करीब 13 किमी की यात्रा के बाद यात्रा अलाप्पुझा के कैमलॉट कन्वेंशन सेंटर में रुकी। यहां यात्रियों ने स्थानीय नागरिकों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। उनकी प्रमुख चिंताओं में से एक अलाप्पुझा में जलवायु परिवर्तन और खारे पानी के प्रवेश का खतरा था। यात्रा शाम 7 बजे अलाप्पुझा के मैथिरा डाकघर में समाप्त हुई।
Bharat Jodo Yatra : तेरहवां दिन पुन्नपरा, अलाप्पुझा से सुबह 7 बजे से हुई शुरू
