अब क्या करेंगे पापा जीतन?
दीपक कुमार तिवारी
गया। बिहार उप चुनाव की घोषणा क्या हुई केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के घर में दावेदारी की आग भड़क गई। यह तो तय था कि जीतनराम मांझी के सांसद बनने के बाद गया की इमामगंज विधान सभा सीट की दावेदारी उनके घर से ही होगी, पर दावेदारी के इतने द्वार खुल जाएंगे यह तो हम के संस्थापक अध्यक्ष जीतन राम मांझी को भी अहसास नहीं था।
गया लोकसभा से जीतन राम मांझी के सांसद बनने के बाद इमामगंज विधान सभा के उप चुनाव होने हैं। यह भी तय था कि इमामगंज से प्रत्याशी जीतन मांझी के परिवार का ही कोई सदस्य बनेगा। सब कुछ ठीक ही चल रहा था। तय यह था कि मांझी अपने बेटे प्रवीण मांझी को चुनावी जंग में उतारेंगे।
जैसे ही उप चुनाव की घोषणा हुई जीतन मांझी के परिवार में ही एक साथ कई कि महत्वाकांक्षा जाग गई। प्रवीण मांझी अभी कुछ सोच पाते कि जीतनराम मांझी के बेटे और बिहार सरकार के मंत्री संतोष मांझी की धर्मपत्नी दीपा मांझी ने भी अपना दावा ठोक दिया है। अपने पति के काम काज को आसान करने के लिए वह उनके कंधे से कंधा मिलाते सहयोग किया करती रही हैं। संतोष मांझी ने इस हुनर को ध्यान में रखकर दीपा मांझी नाम आगे कर दिया।
अभी जीतन राम मांझी बेटा और बहु के विवाद का ही हल ढूंढने में लगे थे। लेकिन उप चुनाव की घोषणा क्या हुई, सर मुड़ाते ही ओले पड़े। हुआ यह कि मांझी की समधन ज्योती देवी भी मोर्चा की विधायक हैं। ज्योति ने 2020 के विधान सभा चुनाव में बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी थी। और वह लगातार दूसरी बार जीती। उन्होंने राजद की समता देवी को 6318 मतों से हराया था। उनकी इच्छा यह है कि उनका बेटा देवेंद्र मांझी इमामगंज से चुनाव लड़े। जीतनराम मांझी की फजीहत यह है कि देवेंद्र मांझी उनके दामाद हैं।
हम के अपेक्षित तीन उम्मीदवारों में देवेंद्र मांझी ही ऐसे हैं जो विधान सभा का चुनाव लड़े हैं। मखदुमपुर विधान सभा से गत चुनाव में इन्हें हार का सामना करना पड़ा। दीपा मांझी के पास जिला परिषद चुनाव में उतरने का अनुभव है। प्रवीण मांझी वार्ड 53 से वार्ड पार्षद रह चुके हैं।
भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के भरोसेमंद जीतन राम मांझी अब इसका फैसला आश्वासन के फलसफे पर करना चाहेंगे। मिली जानकारी के अनुसार एक साल बाद जब बिहार विधान सभा चुनाव 2025 में होगा तो तब तीन में से दो बच्चे दावेदारों को आगामी विधान सभा चुनाव के लिए आश्वासन दिलाया जाएगा।
वैसे माना जा रहा है कि दीपा मांझी पर सहमति बन सकती है। इससे महिला कोटा भी पूरा हो सकता है। वैसे निर्णय तो हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष मांझी को करना है। पर जो जानकारी मिल रही गए पलड़ा दीपा मांझी का भरी चल रहा है।