हाथ जोड़ रहम की भीख मांगता रहा JDU नेता, बोला- अब न खाएंगे…पर पीट-पीट उतार दिया मौत के घाट, समस्तीपुर के मुसारी घरारी इलाके का रहने वाला आलम 16 फरवरी से घर से लापता था। पुलिस के मुताबिक उसके परिवार को फिरौती के लिए फोन आया था, जिसमें 2.75 लाख रुपये की मांग की गई थी।
द न्यूज 15
पटना । बिहार के समस्तीपुर में एक स्थानीय जद (यू) नेता के अपहरण और कथित तौर पर मारे जाने के एक हफ्ते बाद पुलिस ने बुधवार को मामला दर्ज किया। इस मामले में तीन दिन पहले एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें बताया गया था कि कथित तौर पर उसे गोहत्या में शामिल होने के लिए मारा गया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने सांप्रदायिक तनाव भड़काने और हत्या की जांच को मोड़ने के इरादे से वीडियो पोस्ट किया था।
पुलिस ने 35 वर्षीय मोहम्मद खलील आलम की हत्या धार्मिक वजह से किए जाने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि आलम को रेलवे में एक युवक को नौकरी देने के अपने वादे को पूरा करने में कथित रूप से विफल रहने के लिए मार दिया गया था। वीडियो में दिखाया गया है कि पीड़ित जदयू नेता हाथ जोड़कर रहम की भीख मांगता रहा और बोला कि अब बीफ नहीं खाएंगे, लेकिन उसे पीट-पीटकर मार डाला गया।
हत्या के मामले में अब तक तीन और सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने को लेकर एक को गिरफ्तार किया जा चुका है। चौथा आरोपी फरार है।समस्तीपुर के मुसारी घरारी इलाके का रहने वाला आलम 16 फरवरी से घर से लापता था। पुलिस के मुताबिक उसके परिवार को फिरौती के लिए फोन आया था, जिसमें 2.75 लाख रुपये की मांग की गई थी। पुलिस ने कहा कि कोई फिरौती नहीं दी गई और आलम के परिवार ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
18 फरवरी को पुलिस ने एक छात्र विपुल झा को गिरफ्तार किया था, जो खुद को एक एनजीओ कार्यकर्ता होने का दावा करता है। वह इस मामले में पहली गिरफ्तारी थी। पुलिस ने कहा कि उसने उन्हें बताया कि आलम की मौत 16 फरवरी को ही हुई थी। बाद में पुलिस ने अधजले शव को बाहर निकाला। समस्तीपुर के एसपी हृदय कांत ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया: “विपुल ने कहा कि जद (यू) नेता ने 2019 में एक छात्र से रेलवे में नौकरी दिलाने के लिए 3.75 लाख रुपये लिए थे, लेकिन नौकरी दिलाने में असमर्थ रहा। विपुल और उसके साथी किशन कुमार ने आलम से पैसे वसूल करने का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया था।”