पहाड़ की गोद में बसा प्राकृतिक सौंदर्य
दीपक कुमार तिवारी
पटना। कभी नक्सल आतंक का पर्याय बन चुके जमुई के हरनी पंचायत के पंचभूर जंगल में स्थित झरना वर्तमान समय में आसपास और दूर दराज के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। यह वही इलाका है जहां कुछ माह पूर्व तक लोग दिन के उजाले में भी पहुंचने के नाम से दहशत में आ जाते थे। लेकिन पुलिस और अर्धसैनिक बलों की ताबड़तोड़ कार्रवाई के कारण यह इलाका बिल्कुल ही रमणीक क्षेत्र बन गया है। यह झरना जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर घने जंगल और पथरीले मार्ग के बीच स्थित है।
कल कल करते हुए इस झरने की मनमोहक और मधुर ध्वनि लोगों को बरबस अपनी ओर खींच रही है। जिसके कारण यहां आस-पास और दूर दराज से लोग नहाने, सुकून का पल बिताने और पिकनिक मनाने के लिए भी आते हैं। ग्रामीण सुखदेव खैरवार, सुनील मरांडी, दिनेश मुर्मू, शोभन हांसदा, बड़की सोरेन, पोटक मांझी आदि ने बताया कि प्रत्येक दिन सूर्य की किरण की तपिश बढ़ने के साथ ही यहां आने वाले लोगों की तादाद बढ़ती रहती है। पहले यहां आस-पास के लोग भी आने से डरते थे। लेकिन अब यहां का माहौल बिल्कुल ही बदल गया है।
झरने के पास युवा, महिला और युवतियों के साथ-साथ अन्य लोग भी बिना किसी डर और भाई के भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। यह झरना और इस जंगल की हरियाली पूर्णरूपेण प्रकृति प्रदत्त है। इसके अस्तित्व के बारे में किसी को जानकारी नहीं है। पर्यटकों के यहां आने से स्थानीय लोगों में भी स्वरोजगार की आस जगने लगी है। झरना तक जाने वाले मार्ग में कई स्थानीय लोगों द्वारा पर्यटकों की सुविधा को ध्यान कई प्रकार की खाद्य सामग्री और बोतलबंद पानी की बिक्री की जा रही है। जिसके कारण उनके भरण पोषण का मार्ग भी प्रशस्त हो रहा है।
झरना के पानी के कारण इस पंचायत के गांव में पटवन की समुचित सुविधा उपलब्ध है। जिसके कारण कभी भी फसल नहीं सूखती है और अच्छी उपज होने के कारण किसानों में खुशहाली बरकरार रहती है। ग्रामीणों की मांग है कि सरकार को इसे अविलंब पर्यटन स्थल का दर्जा देना चाहिए, ताकि इसका समुचित तरीके से विकास हो सके। सरकार को यहां आने वाले लोगों की सुरक्षा को ध्यान पुलिस चौकी की स्थापना करनी चाहिए। सशस्त्र सुरक्षा बल के डिप्टी कमांडेंट विनोद दास ने कहा कि केरल राज्य के तर्ज पर पर्यटन पुलिस की तैनाती यहां पर होनी चाहिए।
वन विभाग को इस क्षेत्र में समय-समय पर गश्ती करके पेड़ों की कटाई पर रोक लगनी चाहिए। प्रशासन को भी स्थानीय लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
पंचभूर झरना को जल्द से जल्द पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाया जाएगा। बिहार सरकार के विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा इसे पर्यटन सर्किट से जोड़कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए जल्द ही समुचित कदम उठाया जाएगा।