बिहार के स्कूलों में अब ‘हाईटेक’ होगी हाजिरी

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 ‘टैबलेट’ से चेहरा स्कैनिंग -जानिए आपके बच्चों के लिए क्या है खास?

 पटना। बिहार में एक जनवरी से सरकारी स्कूलों में बच्चों की हाजिरी डिजिटल तरीके से ली जाएगी। इसके लिए ‘ई-शिक्षाकोष’ पोर्टल का इस्तेमाल होगा। इस पोर्टल पर बच्चों के चेहरे को स्कैन करके हाजिरी लगेगी। शिक्षा विभाग के अनुसार इस तकनीक का ट्रायल सफल रहा है। उन्होंने कहा कि इसका ट्रायल कर लिया गया है, जो पूरी तरह सफल रहा है। जल्द ही स्कूलों में टैबलेट भी दिए जाएँगे और शिक्षकों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। टैबलेट से बच्चों की फोटो भी ली जाएगी ताकि फर्जी हाजिरी पर रोक लग सके।
इसके अलावा, पहली कक्षा से ही बच्चों को बिहार की स्थानीय भाषाओं जैसे भोजपुरी, मगही, अंगिका और मैथिली में पढ़ाई कराई जाएगी। एक से आठ कक्षा तक के बच्चों को बिहार की स्थानीय भाषाओं मसलन मगही, भोजपुरी, अंगिका और मैथिली में पढ़ाई करायी जायेगी, ताकि बच्चे अपनी बोलचाल की भाषा में सीख सके।ष् नौवीं से बारहवीं कक्षा तक हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा को भी बढ़ावा दिया जाएगा। दोनों भाषाओं में किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। अंग्रेजी माध्यम की किताबें स्कूल की लाइब्रेरी में रखी जाएंगी। शिक्षकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे कक्षा में हिंदी के बाद अंग्रेजी में भी समझाएं।
शिक्षा विभाग जल्द ही आठवीं कक्षा से गणित और विज्ञान विषय में ओलंपियाड कराएगा ताकि बच्चों की प्रतिभा को निखारा जा सके। शिक्षकों की ट्रेनिंग अब जिलों में ही कराई जाएगी। स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं का निर्माण मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
मिडिल और प्लस टू स्कूलों के शिक्षकों को अब गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति मिलेगी। मिडिल और प्लस टू स्कूलों में शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करेंगे। वे प पर ही फोकस करेंगे। इसके लिए 6200 लिपिक और विद्या सहायकों की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए सभी आदेशों, निर्देशों और मार्गदर्शिका की प्रति शिक्षकों को पीडीएफ फॉर्मेट में उपलब्ध कराई जाएगी ताकि किसी भी प्रकार का भ्रम न रहे।

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