पटना (दीपक कुमार तिवारी)। बिहार में चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष का माहौल बन गया है। एनडीए के नीतीश कुमार, ‘इंडिया’ गठबंधन के तेजस्वी यादव, और नवगठित जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर के बीच इस बार कांटे की टक्कर है। ये चुनाव न केवल इन नेताओं की प्रतिष्ठा के लिए अहम हैं, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनावों की दिशा भी तय करेंगे।
वर्तमान में एनडीए के पास चार में से केवल एक सीट है, जबकि तीन सीटें ‘इंडिया’ गठबंधन के पास हैं। रामगढ़, बेलागंज, इमामगंज और तरारी सीटों पर होने वाले इस उपचुनाव में हर दल ने अपने सशक्त उम्मीदवारों को उतारा है। प्रशांत किशोर पहली बार अपने जन सुराज दल के माध्यम से इस चुनावी मैदान में उतरे हैं, जिनकी छवि पर इस चुनाव का परिणाम महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा।
रामगढ़ और बेलागंज सीट पर राजद के उम्मीदवार हैं, जबकि इमामगंज सीट एनडीए के खाते में रही है। तरारी पर सीपीआई (एमएल) ने उम्मीदवार उतारे हैं, जो पहले भी इसी सीट पर कब्जा बनाए हुए थे। तीनों प्रमुख नेताओं के लिए यह चुनाव एक प्रकार का लिटमस टेस्ट है।
नीतीश कुमार के काम का आधार पर समर्थन देखने को मिलेगा, वहीं तेजस्वी यादव की नौकरी देने वाली छवि की भी कसौटी होगी। प्रशांत किशोर के लिए यह उनके राजनीतिक सफर की पहली परीक्षा मानी जा रही है।