आप एक आशा की किरण हो दिल्ली के असहाय, बेसहारा व निर्बल समुदाय के लिए : बसवराज मुरुडे
पश्चिमी दिल्ली के पालम विधानसभा के निवासी विख्यात समाजसेवी रणबीर सिंह सोलंकी को दक्षिण भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के संगठनों, समाजसेवियों एवम किसानों ने आमंत्रित किया जिसके चलते उन्होंने कई ग्रामीण क्षेत्रों में दौरा किया साथ ही वहा की संस्कृति, रीति रिवाज एवम कार्यशैली को समझा।
अपने कई दिनों के दक्षिण भारत का दौरा करते हुए कर्नाटक राज्य के बिदर लोकसभा के बसवकल्याण तालुका में विश्व विख्यात ब्रह्मकुमारी संस्था की बहनों तथा प्रतिष्ठित समाज सेवी बसवराज मरूड़े ने धर्मपत्नी व सहयोगियों समेत श्री रणबीर सिंह सोलंकी का स्वागत एवम आदर सत्कार कर भगवान लड्डू गोपाल की प्रतिमा साथ अंगवस्त्र तथा उनकी धर्मपत्नी प्रेमवती सोलंकी को साड़ी भेट देकर एवम पुष्पमाला पहना सम्मानित किया.
आप भी सोच रहे होंगे की दिल्ली के पालम विधानसभा निवासी को दक्षिण भारत या देश के अन्य राज्यों के लोग कैसे जानते है तो हम आपको बता दे की विख्यात समाजसेवी रणबीर सिंह सोलंकी लगभग 40 वर्षो से अपना जीवन समाज सेवा को समर्पित कर रखा है साथ ही देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के कार्यकर्ता रहते हुए कई महत्वपूर्ण पदों की भूमिका भी निभाई साथ ही दक्षिण व पश्चिम जिला, दिल्ली के असहाय, निर्बल, बेसहारा आदि समुदाय की सेवा नर सेवा नारायण सेवा समझ करते आ रहे है जिसके बारे में समय समय पर राष्ट्रीय अखबारों, चैनलों व सोशल मीडिया द्वारा पूरे भारतवर्ष वासियों को इनके किए गए कार्यों के बारे में ज्ञात होता रहता है एवम वह उनसे अरसे से जुड़े हुए है जिससे अपने क्षेत्र की समस्या, सुविधाओं के विषय में चर्चा करते रहते है साथ इनसे मार्गदर्शन लेते रहते है।
वहा उपस्थित सभी स्थानीय एवम प्रतिष्ठित लोगो के समक्ष श्री रणबीर सिंह सोलंकी का परिचय देते हुए समाजसेवी बसवराज मुरुडे ने कहा की “सोलंकी जी मैले-कुचैले, अनपढ़, बेसहारा, असहाय व निर्बल समुदाय के लिए एक आशा की किरण है”.
रणबीर सिंह सोलंकी चेयरमेन (फेडरेशन ऑफ साउथ एंड वेस्ट डिस्ट्रीक्ट वेलफेयर फोरम, दिल्ली) व राष्ट्रीय अध्यक्ष (राष्ट्रीय युवा चेतना मंच भारत) ने सभी ब्रह्मकुमारी बहनों, प्रतिष्ठित समाज सेवी बसवराज मरूड़े उनकी धर्मपत्नी व सहयोगियों को धन्यवाद साथ आभार वयक्त करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी।
इस मौके पर ब्रह्मकुमारी संस्था की बहने शशिकला कोरे, हेमवती स्वामी, प्रभावती शटगार, सविता मुरुडे, सुजाता मुरुडे आदि उपस्थित थे।