जीएनएम कॉलेज की छात्राओं ने प्राचार्य पर लगाया था शराब के नशे धुत होकर उनसे मसाज कराने का आरोप
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को लिखा था पत्र
बिट्टू सिंह
बेतिया/पटना। यदि बिहार में नीतीश सरकार ने कठोर कदम नहीं उठाये होते तो कोलकाता रेप और हत्या कांड जैसा कांड बिहार के बेतिया में भी हो सकता था। जी हां बेतिया के एक नर्सिंग संस्थान के प्राचार्य पर वहां की छात्राओं ने बेहद संगीन आरोप लगाए थे। इन छात्राओं का आरोप था कि संस्थान का प्राचार्य न केवल ऑफिस में शराब पीता है बल्कि उनसे मसाज भी कराता है। इन छात्राओं ने बाकायदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को पत्र लिखकर अपनी पीड़ा बताई थी। हालांकि प्राचार्य इन आरोपों को नकारता रहा। प्राचार्य का कहना है कि सीनियर छात्राएं जूनियर छात्राओं की रैगिंग करती हैं। उनको डांटा गया तो उन पर ये आरोप लगा दिए गए। प्राचार्य ने कुछ जूनियर छात्राओं से सीनियर छात्राओं के खिलाफ बयान भी दिलवा दिए। प्राचार्य की शराब की बोतल के साथ कुछ तस्वीरें भी वायरल हुई हैं। जिन्हें प्राचार्य एडिटिंग कर वायरल कराने की बात करता रहा। प्राचार्य को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकायदा बेतिया के डीएम दिनेश कुमार राय ने यह जानकारी दी है।
दरअसल एक मीडिया रिपोर्ट में दिखाया गया कि पश्चिमी चंपारण के बेतिया में स्थित जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान की छात्राएं खौफ के साये में जी रही हैं। इन छात्राओं का कहना था कि उनका प्राचार्य शराबी है और शराब के नशे में धुत होकर उनसे मसाज कराता है। छात्राओं का यह भी कहना था कि बेतिया के उच्च अधिकारी द्वारा प्रभारी प्राचार्य को दोषी मानते हुए रिपोर्ट भी भेजी जा चुकी है पर इस प्राचार्य पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।छात्राओं ने अंत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगाई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन छात्राओं ने प्रभारी प्राचार्य की करतूतों की तस्वीरें दिखाकर विभाग को इस बात की जानकारी दी थी। पता चला है कि छात्राओं की शिकायत के बाद नर्सिंग संस्थान के निदेशक प्रमुख डॉ. सुनील कुमार झा ने इस मामले में बेतिया के सिविल सर्जन को जांच का आदेश भी दिया था। जांच के बाद बेतिया के सीएस ने प्रभारी को दोषी मानते हुए अपनी रिपोर्ट भी भेजी थी पर हैरानी की बात यह है इस प्रभारी प्राचार्य पर अब तक किसी की तरह की कार्रवाई नहीं हो सकी थी। प्रभारी प्राचार्य की कुछ तस्वीरें भी वायरल हो चुकी हैं।
दरअसल गुरुवार को बिहार बेतिया का जीएनएम कॉलेज उस समय सुर्खियों में आ गया जब एक टीवी चैनल पर प्राचार्य पर लड़कियों का शोषण का आरोप लगाते हुए खबर चला दी गई। जब इस संबंध में प्राचार्य से पूछा गया तो उन्होंने यह सब गलत बताया। जब उनसे उस पत्र के बारे में पूछा गया जो उनकी शिकायत करते हुए दो माह पहले दिया गया था। और वह विभाग को इसका जवाब भी दे चुके हैं। तो प्राचार्य ने कहा कि जूनियर वर्ग में पढ़ने वाली दर्जनों छात्राओं का कहना था कि प्राचार्य के ऊपर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। सीनियर क्लास की छात्राएं उनके साथ रैंकिंग करती हैं। जब प्राचार्य उन्हें डांटते हैं तो झूठी कहानी बनाकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है। कॉलेज के प्राचार्य मनीष कुमार जायसवाल, शिक्षक शिक्षिकाओं में संजय मिश्र, प्रीति कुमारी, प्रज्ञा श्रीवास्तव,करन तथा विमला कुमारी कर्मियों का कहना था कि कुछ लोग गलत बातों को हवा देकर कॉलेज के छवि खराब कर रहे हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जो तस्वीरें वायरल हुईं उनकी हकीकत क्या है ?
दरअसल बिल्कुल इसी तरह का मामला कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज का है। इस कॉलेज का प्राचार्य संदीप घोष भी अनैतिक कार्यों में लिप्त रहता था। उसके बारे में पता चला है कि वह अपने चहेते छात्रों के साथ शराब पीता था। मनमानी करता था। उसके खिलाफ भी छात्राओं ने तमाम शिकायतें की पर उसका कुछ बिगाड़ न सका। जिसका परिणाम कोलकाता रेप और हत्या कांड सामने है। यह शासन और प्रशासन का नाकारापन ही रहा कि ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और उसकी हत्या कर दी गई। अब इस मामले में सीबीआई जांच बैठी हुई है। पर क्या इस तरह के मामले शिकायतों की अनदेखी करने और संदीप घोष जैसे लोगों को बढ़ावा देने के कारण नहीं होते हैं। नीतीश सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए आरोपी प्राचार्य को गिरफ्तार कर लिया है।
को बढ़ावा देने के कारण नहीं होते हैं।