Author: TheNews 15

  • जिला अधिकारी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभागार में जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बैठक

    जिला अधिकारी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभागार में जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बैठक

    ऋषि​ तिवारी
    नोएडा। जनपद में अग्नि आपदाओं से निपटने और इससे होने वाली जनहानि एवं धनहानि पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से आज जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभाागार में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गौतम बुद्ध नगर की बैठक सम्पन्न हुयी, जिसमें जिलाधिकारी ने जनपद के विभिन्न कारखाने, अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों, मॉल, रेजिडेंशियल सोसायटी आदि में अग्नि से बचाव हेतु विभिन्न उपायों के बारे में चर्चा की और मुख्य अग्निशमन अधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद के बड़े-बड़े मॉल में अग्निशमन यंत्र की जांच करा ली जाए एवं हॉस्पिटलों में भी अग्निशमन यंत्र कार्यशील है कि नहीं इसकी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जनपद के समस्त कारखाने, शिक्षण संस्थानों, मॉल, हॉस्पिटल में सुरक्षा की दृष्टिगत सुरक्षा को लेकर सभी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ रखा जायें।

    जिलाधिकारी ने कहा कि बेसमेंट एरिया में कार्य के दौरान डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाए, जिसमें संभावित आपातकालीन स्थिति में बचाव हेतु हर विवरण उपलब्ध हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जो भी प्रतिष्ठान नियमों को अनदेखा कर बनाये गये है एवं अवैध रूप से चलाये जा रहे है, जिसका कोई अनुमति नहीं ली गयी हो, उसको नोटिस देकर बंद कर दिया जाए। रेजिडेंशियल सोसायटी में कमर्शियल एक्टिविटी नहीं होनी चाहिए। जो भी कारखाने, प्रतिष्ठान, मॉल, हॉस्पिटल, मैरिज होम मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं और अवैध चल रहे है, उनको आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत नोटिस जारी करते हुये नियामानुसार कठोर कार्यवाही अमल में लायी जायें। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों से कहा कि सभी को अपने-अपने विभागों की आपदा प्रबंधन योजना भी प्रस्तुत करें। इस अवसर पर अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार, अपर जिला अधिकारी प्रशासन मंगलेश दुबे, उप जिला अधिकारी सदर चारूल यादव, उप जिला अधिकारी दादरी अनुज नेहरा, उप जिला अधिकारी जेवर अभय कुमार, जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी एवं सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

  • युवा भारतीय महिलाओं की उभरती आकांक्षाएँ

    युवा भारतीय महिलाओं की उभरती आकांक्षाएँ

    पारंपरिक सामाजिक संरचनाओं और मानदंडों को चुनौती देती महिलाएं।

    उच्च शिक्षा और कौशल विकास में लड़कियों की अब लड़कों के बराबर शैक्षिक उपलब्धि है, जिसमें 50% से अधिक युवा महिलाएँ कक्षा 12 पूरी कर रही हैं और 26% कॉलेज की डिग्री प्राप्त कर रही हैं। युवा महिलाएँ विभिन्न कैरियर पथों और डिजिटल कौशल प्लेटफ़ॉर्म तक पहुँच से प्रभावित होकर पेशेवर महत्त्वाकांक्षाओं को तेज़ी से प्राथमिकता दे रही हैं। स्किल इंडिया मिशन और स्टेम फ़ॉर गर्ल्स इंडिया जैसे कार्यक्रमों ने तकनीकी क्षेत्रों में युवा महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया है।

    प्रियंका सौरभ

    पिछले एक दशक में युवा भारतीय महिलाओं की आकांक्षाओं में एक परिवर्तनकारी बदलाव देखा गया है, जो उनकी बढ़ती स्वायत्तता, शिक्षा और कार्यबल में भागीदारी को दर्शाता है। यह विकास भारत के सामाजिक परिदृश्य को महत्त्वपूर्ण रूप से पुनर्परिभाषित कर रहा है।
    उच्च शिक्षा और कौशल विकास में लड़कियों की अब लड़कों के बराबर शैक्षिक उपलब्धि है, जिसमें 50% से अधिक युवा महिलाएँ कक्षा 12 पूरी कर रही हैं और 26% कॉलेज की डिग्री प्राप्त कर रही हैं। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (2017-18) उच्च शिक्षा में महिलाओं के बढ़ते नामांकन पर प्रकाश डालता है, जिसमें महिला सकल नामांकन अनुपात 27.3% तक पहुँच गया है। युवा महिलाएँ विभिन्न कैरियर पथों और डिजिटल कौशल प्लेटफ़ॉर्म तक पहुँच से प्रभावित होकर पेशेवर महत्त्वाकांक्षाओं को तेज़ी से प्राथमिकता दे रही हैं। स्किल इंडिया मिशन और स्टेम फ़ॉर गर्ल्स इंडिया जैसे कार्यक्रमों ने तकनीकी क्षेत्रों में युवा महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया है।
    विवाह की औसत आयु 2005 में 18.3 वर्ष से बढ़कर 2021 में 22 वर्ष हो गई है, जिसमें अधिक युवा महिलाएँ अनुकूलता के आधार पर साथी चुनती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार 52% महिलाओं ने साथी चयन में अपनी बात रखी, जो 2012 में 42% थी। कई युवा महिलाएँ आर्थिक स्वतंत्रता के लिए प्रयास कर रही हैं, विशेष रूप से उद्यमिता के माध्यम से, क्योंकि सरकार महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप के लिए समर्थन दे रही है। उदाहरण के लिए: नीति आयोग द्वारा महिला उद्यमिता मंच ने 10, 000 से अधिक महिला उद्यमियों के नेटवर्क को बढ़ावा दिया है। युवा महिलाएँ स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय शासन में बढ़ती भागीदारी के साथ राजनीतिक रूप से अधिक सक्रिय हैं। ग्रामीण महिलाओं के बीच स्वयं सहायता समूह सदस्यता 2012 में 10% से बढ़कर 2022 में 18% हो गई। ये आकांक्षाएँ पारंपरिक सामाजिक संरचनाओं और मानदंडों को चुनौती दे रही हैं। जैसे-जैसे अधिक महिलाएँ करियर बना रही हैं, घरों में पारंपरिक लैंगिक अपेक्षाएँ बदल रही हैं। मनरेगा पुरुषों और महिलाओं के लिए समान वेतन प्रदान करता है, जो ग्रामीण घरेलू गतिशीलता को प्रभावित करता है। अधिक शिक्षा और आय के साथ, युवा महिलाओं का अब परिवार के वित्तीय और सामाजिक निर्णयों में अधिक प्रभाव है। स्वयं सहायता समूहों ने ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से घरेलू वित्त का प्रबंधन करने के लिए सशक्त बनाया है। बाद में विवाह करने और साथी चुनने में सक्रिय भागीदारी की ओर बदलाव ने अरेंज मैरिज की पारंपरिक संरचना को चुनौती दी है। बाल विवाह में कमी और बाद में विवाह करने को प्राथमिकता देने की रिपोर्ट करता है। बढ़ती स्वतंत्रता ने सामाजिक प्रतिबंधों को चुनौती देते हुए शिक्षा या काम के लिए महिलाओं की अकेले यात्रा को सामान्य बना दिया है। 2012 में 42% की तुलना में अब 54% महिलाएँ बस या ट्रेन से अकेले यात्रा करने में सहज महसूस करती हैं। युवा महिलाएँ पेशेवर सेटिंग्स में लैंगिक समानता के बारे में तेज़ी से मुखर हो रही हैं, कानूनी और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा दे रही हैं। पोष अधिनियम (कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम) , 2013 ने महिलाओं को कार्यस्थल के मुद्दों को प्रभावी ढंग से सम्बोधित करने के लिए सशक्त बनाया है। स्वयं सहायता समूह और ग्राम सभाओं में युवा महिलाएँ शासन में महिलाओं की भूमिका पर पारंपरिक विचारों को चुनौती दे रही हैं। केरल कुदुम्बश्री मिशन महिला-नेतृत्व वाले शासन को बढ़ावा देता है, जिसने राज्यों में इसी तरह के मॉडल को प्रेरित किया है।
    भारतीय महिलाएँ ऊर्जा से लबरेज, दूरदर्शिता, जीवन्त उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हंै। भारत के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के शब्दों में, हमारे लिए महिलाएँ न केवल घर की रोशनी हैं, बल्कि इस रौशनी की लौ भी हैं। अनादि काल से ही महिलाएँ मानवता की प्रेरणा का स्रोत रही हैं। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से लेकर भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले तक, महिलाओं ने बड़े पैमाने पर समाज में बदलाव के बडे़ उदाहरण स्थापित किए हैं।
    2030 तक पृथ्वी को मानवता के लिए स्वर्ग समान जगह बनाने के लिए भारत सतत विकास लक्ष्यों की ओर तेजी से बढ़ चला है। लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण करना सतत विकास लक्ष्यों में एक प्रमुखता है। वर्तमान में प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण, समावेशी आर्थिक और सामाजिक विकास जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया गया है।
    महिलाओं में जन्मजात नेतृत्व गुण समाज के लिए संपत्ति हैं। प्रसिद्ध अमेरिकी धार्मिक नेता ब्रिघम यंग ने ठीक ही कहा है कि जब आप एक आदमी को शिक्षित करते हैं, तो आप एक आदमी को शिक्षित करते हैं। जब आप एक महिला को शिक्षित करते हैं तो आप एक पीढ़ी को शिक्षित करते हैं।
    स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से महिलाएँ न केवल ख़ुद को सशक्त बना रही हैं बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था की मजबुती में को भी योगदान दे रही है। सरकार के निरन्तर लगातार आर्थिक सहयोग से आत्मनिर्भर भारत के संकल्प में उनकी भागीदारी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। पिछले 6-7 वर्षों में महिला स्वयं सहायता समूहों का अभियान और तेज हुआ है। आज देश भर में 70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं। महिलाओं के पराक्रम को समझने की ज़रूरत है, जो हमें महिमा की अधिक ऊंचाइयों तक पहुँचाएगी। आइए हम उन्हें आगे बढ़ने और फलने-फूलने में मदद करें। महिलाओं के सर्वांगीण सशक्तिकरण के लिए ‘अमृत काल’ इन्हें समर्पित हो।
    युवा भारतीय महिलाओं की उभरती आकांक्षाएँ भारत के सामाजिक ताने-बाने को उत्तरोत्तर रूप से परिभाषित कर रही हैं, एक ऐसे समाज को बढ़ावा दे रही हैं जहाँ लैंगिक समानता और महिलाओं की एजेंसी आदर्श बन गई है। सहायक नीतियों को सुनिश्चित करने से इस बदलाव में तेज़ी आ सकती है, जिससे समावेशी और सशक्त भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

  • इन्द्री के सरकारी स्कूल में मिशन बुनियाद जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन 

    इन्द्री के सरकारी स्कूल में मिशन बुनियाद जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन 

    इन्द्री(सुनील शर्मा)
    राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय इन्द्री में मिशन बुनियाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें इन्द्री ब्लाक के कई स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी व मिशन बुनियाद के पदाधिकारियों ने शिरकत की। कार्यक्रम का संचालन बीआरसी शैलजा ने किया। इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए जिला विज्ञान विशेषज्ञ एवं जिला नोड़ल अधिकारी मिशन बुनियाद दीपक वर्मा ने बताया कि आज इन्द्री ब्लाक में पहला जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य आंठवी व दसंवी कक्षा के विद्यार्थियों को मिशन बुनियाद से जोडऩा है। उन्होंने बताया कि मिशन बुनियाद हरियाणा सरकार व विकल्प फांउड़ेशन का सांझा प्रयास है जिसके माध्यम से सरकारी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ कंपीटिशिन की तैयारी करवाते है ताकि आने वाले समय में जो कोई विद्यार्थी नीट,इंजिनियरिंग व एमबीबीएस आदि की शिक्षा पाना चाहता है तो उसकी तैयारी नौंवी कक्षा से ही शुरू करवाई जाए ताकि उनको आगे कोई दिक्कत ना आएं। विकल्प फांउउ़ेशन के प्रशिक्षित अध्यापक इन सब बच्चों को आन लाईन के माध्यम से पढ़़ाते है। उन्होंने बताया कि इस समय पूरे हरियाणा में नौ हजार से ज्यादा विद्यार्थी मिशन बुनियाद से जुड़े हुए है। करनाल जिला में 262 विद्यार्थी अलग अलग सैंटरों में पढ़ाई कर रहे है। उन्होंने बताया कि कई अभिभावकों को उच्च शिक्षा के मामले में ज्यादा जानकारी नहीं होती है तो ऐसे में उनको मिशन बुनियाद के माध्यम से पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है। मिशन बुनियाद के माध्यम से बच्चों को पूरी तैयारी करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि सुपर 100 की रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो चुकी है। दंसवी कक्षा का बच्चा इसमें अप्लाई कर सकता है। यदि इस भी कोई बच्चा चुना जाता है तो उसकी दो साल की पढ़ाई का पूरा खर्चा हरियाणा सरकार व विकल्प फांउड़ेशन की ओर से किया जाता है। बच्चों की अच्छी तैयारी करवाई जाती है ताकि उनका चयन अच्छे महाविालयों में हो सके। अब तक 78 बच्चों का आईआईटी में चयन हो चूका है। वर्मा ने बताया कि सुपर 100 का मुख्य सैंटर कुरूश्रेत्र में है ओर सभी चयनित बच्चें ग्यारवी,बांरहवी व कंपीटिशन की पढ़ाई वहीं करते है। इस समय 600 विद्यार्थी वहां अपनी तैयारी कर रहे है। जिला में पांच मिशन बुनियाद सैंटर है जहां बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। एक कक्षा में पचास बच्चें पढ़ते है। वर्मा ने बताया कि ग्रामीण बच्चें में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। इन को सही मार्गदर्शन करने की जरूरत है। लड़कियां ज्यादातर कंपीटिशन पास कर रही है। उन्होंने अभिभावकों व अध्यापकों से अपील की कि वे अपने बच्चों का साथ दे ताकि वो अपने लक्ष्य को पा सके। इस मौके पर स्कूल प्रिंसीपल वंदना चावला ने बताया कि इस कार्यक्रम में मिशन बुनियाद से संबधित सारी जानकारी दी जा रही है। हमारे स्कूल में पिछले दो साल से यह कार्यक्रम चल रहा है। बच्चें इस कार्यक्रम में चाव से भाग ले रहे है। उन्होंने बताया कि इस मिशन के माध्यम से बच्चों को सही मार्गदर्शन दिया जा रहा है। बीआरसी शैलजा ने बताया कि इन्द्री के सरकारी स्कूल में नौंवी व दंसवी कक्षा के विद्यार्थियों को मिशन बुनियाद के माध्यम से आनलाईन नि:शुल्क पढ़ाया जा रहा है। सभी पढ़ाने वाले उच्च शिक्षा पाएं हुए अध्यापक है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि अगर आप का बच्चा अच्छी उच्च शिक्षा पाना चाहता है तो उसे मिशन बुनियाद से जोड़े। इसका रजिस्ट्रेशन आन लाईन होता है। इस कार्यक्रम को हमारे स्कूल में चलते हुए एक साल हो गया है। इस मौके पर बच्चों द्वारा संास्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी सुदेश ठुकराल, बायों इंचार्ज सुमित्रा, प्रिंसीपल प्रमोद, बुनियाद इंजार्च रिषिपाल सहित काफी संख्या में अध्यापक व बच्चों के अभिभिावक मौजूद रहे।

  • अनेजा सिटी हार्ट स्कूल में बच्चों के दांतों व आंखों की जांच के शिविर का हुआ आयोजन

    अनेजा सिटी हार्ट स्कूल में बच्चों के दांतों व आंखों की जांच के शिविर का हुआ आयोजन

    इन्द्री (सुनील शर्मा)
    अनेजा सिटी हार्ट स्कूल इन्द्री मेें बच्चों के दांतों व आंखों की जांच के एक शिविर का आयोजन किया गया जिसमें छठी कक्षा के बच्चों की जांच की गई। इस बारे में जानकारी देते हुए स्कूल के एमड़ी विजय अनेजा ने बताया कि स्कूल में समय समय पर ऐसे जांच शिविरों का आयोजन किया जाता रहता है ताकि बच्चों को अपने स्वास्थ्य संबधी जागरूक किया जा सके। उन्होंने बताया कि शर्मा डैंटल क्लीनिक इन्द्री से डा. यशपाल शर्मा व मानसी आई एंड आप्टिकल के डा. मदन सिंह द्वारा बच्चों के दांतों व आंखों की जांच की गई। स्कूल की प्रिंसीपल संजू भाटिया ने बताया कि ऐसे स्वास्थ्य शिविरों का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य संबधी जानकारी हासिल करना होता है। उन्होंने बच्चों को मोबाईल का कम से कम प्रयोग करने व जंक फूड से परहेज रखने की सलाह दी। दंत चिकित्सक डा. यशपाल शर्मा ने बच्चों को कोई भी चीज खाने के बाद कुल्ला करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हमें दिन में दो बार ब्रुश अवश्य करना चाहिए ओर मीठी चीजों से परहेज करना चाहिए। डा. मदन सिंह ने बच्चों को तेज धूप व मिट्टी से अपनी आंखों को बचाकर रखने की सलाह दी। इस मौके पर काफी संख्या में स्कूली बच्चे व स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।

  • संयुक्त किसान मोर्चा ने 2 दिसंबर को दिल्ली कूच का लिया फैसला  

    संयुक्त किसान मोर्चा ने 2 दिसंबर को दिल्ली कूच का लिया फैसला  

    संयुक्त किसान मोर्चा की दिनांक 19/11/2024 को पटेल लोक संस्कृति संस्थान में आयोजित बैठक में दिल्ली कूच का फैसला लिया-संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 25 नवंबर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर 10% आबादी प्लाट, नए कानून को लागू करने मांग को लेकर महापंचायत होगी। महापंचायत में किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और आठ बार के लोकसभा सांसद हन्ना मौला एवं किसान यूनियन टिकैत के नेता राकेश टिकैत शामिल होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की वर्किंग कमेटी ने फैसला लिया है कि 25 नवंबर को महापंचायत धरने और प्रदर्शन में बदल जाएगी। धरना प्रदर्शन 25 से लेकर 27 नवंबर तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर दिन-रात चलेगा 28 तारीख में हजारों की संख्या में किसान अपने धरना प्रदर्शन को जुलूस के रूप में ले जाकर यमुना प्राधिकरण पर पड़ाव डालेंगे। यमुना प्राधिकरण पर धरना प्रदर्शन महापडाव 28 तारीख से 1 दिसंबर तक रहेगा। 2 दिसंबर को गौतम बुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरण से प्रभावित एवं अन्य परियोजनाओं से प्रभावित हजारों किसान संसद सत्र के दौरान दिल्ली कूच करेंगे।
    संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत की तैयारी के लिए आज ईटेडा पतवारी रोजा हैबतपुर गांव की संयुक्त पंचायत आयोजित की गई। पंचायत मुकुल के फार्म हाउस में आयोजित की गई पंचायत की अध्यक्षता चंद्रमल प्रधान जी ने की। पंचायत को गबरी मुखिया सूले यादव दानवीर यादव बुधपाल यादव सतीश यादव दुष्यंत सेन, किसान सभा के महासचिव जगबीर नंबरदार सतपाल खारी, भीम खारी, मुकुल यादव मोहित यादव, ब्रह्म सिंह यादव रजे सिंह यादव, रणवीर यादव, सुरेश यादव सतबीर यादव एवम अन्य सैकड़ो लोग उपस्थित रहे। हैबतपुर से सतीश गोस्वामी, ईटेडा से सूले यादव, रोजा से दुष्यंत सेन, एवं पतवारी से गबरी मुखिया ने महापंचायत में सैकड़ो की संख्या में शामिल होने का आश्वासन दिया। किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि 10% आबादी प्लाट, नए कानून को लागू करने एवं हाई पावर कमेटी द्वारा सकारात्मक सिफारिशों को तुरंत लागू किए जाने के संबंध में आंदोलन आरपार का होगा। आंदोलन अपने चरम की ओर है योगी सरकार यदि आंदोलन की मांगों को पूरा नहीं करती है तो गौतम बुध नगर में शांति संभव नहीं है। किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि आंदोलन अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है आंदोलन अपने अंतिम उद्देश्य को प्राप्त करने के बाद ही समाप्त होगा। किसान सभा के महासचिव जगबीर नंबरदार ने कहा कि पहले चरण में हमने अपनी मांगों के संबंध में प्राधिकरण से प्रस्ताव पास कराकर शासन को प्रेषित कराया दूसरे चरण में उन प्रस्तावों की मंजूरी के लिए हाई पावर कमेटी का गठन कराया कमेटी ने आबादी शिफ्टिंग भूमिहीनों की दुकानों के संबंध में सकारात्मक सिफारिशें दी हैं वे सिफारिशें भी अभी लंबित हैं उन्हें लागू किया जाना शेष है अभी किसान मोर्चा में 10 संगठनों को शामिल कर आंदोलन को निर्णायक तौर पर सफल करने का संकल्प लिया गया है गौतम बुद्ध नगर के 3: 50 लाख से ज्यादा किसान 10 परसेंट प्लाट के मुद्दे से प्रभावित हैं। तीनों प्राधिकरणों से प्रभावित सभी संगठन एकजुट होकर इस लड़ाई को उसके अंतिम परिणाम तक लड़ रहे हैं लड़ाई को जीतकर ही दम लिया जाएगा।

  • समाजसेवी एंव पत्रकार दिनेश बक्शी कुल 80 बार प्लेटलेट्स दान किए

    समाजसेवी एंव पत्रकार दिनेश बक्शी कुल 80 बार प्लेटलेट्स दान किए

    करनाल, (विसु)। लक्ष्य जनहित सोसाइटी के फाउंडर चेयरमैन कल रात्रि को मानवता की भलाई के लिए एक डेंगू पेशेंट को कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में एक बार फिर प्लेटलेट्स दान किए अब तक दिनेश बक्शी कुल 80 बार प्लेटलेट्स दान कर चुके है। जब से डेंगू शुरू हुआ है तब से अब तक दिनेश बक्शी कुल 05 बार प्लेटलेट्स दान कर चुके है। 19 अक्टूबर,3 नवंबर 6 नवंबर वा 11 नवंबर को इससे पहले प्लेटलेट्स दान कर चुके है। बक्शी ने कहा कि ब्लड डोनेशन के साथ साथ प्लेटलेट्स व प्लाज्मा डोनेशन के लिए भी आगे आए युवा ये प्रोसीजर लम्बा जरूर है लेकिन इसको आप महीने में 2 बार कर सकते है। यदि आपका hb ओर प्लेटलेट्स काउंट अच्छा है तब आप 72 घंटे बाद भी प्लेटलेट्स डोनेट कर सकते है। दिनेश बक्शी ने आगे कहा कि युवा नशे की छोड़कर रक्तदान,प्लेटलेट्स दान व सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में आगे आए। लड़ाई झगड़ों में खून बहाने से अच्छा अपना खून किसी की नशों में दौड़ाए दुवाएं मुफ्त मिलेगी।

  • डेंगू की रोकथाम के लिए रखें साफ-सफाई का विशेष ध्यान, घरों व आसपास इकठ्ठा होने दें पानी : सिविल सर्जन

    डेंगू की रोकथाम के लिए रखें साफ-सफाई का विशेष ध्यान, घरों व आसपास इकठ्ठा होने दें पानी : सिविल सर्जन

    स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा की जा रही चेकिंग और फॉगिंग

    करनाल, (विसु)। सिविल सर्जन करनाल ने बताया कि लगातार बढ़ते हुए डेंगू केसों के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की टीमें वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए प्रतिदिन घर-घर जाकर टंकी, कूलर, गमले, कंटेनर आदि चेक कर रही है। इसके लिए करनाल शहर में 16 टीमें व गांवों में 150 टीमें गठित की गई हैं, जो घर-घर जाकर लोगों को वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम व बचाव के बारे में जानकारी देती हैं तथा डेंगू से बचाव के लिए एंटी लार्वा व सोर्स रिडक्शन गतिविधियां करती हैं। इसके साथ-साथ बुखार के मरीजों की रक्त पट्टिका भी बनाई जाती है। जिन घरों में मच्छर का लारवा पाया जाता है, उन्हें स्वास्थ्य विभाग की टीम नोटिस भी देती है। जिस क्षेत्र में डेंगू के पॉजिटिव केस पाए जाते हैं, वहां पर नगर निगम की टीम के सहयोग से फॉगिंग की जा रही है।

     डेंगू की रोकथाम के लिए क्या करें, क्या न करें

    सिविल सर्जन ने जनता से अपील करते हुए कहा कि वेक्टर जनित रोगों से बचाव के लिए घरों में हर रविवार को तथा कार्यालय परिसर में शुक्रवार को ड्राइंग डे (सुखाने का दिन) मनाएं और सभी पानी के कंटेनर, कूलर, ओवरहेड और ग्राउंड टैंक, रेफ्रिजरेटर की पिछली ट्रे, फूलों के गमले, पक्षियों के स्नान आदि के बर्तन खाली कर दें व उन्हें उल्टा करके रखें ताकि उनमें पानी जमा न हो पाए व खाली पड़े टायरों में सुराख कर दें। ओवरहेड पानी की टंकी और अन्य घरेलू पानी के कंटेनर को ढकें, कीटनाशक उपचारित मच्छरदानी के नीचे सोए, पूरी बाजू के कपड़े पहने तथा बुखार होने पर डॉक्टर की सलाह लें। उन्होंने कहा कि घरों के अंदर और आसपास के गड्ढों, निचली सतहों आदि में एक सप्ताह से अधिक समय तक पानी जमा न होने दें। यदि किसी कारणवश पानी की निकासी न हो, तो उसमे थोड़ा मिट्टी का तेल, काला तेल, डीजल इत्यादि डाल दें ताकि मच्छर का लारवा पनपने न पाएं। टायर, ट्यूब, प्लास्टिक कंटेनर, पॉलीथीन बैग, डिस्पोजेबल कप, गिलास आदि जैसी बेकार वस्तुओं को खुले में या छत पर न फेंकें। यदि खुले में पड़ी बेकार वस्तुओं को हटाना संभव न हो, तो उन्हें ढक कर रखें ताकि उनमें बारिश का पानी जमा न हो। कूलर में पानी न भरें, यदि वह उपयोग में न हो। एस्प्रिन, ब्रूफेन आदि जैसी दवाएं खुद से न लें। बुखार होने पर केवल पैरासिटामोल का प्रयोग करें तथा तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर खून की जांच करायें।

  • जिले भर के समाधान शिविरों में आई 16 शिकायतें, 13 शिकायतों का मौके पर किया गया निवारण

    जिले भर के समाधान शिविरों में आई 16 शिकायतें, 13 शिकायतों का मौके पर किया गया निवारण

    करनाल, (विसु)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आह्वान पर जिले भर में समाधान शिविरों का आयोजन किया रहा है। नगर निगम कार्यालय, नगर पालिका कार्यालयों व बीडीपीओ कार्यालयों में समाधान शिविर लगाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को लगाए गए समाधान शिविर में कुल 16 शिकायतें आई, जिनमें से 13 शिकायतों का मौके पर ही समाधान कर दिया गया। 3 शिकायतों को अभी लंबित रखा गया है।

    बता दें कि बता दें कि नगर निगम करनाल के कार्यालय में निगम आयुक्त डॉ. वैशाली शर्मा ने शिकायतों को सुना। यहां 1 शिकायत आई, जिसका मौके पर ही समाधान कर दिया गया। नीलोखेड़ी नगरपालिका में 1 शिकायत प्राप्त हुई जिसका समाधान कर दिया गया। इसी प्रकार से घरौंडा नगरपालिका कार्यालय में 6 शिकायतें आईं, जिनका मौके पर ही समाधान कर दिया गया। इंद्री नगरपालिका में 1 शिकायत आई जिसका समाधान कर दिया गया। असंध नगर पालिका में 1 शिकायत प्राप्त हुई, जिसका मौके पर ही समाधान कर दिया गया। वहीं नगर पालिका तरावड़ी व निसिंग नगर पालिका कार्यालय में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। बीडीपीओ कार्यालय करनाल में 5 शिकायतें आई, जिनमें से 3 शिकायतों का समाधान कर दिया गया है, 2 शिकायतें अभी लंबित हैं। घरौंडा बीडीपीओ कार्यालय में 1 शिकायत प्राप्त हुई जो अभी लंबित है। अन्य बीडीपीओ कार्यालयों में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई।

    बता दें कि जिला की प्रत्येक नगर पालिका और बीडीपीओ कार्यालयों व नगर निगम के दफ्तरों में समाधान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान आमजन की प्रॉपर्टी आईडी व स्वामित्व योजना से जुड़ी शिकायतों को सुना जा रहा है और उनका मौके पर समाधान भी किया जा रहा है।

  • शहर के 9 वार्डों में फोगिंग का कार्य पूरा, शैड्यूल अनुसार करवाई जा रही फोगिंग : डॉ. वैशाली शर्मा, निगमायुक्त

    शहर के 9 वार्डों में फोगिंग का कार्य पूरा, शैड्यूल अनुसार करवाई जा रही फोगिंग : डॉ. वैशाली शर्मा, निगमायुक्त

    रिहासशी व मार्किट दोनो क्षेत्रों में की जा रही फोगिंग, रोजाना एक वार्ड किया जा रहा कवर

    करनाल (विसु)। नगर निगम आयुक्त डॉ. वैशाली शर्मा के निर्देश पर शहर में फोगिंग का कार्य जारी है। इसके तहत 9 वार्डों में फोगिंग करवाई जा चुकी है। इसे लेकर सफाई शाखा की ओर से एक शैड्यूल तैयार किया गया था, उसके अनुसार ही एक-एक कर वार्ड में फोगिंग करवाई जा रही है। प्लान के तहत पूरे नगर निगम क्षेत्र और इसके मार्किट एरिया को कवर किया जा रहा है। इस कार्य में 2 टीमें लगी हुई हैं। इनमें एक टीम वार्ड तथा दूसरी डेंगू पॉजीटिव केस आने वाले क्षेत्र में एमरजेंसी ड्यूटी में लगी है।
    उन्होंने बताया कि शैड्यूल अनुसार बीती 11 नवंबर को फोगिंग का कार्य शुरू करवाया गया था। बुधवार तक शहर के 9 वार्डों को कवर किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि गुरूवार को वार्ड नम्बर 10 के सैक्टर-13, सैक्टर-13 एक्सटैंशन, ओल्ड व न्यू हाउसिंग बोर्ड तथा मुगल कैनाल इत्यादि क्षेत्रों में फोगिंग करवाई जाएगी।
    यह है प्लान- उन्होंने शैड्यूल की जानकारी देते बताया कि 22 नवंबर को वार्ड नम्बर 11, 23 नवंबर को वार्ड 12, 25 नवंबर को वार्ड 13, 26 नवंबर को वार्ड 14, 27 नवंबर को वार्ड 15, 28 नवंबर को वार्ड 16, 29 नवंबर को वार्ड 17, 30 नवंबर को 18, 2 दिसंबर को वार्ड 19 तथा 3 दिसंबर वार्ड नम्बर 20 में फोगिंग करवाई जाएगी।
    उन्होंने बताया कि निगम की मशीने शहर के सभी मुख्यत: एरिया को फोगिंग से कवर करेंगी, फिर भी नागरिकों की नजर में कोई एरिया छूट जाता है, तो उसके लिए नगर निगम के टोल फ्री नम्बर 18001802700 पर सूचना दी जा सकती है।
    नागरिकों से अपील- निगमायुक्त ने नागरिकों से अपील करते कहा है कि सबसे जरूरी अपने घरों व आस-पास पानी को इकठ्ठïा न होने दें और साफ-सफाई भी बनाकर रखें। ऐसी जगहें जहां पानी भरा हो, वहां काला तेल डाल दें, जो पानी की ऊपरी सतह पर रहेगा। इस तरह मच्छर पानी पर न तो बैठ पाएंगे और न ही अण्डे देंगे। जिस एरिया में मच्छर ज्यादा हों, वहां के लोगों को मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। इसके अतिरिक्त घर की खिडक़ी, दरवाजे व चिमनियों पर मच्छर रोकने वाली जाली लगाएं। मच्छरों को मारने के लिए घर के अंदर और बाहर दोनों जगह कीटनाशक स्प्रे का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि इन्हीं तरह के प्रयासों से मच्छरों से बचाव किया जा सकता है।

  • वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी संभव कदम उठाए अधिकारी : उपायुक्त

    वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी संभव कदम उठाए अधिकारी : उपायुक्त

    ग्रेप चार की पाबंदियों की अवहेलना करने पर की जाएगी सख्त कार्रवाई

    करनाल, (विसु)। उपायुक्त उत्तम सिंह ने प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रेप चार की पाबंदियों को लेकर आवश्यक कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि शुद्ध हवा सभी प्राणियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि जिले के एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल में सुधार हो।

    उपायुक्त उत्तम सिंह बुधवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में मुख्य सचिव विवेक जोशी की अध्यक्षता में ग्रेप 4 की हिदायतों को लेकर वीसी में दिए गए निर्देशों के उपरान्त बोल रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी अधिकारी जिला में ग्रेप 4 की हिदायतों की पालना सुनिश्चित करे। इस कार्य में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। जिला में सभी प्रकार की निर्माण व तोड़ फोड़ के कार्य बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसा कार्य जिससे धूल व धुआं उत्पन्न हो वह पाबंदी की श्रेणी में है। उन्होंने शहर में पड़े बिल्डिंग मैटेरियल को उठवाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि निरंतर फील्ड में रहें और कड़ी नजर रखें। ग्रेप 4 के नियमों की अहवेलना करने वाले पर सख्त करवाई की जाए तथा जुर्माना भी लगाया जाए।

    उपायुक्त ने बताया कि अब तक 142 निर्माण कार्य स्थलों का निगरानी टीमों द्वारा निरीक्षण किया गया है, जिसमें से ग्रेप 4 के नियमों की उल्लंघना करने वाले 47 निर्माण कार्य स्थलों पर लगभग 45 लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया है। जिला प्रशासन के पास 7 एंटी समोग गन, 13 वाटर टैंकर व एक ऑटोमेटिक स्वीपिंग मशीन उपलब्ध है। जिसके द्वारा निरंतर फील्ड में भी कार्य किया जा रहा है।

     

    जिलाभर में 21 फ्लाइंग टीमें करेंगी निगरानी

    उपायुक्त उत्तम सिंह ने बताया कि ग्रेप चार की पाबंदियों को पूर्ण रूप से प्रभावी बनाने के लिए निरंतर निगरानी की जाएगी। इसके लिए विभागीय स्तर पर अधिकारियों की अगुवाई में 21 फ्लाइंग टीमें गठित की गई हैं। इसके अतिरिक्त संबंधित एसडीएम अपने अपने क्षेत्र में निगरानी रखेंगे। सभी टीमें प्रतिदिन निगरानी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी। उन्होंने कहा कि पानी का छिडक़ाव कितने एरिया में किया गया। ठोस कचरा प्रबंधन के तहत आगजनी, निर्माण कार्य व अन्य ऐसे कार्य जिनकी वजह से धुल व धुआं वायुमंडल को प्रदूषित करता है। ऐसे कार्य में संलिप्त के खिलाफ नियमानुसार चालान करें।

    निरंतर चलाए जा रहे हैं विशेष चैकिंग अभियान : एसपी

    एसपी गंगाराम पुनिया ने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए ग्रेप 4 के नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। विशेष चैकिंग अभियान चला कर वाहनों की जाचं की जा रही है और वायु प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के चालान भी किए जा रहे हैं।