मतदान होना है। इसे लेकर विभिन्न पदों पर किस्मत आजमा रहे सभी प्रत्याशी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

इस सिलसिले में शेर पंचायत में मुखिया पद के लिए भाग्य आजमा रहे मुन्ना महतो ने आग (अंगारे) पर चलकर किए गए वादे को निभाने का वादा किया। उन्होंने खुद को देवी मां का भक्त बताते हुए कहा कि वे अग्नि पर चलकर अग्नि परीक्षा दी है, कि वे जीतने के बाद बेहतर काम करेंगे।

इस दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित लोग जयकारा भी लगाते रहे। उन्होंने कहा कि अन्य प्रत्याशी चुनाव में किए गए वादे को भूल जाते होंगे, लेकिन मैं भूलने वाला नहीं हूं। जो वादा कर रहा हूं, वह निभाउंगा।

पहली बार किसी भी चुनाव मैदान में उतरे मुन्ना प्रतिदिन देवीस्थान पर मां देवी की पूजा-अर्चना करते है। इस देवी स्थान पर प्रतिदिन लोगों की भीड लगती है। इस दौरान प्रत्याशी मुन्ना बताते हैं कि वे जब तक चुनाव नहीं जीतेंगे, तब तक देवी की अराधना करते रहेंगे। उन्होंने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि शक्ति की ताकत से ही वे चुनाव जीत जाएंगें।

उनकी इस अग्नि परीक्षा को देखने के लिए लोगों की भीड एकत्रित थी, जो जयकारा लगाती रही। देवी स्थान परिसर में पहले एक त्रिकोण गड्ढा बनाया गया और उसमें फिर अंगारे डाले गए और उसपर फिर यह खाली पैर चले।

इधर, मुन्ना के चुनाव मैदान में उतरने के बाद चुनाव भी रोचक हो गया है। ग्रामीण भी कहते हैं कि ये पहले भी देवीस्थान पर रहकर पूजा पाठ करते रहे हैं। गांव वाले भी इनमें श्रद्धा रखते हैें। गांव वाले हालांकि मतदान को लेकर कुछ भी खुलकर नहीं बोल रहे हैं।

बहरहाल, चुनाव परिणाम आने के बाद ही तय होगा कि मुन्ना चुनाव जीत पाते हैं या नहीं, लेकिन इनके चुनाव मैदान में उतरने से लोगों का चुनाव के प्रति आकर्षण बढ गया है।

उल्लेखनीय है कि बिहार में 11 चरणों में पंचायत चुनाव हो रहे हैं।