आयुष्मान का कहना है कि वह कभी भी बॉक्स-ऑफिस को ध्यान में रखकर स्क्रिप्ट नहीं चुनते

ध्यान में रखकर स्क्रिप्ट नहीं चुनते

मुंबई| ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ में एक ट्रांस-महिला के प्यार में पड़ने वाले बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना का कहना है कि उन्होंने बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की सफलता के बारे में सोचकर कभी कोई स्क्रिप्ट नहीं चुनी। वो कहते हैं, “विक्की डोनर’ में अपनी शुरूआत के बाद से, मैंने ऐसी फिल्मों को चुना है जिन्हें सामाजिक ²ष्टिकोण से अपरंपरागत या वर्जित माना गया है। मुझे लगता है कि ऐसी फिल्में भारत के लिए जरूरी हैं। ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ मेरी फिल्मोग्राफी में एक ऐसी फिल्म है और मुझे इस पर बहुत गर्व है।”

उन्होंने ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ के निर्देशक अभिषेक कपूर के साथ अपने काम के अनुभव को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे अभिषेक कपूर में एक रचनात्मक साथी मिला, जो यह भी मानते थे कि भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। यह इस बातचीत को प्रासंगिक और मुख्यधारा बनाने का हमारा प्रयास था और मुझे उम्मीद है कि फिल्म आने वाले दिनों में ऐसा ही करेगी।

आयुष्मान आगे कहते हैं कि कोई भी स्क्रिप्ट चुनते वक्त वह कोई रिस्क लेने में कभी नहीं झिझकते और सिर्फ कहानी पर फोकस करते हैं।

आयुष्मान कहते हैं कि वह किसी भी दिन अपनी फिल्मों के माध्यम से देशव्यापी बहस छेड़ने का विकल्प चुनते हैं, न कि यह सोचने के बजाय कि उनकी फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर कितना काम करेगी।

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