जादूगर सम्राट शंकर का हर शो पारिवारिक शो होता है। जादू ही एकमात्र ऐसा शो है जिसके एक-एक महीना तक टिकट शो लगते हैं और भारी भीड़ जमा होती है। बड़े से बड़े सिंगर- डांसर इत्यादि के एक आध या दो प्रोग्राम ही होते हैं जो पूरा परिवार के साथ बैठकर नहीं देखे जा सकते। शंकर अपनी कला के माध्यम से अंधविश्वास को दूर करते हैं हालांकि ये भी धार्मिक कपड़े पहनकर कुछ भी दिखाकर लोगों को भ्रमित करके पैसा कमा सकते हैं। बहुत से तथा कथित लोग दो-चार चीज सीख कर लोगों को गुमराह करते हैं। लेकिन ये भ्रम निकालते हैं। सम्राट शंकर नशे से छुटकारा- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ- पर्यावरण को बचाने संबंधी और पानी की किल्लत इत्यादि पर भी बहुत से शो करते हैं जो समाज को काफी हद तक जागरूक करते हैं।
डॉ. सत्यवान सौरभ
जादूगर सम्राट शंकर का 1984 में एलेनाबाद, घाटकन, धनगवां, जहानाबाद, भारत में हुआ था और उनका पालन-पोषण श्री करणपुर में हुआ था। शांत लंबे और पतले शंकर का व्यक्तित्व सुंदर है। शैक्षणिक दृष्टि से, वह एक प्रतिभाशाली छात्र थे, जिन्होंने अपनी पढ़ाई एम.कॉम तक की, जादूगर सम्राट शंकर ने पंद्रह हजार से अधिक स्टेज शो किए हैं। वह एक जादू गुरु है जो अपने पचास सदस्यों की टीम के साथ तीन घंटे के शो में चमत्कार कर सकता है। जादू के प्रति उनकी प्रवृत्ति ने शंकर को 12 वर्ष की छोटी उम्र में विभिन्न प्रतिष्ठित जादूगरों के मार्गदर्शन में इस खूबसूरत कला में आगे प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित किया। जादू के इतिहास में जादूगर सम्राट शंकर वास्तव में अद्वितीय हैं। वह भारत के कुछ विश्व स्तरीय कलाकारों में से एक हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार और जादूगर-सम्राट शंकर के आत्मीय मित्र
डॉ. रामनिवास ‘मानव’ कहते हैं,”जादू-कला हो या जीवन-कला, कला के सच्चे उपासक हैं शंकर मोदी। जादू-कला के क्षेत्र में तो इन्होंने पूरे विश्व में अपनी कीर्ति का परचम लहराया ही है, जीवन-कला के क्षेत्र में भी इनकी उपलब्धियां कुछ कम नहीं हैं। जादूगर बनने से पहले ही इन्होंने अपनी माता श्रीमती गीता देवी को वचन दिया था कि मैं जादू-कला का उपयोग समाज के कल्याण के लिए करूंगा, स्वार्थ के लिए नहीं। अपने इस वचन का इन्होंने पूरी निष्ठा से पालन किया है। इसका प्रमाण यह है कि विश्व-भर में जादू के तीस हजार शो करने वाले शंकर ने बीस हजार शो चैरिटी के लिए किये हैं और मात्र दस हजार शो अपने जीवन-यापन के लिए। जादू-कला हो या जीवन-कला, दोनों में मानवीय मूल्यों का समुचित सामंजस्य स्थापित करने वाले इस महान कलाकार को मेरा सादर नमन।”
सम्राट शंकर देश के ऐसे जादूगर हैं जो निरंतर अपनी जादू कला को समर्पित हैं। देश-विदेश में अब तक असंख्य जादुई शो कर चुके सम्राट शंकर जिस भव्यता से अपने शो करते हैं, उसके लिए उन्हें देश का नंबर वन जादूगर कहा जाता है। साथ ही इसलिए भी कि क्योंकि उनका जादू देश की अनेक बड़ी हस्तियाँ भी देख चुकी हैं। जिनमें अटल बिहारी वाजपेयी, नरेन्द्र मोदी, रामनाथ कोविन्द, ज्ञानी जैल सिंह, भैरों सिंह शेखावात, अमित शाह, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, जे पी नड़ड़ा, अर्जुन राम मेघवाल और मीनाक्षी लेखी तक कितने ही नाम हैं। यूं विभिन्न राज्यों के कितने ही राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ साथ धर्मेन्द्र, हेमा मलिनी, मनोज कुमार, अनिल कपूर, जूही चावला और कटरीना कैफ जैसी बहुत सी फिल्म हस्तियाँ भी उनके जादू से मंत्र मुग्ध हो चुकी हैं। मैंने स्वयं उनके जादुई शो कई बार देखे हैं। दूरदर्शन पर उनके जादू के साथ उनके इंटरव्यू की भी एक सीरीज मैंने की है।
शंकर के जादू की खास बात यह भी है कि उसे कितनी ही बार देख लें। लेकिन उसमें दिलचस्पी बराबर बनी रहती है। फिर वह अपने जादू में सामाजिक संदेश और शिक्षा देने के साथ दर्शकों को जागरूक करने का काम भी करते हैं। सम्राट शंकर बताते हैं-‘’मैंने जब 1973-74 के दौर में अपने जादुई खेलों की शुरुआत की थी। तभी से यह फैसला लिया था कि जादू के प्रति लोगों की जो भ्रांतियाँ हैं, जो अंधविश्वास है उसे दूर करूंगा। बहुत से लोग जादू को तंत्र-मंत्र यानि जादू-टोने का खेल मानते हैं। लेकिन मैं शुरू से कहता आया हूँ कि जादू एक कला है। हाथ की सफाई का खेल है। इसलिए मैं दर्शकों को भव्यता के साथ साफ सुथरा मनोरंजन परोसता हूँ। लेकिन इस सबके साथ मैं अपने शो में पर्यावरण, स्वच्छता, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, जल बचाओ, प्लास्टिक और पोलिथीन का इस्तेमाल ना करने के संदेश भी देता हूँ। मैं अब तक देश-विदेश में 28 हज़ार शो कर चुका हूँ। जिनमें 20 हज़ार से ज्यादा शो तो मैंने सिर्फ चैरिटी के लिए किए। कभी सूखा, बाढ़ और भूकंप प्रभावित लोगों की सहायतार्थ, तो कभी मुख्यमंत्री राहत कोश और रेडक्रॉस जैसी संस्थाओं के लिए। मुझे आज भी अपने शो करने में वैसी ही सुखद अनुभूति होती है, जैसे बरसों पहले होती थी।
जादूगर शंकर सम्राट द्वारा किए गए देश-विदेश में लगभग 28000 शो में से 20000 चैरिटी के लिए किए हैं। गूंगे बच्चों के स्कूल की मदद के लिए, देश पर आई आपदा जैसे फ्लड के लिए, रेड क्रॉस के लिए या मुख्यमंत्री- प्रधानमंत्री रिलीफ फंड के लिए शो किए हैं। ये अब तक लगभग 2 करोड़ रुपए सरकार को डोनेट कर चुके हैं। इनका मुख्य मकसद जादू कला को जिंदा रखना है। बड़ा दुख है कि आज 140 करोड़ की आबादी में 140 बड़े लेवल के जादूगर नहीं है। अगर सरकार ने इस और ध्यान नहीं दिया तो यह कला लुप्त हो जाएगी।