Ban on PFI : अलग-अलग जगहों से पीएफआई के 270 से ज्यादा सदस्यों को हिरासत में गया था लिया
केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई), उसके सहयोगियों और तमाम मोर्चा को गैर कानूनी घोषित कर दिया है। सरकार ने इन सभी पर 5 साल का बैन लगा दिया है। हाल ही में पीएफआई के राष्ट्रीय जांच एजेंसी, ईडी और पुलिस ने देशभर में छापेमारी की थी। मंगलवार को दूसरे राउंड की छापेमारी में भी 270 से अधिक पीएफआई से जुड़े लोग गिरफ्तार किेय गये थे।
सरकार ने ससका आधिकारिक गजट भी प्रकाशित किया है। गत दिनों पीएफआई पर केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई के बाद इस संगठन को बैन करने की मांग उठने लगी थी। दूसरी ओर पीएफआई पर एनआईए और ईडी की छापेमारी के बाद गृह मंत्रालय ने बैन की तैयारी शुरू कर दी थी। सरकार के आदेश के साथ ही पीएफआई को यूपीए की धारा ३५ के तहत 42 प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में जाड़ा गया है।
गृहमंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार पीएफआई के सहयोगी संगठनों रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईईसी), नेशनल कांफ्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन केरल पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
दरअसल सात राज्यों में सिलसिलेवार छापेमारी में पीएफआई से जुड़े 270 से अधिक लोगों को हिरासत या गिरफ्तार किये जाने के एक दिन बाद पीएफआई पर बैन की कार्रवाई सामने आई है। कर्नाटक में पुलिस ने पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े 80 कार्यकर्ताओं और नेताओं को एहतियातन हिरासत में लिया था। इस मामले में बेंगलुरु एडीजीपी (कानून और व्यवस्था) आलोक कुमार ने पूरे राज्य में पुलिस की छापेमारी की पुष्टि की थी।
मंगलोर पुलिस ने भी पीएफआई और एसडीपीआई सदस्यों को सीआरपीसी 107,951 के तहत हिरासत में लिाय। पीएफआई के खिलाफ ये छापेमारी, यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, मध्य प्रदेश और दिल्ली में भी की गई जहां से कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिाय गया था। पुणे में पुलिस ने कथित फंडिंग के संबंध में पूछताछ के लिए 15 पीएफआई समर्थकों को हिरासत में लिया था।