सीएम नीतीश ने जून 2011 में रखी थी आधारशिला
पटना। बिहार में पटना जिले के ‘बख्तियारपुर-ताजपुर गंगा महासेतु’ का एक निर्माणाधीन हिस्सा ढह गया। बिहार राज्य सड़क विकास निगम लिमिटेड (बीएसआरडीसीएल) के मुख्य महाप्रबंधक प्रबीन चंद्र गुप्ता ने बताया, ‘बियरिंग बदलना एक नियमित अभ्यास है। किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। हम काम का निरीक्षण करने के लिए मौके पर जा रहे हैं। बख्तियारपुर-ताजपुर गंगा महासेतु’ के निर्माण की देखरेख बीएसआरडीसीएल कर रहा है।’
यह घटना बख्तियारपुर-ताजपुर गंगा महासेतु के गर्डरों की बियरिंग बदलने के दौरान हुई। खंभों पर गर्डर रखते समय उनमें से एक गिर गया। पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया, ‘नियमित कार्य के दौरान बख्तियारपुर की तरफ निर्माणाधीन पुल का एक गर्डर गिर गया।’ इस परियोजना का निर्माण पिछले कई वर्षों से चल रहा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जून 2011 में 5.57 किलोमीटर लंबे बख्तियारपुर-ताजपुर गंगा महासेतु के निर्माण की आधारशिला रखी थी। इस परियोजना की कुल लागत 1,602.74 करोड़ रुपए आंकी गई थी। परियोजना के पूरा होने के बाद यह पुल समस्तीपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग 28 और पटना में एनएच 31 को जोड़ेगा।
इस परियोजना का उद्देश्य पटना में महात्मा गांधी सेतु और मोकामा में राजेंद्र सेतु पर यातायात का भार कम करना है। इस घटना को हाल के दिनों में बिहार के कई जिलों में एक दर्जन से अधिक पुलों के ढहने की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है।
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि 1603 करोड़ रुपए की लागत से निर्माणाधीन समस्तीपुर-बख्तियारपुर-ताजपुर गंगा महासेतु के संपर्क पथ का पुल भर-भराकर गिर गया। तेजस्वी ने सोमवार यहां एक बयान जारी कर आरोप लगाते हुए कहा, ‘एक सप्ताह पूर्व करोड़ों रुपए की लागत से जमुई की बरनार नदी पर बना पुल भी धंस गया था। जबकि, उसका कुछ दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री ने कथित निरीक्षण किया था।’
उन्होंने आरोप लगाया, ’20 वर्षों की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार की बुनियाद ही कमीशनखोरी, रिश्वत खोरी, संस्थागत भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता, अवैध वसूली और अपराधी व अधिकारियों की संगठित लूट पर टिकी है। क्या प्रधानमंत्री मोदी जी, बताएंगे कि बिहार में निरंतर पुलों का गिरना भ्रष्टाचारी संयोग है या प्रयोग?’