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Bank Strike ? : बैंकों का निजीकरण सरकार का विकास विरोधी कदम है : वेंकटाचलम

Bank Strike : हड़ताल पर पुनः जा सकते हैं बैंककर्मी

इंदौर । ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन की केंद्रीय समिति की बैठक के समापन के पश्चात महासचिव श्री सी एच वेंकटाचलम ने  बताया कि वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी क्षेत्र में धकेलना विकास विरोधी कदम है और देश का सबसे बड़ा बैंक कर्मी संगठन ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन इसके विरोध में हड़ताल की हद तक आंदोलन का निर्णय ले चुका है।

साथी वेंकटाचलम ने कहा कि सार्वजनिक बैंकों में जमा धन जनता का है इसे निजी क्षेत्र के चंद पूंजीपतियों को सौंपा जाने निर्णय हमें स्वीकार नहीं है इसके विरुद्ध हड़ताल की हद तक आंदोलन किया जाएगा। हड़ताल की तारीख की घोषणा शीघ्र ही की जाएगी। सहकारी क्षेत्र के बैंकों में त्रिस्तरीय ढांचे की जगह द्विस्तरीय ढांचा लाने की मांग करते हुए कहा कि इससे छोटे किसानों और उद्यमियों को कम ब्याज पर ऋण दिया जा सकेगा।
बैंक कर्मियों के लिए लागू ग्यारहवें वेतन समझौते की समाप्ति और बारहवें समझौते की मांग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई तथा सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के चलते अगले वेतन समझौते का मांगपत्र का मसौदा तैयार किया गया है और इसमें आर्थिक मांगों के अलावा बैंककर्मियों की निजी एवं सामाजिक जरूरतों पर को भी शामिल किया गया है।
12 वीं द्विपक्षीय समझौते की ड्राफ्टिंग कमेटी में बैंक आफ इंडिया यूनियन के इंदौर के युवा साथी नवीन मोदी को शामिल करने का निर्णय लिया गया। केंद्रीय समिति की बैठक की अध्यक्षता श्री राजेश नागर ने की तथा मेजबान मध्य प्रदेश बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के चेयरमैन मोहन कृष्ण शुक्ला ने सभी प्रदेशों से आए पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया।

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