साइबर फ्रॉड का शिकार बने रानीगंज के व्यवसायी को बड़ी राहत!

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रानीगंज: भारत में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और व्यापारी इनका प्रमुख लक्ष्य बन रहे हैं। ऐसा ही एक बड़ा मामला हाल ही में सामने आया, जब रानीगंज के व्यवसायी राहुल साव,जो ‘साव भुजावाला’ के नाम से जाने जाते हैं, को ₹75,890/- की बड़ी राशि से साइबर फ्रॉड का सामना करना पड़ा। जुलाई 2024 में उनके व्यापारिक लेन-देन के दौरान गूगल पे और एयरटेल पेमेंट्स बैंक के बीच तकनीकी खामी का लाभ उठाकर साइबर अपराधी ने उक्त राशि को एक तीसरे खाते में स्थानांतरित कर दिया, जो हैदराबाद, तेलंगाना में स्थित था।
मामला और गंभीर तब हो गया जब साव ने इस धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई और स्थानीय पुलिस ने उन्हें बताया कि जिस खाते में यह राशि स्थानांतरित की गई थी, वह पहले से ही साइबर अपराध से जुड़े 1000 से अधिक मामलों में आरोपित है। हैदराबाद में स्थित इस खाते का उपयोग कई साइबर फ्रॉड मामलों में हो रहा था, और पुलिस के अनुसार यह खाता साइबर अपराधियों के एक बड़े नेटवर्क से जुड़ा हुआ था।
राहुल साव की इस कठिनाई का समाधान आसान नहीं था। तकनीकी गड़बड़ियों के चलते,साइबर अपराधी ने बड़ी चालाकी से राशि को एक खाते में स्थानांतरित कर दिया, जो पहले से ही कई साइबर अपराध मामलों से जुड़ा था। ऐसे मामलों में फंसी हुई रकम वापस मिलना व्यापारियों के लिए लगभग असंभव होता है, लेकिन साव ने सही कदम उठाया और अधिवक्ता यश सिंह चौहान की कानूनी मदद ली।
अधिवक्ता चौहान ने स्थानीय पुलिस और साइबर क्राइम विभाग से मिलकर इस मामले की गहराई से जांच की। जब साइबर पुलिस और बैंकिंग संस्थाओं से कोई ठोस जवाब नहीं मिला,तब चौहान ने कानूनी रूप से गूगल पे और एयरटेल पेमेंट्स बैंक को जवाबदेह ठहराया। चौहान की कानूनी रणनीति और समर्पण ने न केवल इस मामले को हल किया, बल्कि साव को उनका अटका हुआ पैसा भी वापस दिलवाया।
यह मामला देशभर में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं का एक और उदाहरण है, जिसमें अपराधी व्यापारियों के डिजिटल लेन-देन के दौरान तकनीकी गड़बड़ियों का फायदा उठाते हैं। लेकिन इस केस में अधिवक्ता चौहान की सटीक कानूनी रणनीति ने यह साबित कर दिया कि सही कानूनी सलाह और दृढ़ता से किसी भी साइबर फ्रॉड से लड़ाई जीती जा सकती है।
चौहान ने यह सुनिश्चित किया कि गूगल पे और एयरटेल पेमेंट्स बैंक को इस साइबर फ्रॉड के लिए जवाबदेह ठहराया जाए, और उन्होंने मामले को सटीक कानूनी दिशा में आगे बढ़ाया। चौहान की इस सूझबूझ से श्री शॉ को न केवल उनका अटका हुआ पैसा वापस मिला, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया गया कि उन्हें न्याय मिले।
यह मामला उन सभी व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है, जो डिजिटल लेन-देन में धोखाधड़ी का सामना करते हैं और बड़ी कंपनियों से लड़ने में हिचकिचाते हैं। सही कानूनी सलाह और ठोस कदम से साइबर अपराध के खिलाफ जीत हासिल की जा सकती है।
अधिवक्ता यश सिंह चौहान की कुशल कानूनी रणनीति और पेशेवर दृष्टिकोण ने इस मामले को निर्णायक बना दिया। चौहान ने दिखाया कि कैसे एक पेशेवर और गहरी कानूनी समझ वाला वकील साइबर अपराध से जुड़े मामलों में व्यापारियों के लिए बड़ी राहत ला सकता है।
राहुल साव की इस जीत ने यह स्पष्ट कर दिया कि साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में सही कानूनी कदम कितने महत्वपूर्ण होते हैं। अधिवक्ता यश सिंह चौहान के नेतृत्व में यह केस एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया है, जो यह दिखाता है कि डिजिटल लेन-देन में धोखाधड़ी के शिकार व्यापारियों के पास न्याय पाने का कानूनी मार्ग हमेशा खुला होता है।
यह मामला उन सभी व्यापारियों के लिए प्रेरणादायक है, जो साइबर फ्रॉड के शिकार होते हैं और सही कानूनी कदम उठाने में हिचकिचाते हैं। अधिवक्ता यश सिंह चौहान की कड़ी मेहनत और रणनीतिक कौशल ने यह साबित कर दिया कि साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में कानून एक प्रभावी हथियार है, जिससे न केवल न्याय प्राप्त किया जा सकता है, बल्कि बड़े नेटवर्क से जुड़े अपराधियों को भी चुनौती दी जा सकती है।

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