Author: TN15 NS

  • Russia-Ukraine War: यूक्रेन में 137 मरे, 316 घायल, राजदूत बोले- भारत का रुख़ निराश करने वाला

    Russia-Ukraine War: यूक्रेन में 137 मरे, 316 घायल, राजदूत बोले- भारत का रुख़ निराश करने वाला

    गौरतलब है कि रूसी सैनिकों ने चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर कब्जा कर लिया। इसको लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार मायहेलो पोडोयक ने एक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली । रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग में रूस काफी आक्रामक नजर आ रहा है। बता दें कि यूक्रेन में अबतक 137 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं इस हमले में 316 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इन मौतों में यूक्रेनी सैनिक और नागरिक दोनों शामिल हैं। इस पूरे मामले में भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा है कि भारत का रूख निराश करने वाला रहा।
    बता दें कि राजदूत ने कहा कि रूसी आक्रमण पर भारत की स्थिति से कीव “काफी असंतुष्ट” है। भारत के समर्थन को लेकर उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि इस मुद्दे पर दुनिया के कितने देश रूसी राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी की स्थिति मुझे आशावादी बनाती है।”
    उन्होंने कहा, “भारतीय विदेश मंत्री का कहना था कि भारत यूक्रेन में हो रही घटनाओं का बारीकी से अनुसरण कर रहा है। लेकिन हम ताजा स्थिति से बेहद असंतुष्ट हैं। इसका क्या मतलब है? लोगों मारे जा रहे हैं, इसकी संख्या बढ़ सकती है। जब सैकड़ों हजारों मारे जाएंगे, तो क्या होगा? हम इंतजार कर रहे हैं। हम भारत की तरफ से मजबूत आवाज उठाने के लिए गुहार लगा रहे हैं।
    यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों में बड़ी संख्या में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों का जिक्र करते हुए पोलिखा ने कहा कि इन भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी भारतीय हस्तक्षेप की जरूरत है।
    पोलिखा ने कहा, “यूक्रेन 20,000 से अधिक भारतीय छात्र हैं। आपके नागरिकों की भलाई और उनकी सुरक्षा करना हमारा भी काम है। भारत के अनुरोध के तुरंत बाद हमने मदद भारतीयों की सहायता करने का प्रयास किया। अब दुर्भाग्य से यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया गया है। मैंने यूक्रेन में रहने वाले बहुत से भारतीयों से सीधे बात की।
    उन्होंने कहा, “वे कोई शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। और इस मामले में न केवल यूक्रेन के लिए बल्कि आपके नागरिकों के लिए भी, शक्तिशाली विश्व नेता मोदी जी सहित हम सभी को इस आक्रामकता को रोकने के लिए हर दबाव, हर संभव प्रयास करना चाहिए।”
    पोलिखा ने कहा कि मेरा मानना है कि रूस के साथ भारत के रिश्ते और प्रधानमंत्री मोदी की छवि से इस मामले में भारत सार्थक हस्तक्षेप कर सकता है। हम इस संकट की स्थिति में भारत सरकार के अधिक अनुकूल रवैये की उम्मीद कर रहे हैं।
    रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बृहस्पतिवार को कहा था कि डोनबास क्षेत्र के लोगों की रक्षा के लिए यह सैन्य अभियान शुरू किया गया था। हमारे पास और कोई विकल्प नहीं बचा था। वहीं दूसरे देशों को साफ शब्दों आगाह किया कि अगर कोई देश रूस की कार्रवाई में हस्तक्षेप करेगा तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे।

  • किसी भी काम में कारगर नहीं हो सकती है गुलाम सोच!

    किसी भी काम में कारगर नहीं हो सकती है गुलाम सोच!

    चरण सिंह राजपूत 
    वैसे तो हर सरकार ने आम आदमी के साथ एक गुलाम जैसा व्यवहार किया है पर मौजूदा सरकार तो जनता के साथ अंग्रेजी हुकूमत से भी बदतर व्यवहार कर रही है। यह इन लोगों की ही है सोच कि इनके  मातृ संगठन आरएसएस पर अंग्रेजी हुकूमत की पैरवी करने और आजादी की लड़ाई से बचने के आरोप लगते रहते हैं। भाजपा और उसके समर्थक भी अंग्रेजी शासन की वजह से मुगलों के शासन का खात्मा मानते हैं। ये लोग तो आजादी की लड़ाई को नकारते हुए द्वितीय विश्व युद्ध में एडोल्फ हिटलर के अंग्रेजों को कमजोर करने की वजह से देश को आजाद होना मानते हैं। यह इन लोगों की अंग्रेजी हुकूमत और आजादी के प्रति धारणा ही थी कि अंग्रेजी हुकूमत के रहमोकरम पर बंगाल में बनी संविद सरकार के उप मुख्यमंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने तत्कालीन गर्वनर को पत्र लिखकर भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था। इन्होंने तो आजादी की लड़ाई को नकारते हुए बंगाल में लोगों से भारत छोड़ो आंदोलन के विरोध की अपील की थी। दरअसल मुस्लिम लीग और हिन्दू महासभा ने मिलकर बंगाल में संविद सरकार बनाई थी। मतलब अंग्रेजों के रहमोकरम पर चलकर ये लोग अंग्रेजी हुकूमत भी भी खुश थे।
    हम लोग अपने को कितना भी आज़ाद मान लें पर जमीनी हकीकत तो यह है कि हम आज भी मानसिक रूप से गुलाम हैं। यह हमारी गुलाम सोच ही रही है कि अंग्रेजी हुकूमत में जो अधिकारी भारत में तैनात होते थे उन्हें वापसी पर इंग्लैण्ड सरकार कोई जिम्मेदारी का पद नहीं देती थी।  दरअसल भारत में सेवा करने वाले ब्रिटिश अधिकारियों को इंग्लैंड लौटने पर सार्वजनिक पद/जिम्मेदारी नहीं दी जाती थी। तर्क यह था कि उन्होंने एक गुलाम राष्ट्र पर शासन किया है जिस जी वजह से उनके दृष्टिकोण और व्यवहार में फर्क आ गया होगा।  अगर उनको यहां ऐसी जिम्मेदारी दी जाए, तो वह आजाद ब्रिटिश नागरिकों के साथ भी उसी तरह से ही व्यवहार करेंगे।

    एक ब्रिटिश महिला जिसका पति ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में एक सिविल सेवा अधिकारी था।  महिला ने अपने जीवन के कई साल भारत के विभिन्न हिस्सों में बिताए। अपनी वापसी पर उन्होंने अपने संस्मरणों पर आधारित एक पुस्तक लिखी है। महिला ने इस पुस्तक में लिखा है कि जब मेरे पति एक जिले के डिप्टी कमिश्नर थे तो मेरा बेटा करीब चार साल का था और मेरी बेटी एक साल की थी। डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली कई एकड़ में बनी एक हवेली में रहते थे। सैकड़ों लोग डीसी के घर और परिवार की सेवा में लगे रहते थे। हर दिन पार्टियां होती थीं, जिले के बड़े जमींदार हमें अपने शिकार कार्यक्रमों में आमंत्रित करने में गर्व महसूस करते थे, और हम जिसके पास जाते थे, वह इसे सम्मान मानता था।  हमारी शान और शौकत ऐसी थी कि ब्रिटेन में महारानी और शाही परिवार भी मुश्किल से मिलती होगी। ट्रेन यात्रा के दौरान डिप्टी कमिश्नर के परिवार के लिए नवाबी ठाट से लैस एक आलीशान कंपार्टमेंट आरक्षित किया जाता था।  जब हम ट्रेन में चढ़ते तो सफेद कपड़े वाला ड्राइवर दोनों हाथ बांधकर हमारे सामने खड़ा हो जाता।  और यात्रा शुरू करने की अनुमति मांगता। अनुमति मिलने के बाद ही ट्रेन चलने लगती।
    एक बार जब हम यात्रा के लिए ट्रेन में सवार हुए, तो परंपरा के अनुसार, ड्राइवर आया और अनुमति मांगी।  इससे पहले कि मैं कुछ बोल पाती, मेरे बेटे का किसी कारण से मूड खराब था।  उसने ड्राइवर को गाड़ी न चलाने को कहा।  ड्राइवर ने हुक्म बजा लाते हुए हुए कहा, जो हुक्म छोटे सरकार।  कुछ देर बाद स्टेशन मास्टर समेत पूरा स्टाफ इकट्ठा हो गया और मेरे चार साल के बेटे से भीख मांगने लगा, लेकिन उसने ट्रेन को चलाने से मना कर दिया। आखिरकार, बड़ी मुश्किल से, मैंने अपने बेटे को कई चॉकलेट के वादे पर ट्रेन चलाने के लिए राजी किया, और यात्रा शुरू हुई।
    कुछ महीने बाद, वह महिला अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने यूके लौट आई।  वह जहाज से लंदन पहुंचे, उनकी रिहाइश वेल्स में एक काउंटी मेथी जिसके लिए उन्हें ट्रेन से यात्रा करनी थी।  वह महिला स्टेशन पर एक बेंच पर अपनी बेटी और बेटे को बैठाकर टिकट लेने चली गई।लंबी कतार के कारण बहुत देर हो चुकी थी, जिससे उस महिला का  बेटा बहुत परेशान हो गया था।  जब वह ट्रेन में चढ़े तो आलीशान कंपाउंड की जगह फर्स्ट क्लास की सीटें देखकर उस बच्चे को फिर गुस्सा आ गया।  ट्रेन ने समय पर यात्रा शुरू की तो वह बच्चा लगातार चीखने-चिल्लाने लगा।  “वह ज़ोर से कह रहा था, यह कैसा उल्लू का पट्ठा ड्राइवर है है।  उसने हमारी अनुमति के बिना  ट्रेन चलाना शुरू कर दी है।  मैं पापा को बोल कर इसे जूते लगवा लूंगा।” महिला को बच्चे को यह समझाना मुश्किल हो रहा था कि “यह उसके पिता का जिला नहीं है, यह एक स्वतंत्र देश है। यहां डिप्टी कमिश्नर जैसा तीसरे दर्जे का सरकारी अफसर तो क्या  प्रधान मंत्री और राजा को भी यह अख्तियार नहीं है कि वह लोगों को उनके अहंकार को संतुष्ट करने के लिए अपमानित कर सके
    आज यह स्पष्ट है कि हमने अंग्रेजों को खदेड़ दिया है, लेकिन हमने गुलामी को अभी तक देश बदर नहीं किया।  आज भी कई डिप्टी कमिश्नर, एसपी, मंत्री, सलाहकार और राजनेता  अपने अहंकार को संतुष्ट करने के लिए आम लोगों को घंटों सड़कों पर परेशान करते हैं।  इस गुलामी से छुटकारा पाने का एक ही तरीका है कि सभी पूर्वाग्रहों और विश्वासों को एक तरफ रख दिया जाए और सभी प्रोटोकॉल लेने वालों का विरोध किया जाए।

  • jammu-kashmir के shopia में पुलिस और आतंकी के बीच मुठभेड़ | The News15

    jammu-kashmir के shopia में पुलिस और आतंकी के बीच मुठभेड़ | The News15

    jammu-kashmir के shopia में मुठभेड़ में 2 आतंकवादी मारे गए। इनके पास से हथियार और गोला-बारूद सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई।

  • Ukraine में फंसे Indian के लिए आगे आया Hungary, Poland, भारत ने Helpline Number जारी किए |The News15

    Ukraine में फंसे Indian के लिए आगे आया Hungary, Poland, भारत ने Helpline Number जारी किए |The News15

    Ukraine-Russia Conflict: यूक्रेन की सीमा पर फंसे भारतीयों के लिए हंगरी, पोलैंड से पहुंची मदद, सरकार ने जारी किए Helpline number.

  • Ukraine-Russia War: Ukraine पर Wiper Malware का Attack, Government Website को किया Hack | The News15

    Ukraine-Russia War: Ukraine पर Wiper Malware का Attack, Government Website को किया Hack | The News15

    Wiper Malware के जरिए Ukraine में Cyber Attack किया जा रहा है. Wiper काफी Dangerous Malware है जो System का सारा Data Delete कर देता है और Target को निशाना बनाता है.

  • Bihar के Khagaria में Bomb blast, हादसे में दर्जन लोग घायल, Bihar ATS करेगी जांच | The News15

    Bihar के Khagaria में Bomb blast, हादसे में दर्जन लोग घायल, Bihar ATS करेगी जांच | The News15

    Bihar के Khagaria में हुए बम ब्लास्ट की जांच आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) के हाथ में दे दी गई है। अब इस केस का इन्वेस्टिगेशन ATS की टीम करेगी।

  • Russia-Ukraine crisis: संकटग्रस्त यूक्रेन का दावा, मार गिराए रूस के 800 से अधिक सैनिक | The News15

    Russia-Ukraine crisis: संकटग्रस्त यूक्रेन का दावा, मार गिराए रूस के 800 से अधिक सैनिक | The News15

    Ukraine Russia Crisis: संकटग्रस्त Ukraine में रूस के हमले तेज हो गए हैं। कुछ देर पहले टीवी मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि वहां की राजधानी कीव में 40 मिनट के भीतर 35 से अधिक मिसाइल अटैक हुए। इससे लोगों के बीच दहशत का माहौल पनप गया है। 

  • परिवार नियोजन सेवाओं को मुहैया कराने पर खास ध्यान दें : सीएमओ

    परिवार नियोजन सेवाओं को मुहैया कराने पर खास ध्यान दें : सीएमओ

    परिवार नियोजन कार्यक्रम की प्रगति को लेकर पीएसआई के सहयोग से कार्यशाला आयोजित  

    द न्यूज 15 
    नोएडा । परिवार नियोजन कार्यक्रम की प्रगति को लेकर बुधवार को पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल (पीएसआई) के सहयोग से स्थानीय एक होटल में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा  ने कहा- जनपद में परिवार नियोजन कार्यक्रम से जुड़े सभी अधिकारी-कर्मचारी और फ्रंटलाइन वर्कर  परिवार नियोजन सेवाओं  को और बेहतर बनाने व साधन मुहैया कराने पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने इसके लिए दम्पति की काउंसलिंग पर भी जोर दिया।
    कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डा. भारत भूषण ने कहा- कोविड काल में स्वास्थ्य विभाग की कुछ  योजनाओं पर सुरक्षा के लिहाज से असर पड़ना स्वाभाविक था । इससे परिवार नियोजन कार्यक्रम भी अछूता नहीं रहा, लेकिन अब स्थितियां सामान्य हो गयीं हैं इसलिए सभी लोग योजनाओं की शत-प्रतिशत सफलता  पर ध्यान दें। उन्होंने कहा- परिवार नियोजन के मामले में महिला चिकित्सकों पर ज्यादा जिम्मेदारी होती है, इसलिए वह ज्यादा से ज्यादा दम्पति को परिवार नियोजन का महत्व बताएं और उन्हें परिवार नियोजन के लिए उपलब्ध साधनों को इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करें। कार्यशाला में जिला कार्यक्रम प्रबंधक मंजीत कुमार ने कहा – निर्धारित दिवस- खुशहाल परिवार दिवस, अंतराल दिवस के अलावा भी परिवार नियोजन सेवाएं उपलब्ध कराने की जरूरत है। जब भी काउंसलिंग हो तो लाभार्थी को उसी वक्त बास्केट ऑफ च्वाइस के आधार पर परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध कराएं।
    अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. ललित कुमार ने आशा कार्यकर्ताओं को बताया कि क्षेत्र में आ रहीं चुनौतियों से कैसे निपटा जाए। उन्होंने कहा ज्यादा से ज्यादा लोगों की परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए काउंसलिंग किये जाने की जरूरत है। इस अवसर पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी अधिकारियों ने भी अपने विचार रखे और फील्ड में आ रही समस्याओं को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के समक्ष रखा, जिस पर उन्होंने उसके समाधान बताए साथ ही कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिये गये हैं। वह समस्याओं का  निदान करेंगे। इस अवसर पर जिला मलेरिया अधिकारी राजेश शर्मा ने शहरी क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा -शहरी क्षेत्र में मलिन  बस्तियां होने के कारण नियमित टीकाकरण बड़ी चुनौती है, लेकिन हर हाल में यहां शतप्रतिशत टीकाकरण किया जाना है। कार्यशाला में आईबी श्रीवास्तव (सिटी इंप्लीमेंटेशन लीड टीसीआइएचसी पीएसआई) ने संस्था के क्रियाकलापों के बारे में बताया। उन्होंने बताया पीएसआई विगत चार वर्षों से शहरी क्षेत्र में परिवार नियोजन कार्यक्रमों को बेहतर बनाने के लिए कार्य कर रही है। संस्था द्वारा किये गये कार्यों की प्रगति एवं सीख को साझा करने के लिए यह एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में परिवार नियोजन कार्यक्रमों में उपलब्धि हासिल किये जाने पर डा. मनीषा बंसल, डा. वंदना कमल, स्टाफ नर्स मंजू बंसल, एचएमआईएस आपरेटर रिंकू कुमार, रीमा पटेल को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में पीएसआई की फेमिली प्लानिंग काउंसलर पिंकी सिंह, सीएमओ कार्यालय के अपर शोध अधिकारी केके भास्कर, आशुदीप, अभिषेक, गोविन्द, मोनिका श्रीवास्तव, दीपांशु सहित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी, स्टाफ नर्स, आशा कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया।
  • आजमगढ़ में अवैध शराब फैक्ट्री का राजफाश, भारी मात्रा में शराब बरामद, सात गिरफ्तार   

    आजमगढ़ में अवैध शराब फैक्ट्री का राजफाश, भारी मात्रा में शराब बरामद, सात गिरफ्तार   

    द न्यूज 15 

    आजमगढ़ । अहरौला थाना क्षेत्र के रुपाईपुर गांव में बुधवार की देर रात पुलिस ने दवा कारोबारी के मकान में संचालित अवैध शराब फैक्ट्री का राजफाश किया है। मकान से भारी मात्रा में शराब की बरामदगी के साथ सात तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। पांच तस्कर भागने में सफल हो गए, जबकि सात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। माहुल में शराब से हुई पांच मौत और दर्जनों के बीमार पड़ने की घटना के बाद पुलिस सक्रिय हो गई हैं। तस्करी का सिंडिकेट खत्म करने के लिए पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने क्राइम ब्रांच को लगाया है। क्राइम ब्रांच एवं अहरौला थाना पुलिस ने रुपाई पुर गांव स्थित मोहम्मद फहीम पुत्र मोहम्मद सईद के घर पर छापेमारी की। पुलिस अधीक्षक ने बताया मोहम्मद फहीम अपने भाइयों के साथ मिलकर अवैध शराब फैक्ट्री का संचालन कर था था। मोहम्मद फहीम के घर के निचले हिस्से से 15 पेटी अवैध शराब, छत पर कमरे से दो पेटी, मारुति वैन से पांच पेटी, आटो रिक्शा से तीन पेटी शराब बरामद हुई है। इसके अलावा छह ड्रम लहन, भारी संख्या में रैपर , पैकिंग मशीन, 15 पेटी ओनरेक्स सीरप दवा, 20 हजार खाली बोतलें विभिन्न प्रकार के फ्लेवर्स की बोतलें,10 हजार फर्जी बारकोड, वैन, आटो रिक्शा, मोटरसाइकिल एवं एक स्कूटी बरामद हुई है। एसपी ने बताया लगभग 30 लाख रूपये से ऊपर की बरामदगी हुई है। सात अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जबकि फरार पांच अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए उनके ऊपर 25- 25 हजार रुपये का इनाम मेरे द्वारा घोषित किया गया है। बहुत जल्द ही इनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। असिस्टेंट कमिश्नर ड्रग मनु शंकर अग्रवाल व ड्रग इंस्पेक्टर अरविंद कुमार के साथ मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गए हैं। मोहम्मद फहीम माहुल बाजार में हरा वाला रोड पर नेशनल मेडिकल स्टोर चलाता है। छापामारी टीम में सीओ लालगंज मनोज रघुवंशी, इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह, एसओजी प्रभारी संजय सिंह, एसओजी प्रभारी राजकुमार सिंह , थानाध्यक्ष अहरौला संजय कुमार सिंह सहित कई थानों की फोर्स शामिल थी।
  • पशुपालन की स्वरोजगार में महत्वपूर्ण भूमिका

    पशुपालन की स्वरोजगार में महत्वपूर्ण भूमिका

    हाल ही में हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने किसानों और खासकर पशुपालकों के लिए विश्वभर की पहली पशु किसान क्रेडिट योजना को शुरू किया है।  2022 तक किसानों की आमदनी  दोगुनी करने के मकसद से  किसान क्रेडिट कार्ड  की तर्ज पर पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है।  इस योजना में  किसानों को बहुत कम ब्याज दर पर लोन दिया जा रहा है। इसकी खासियत यह है कि पशुपालकों को बिना किसी गारंटी के 1 लाख 60 हजार रुपये का ऋण मिलेगा।

    सत्यवान ‘सौरभ’

    कोरोना संकट के कारण बाहरी प्रदेशों से बहुत से लोग वापस आए हैं और उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाना देश के सामने बड़ी चुनौती है ऐसे में  पशु पालन स्वरोजगार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।  आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज के अनुकूल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 15,000 करोड़ रुपये के पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास फंड (एएचआईडीएफ) की स्थापना के लिए अपनी मंजूरी भी दी थी।  डेयरी सेक्टर के लिए पशुपालन आधारभूत संरचना विकास निधि के तहत 15,000 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है। डेयरी क्षेत्र में प्रोसेसिंग मे प्राइवेट इन्वेस्टर्स को बढ़ावा दिया जा रहा है । डेयरी प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और मवेशियों के चारे के लिए के बुनियादी ढांचे में निजी निवेशकों को जगह दी जाएगी। पशुपालन में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए 15,000 करोड़ रुपए का एनीमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्र्रक्चर डेवलपमेंट फंड जारी किया गया है।
    पशुपालन में गाय-भैंस के साथ ही इसका कार्यक्षेत्र बहुत ही विस्तृत है। मुर्गी पालन और यहां तक कि मत्स्य पालन भी पशुपालन के ही दायरे में आते हैं। इस क्षेत्र की खास विशेषता यह है कि इसमें कम लागत में भी काम शुरू कर के बड़े स्तर का कारोबार खड़ा किया जा सकता है। स्वरोजगार के तौर पर युवा इस क्षेत्र को चुनकर अपना भविष्य संवार सकते है।  कोरोना महामारी के कारण युवा अपने गाँव  वापस लौटे हैं। लौटने वालों में अधिकांश 25 से 40 साल की आयु वर्ग के हैं। इनमें से भी कम से कम 30 प्रतिशत प्रवासी वापस न जा कर यहीं अपने प्रदेश में रहना चाहते हैं। यद्यपि उनकी आजीविका गाँवों  में ही सुनिश्चित करने के लिये उन पर कोई भी व्यवसाय थोपना तो उचित नहीं मगर उनके समक्ष पशुपालन का एक विकल्प अवश्य ही रखा जा सकता है। इसके लिये उन्हें भारत सरकार द्वारा शुरू किये गये राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत दिये जा रहे प्रोत्साहनों एवं सहूलियतों से अवगत कराये जाने की जरूरत है।
    पशुधन विकास के लिये वित्त पोषण की जिम्मेदारी सरकार द्वारा ली गयी है। इसमें रिस्क मैनेजमेंट इंश्यौरेंस के नाम से पशुधन बीमा योजना भी शुरू की गयी है। इसका उद्देश्य पशुपालकों को पशुओं की मृत्यु के कारण हुये नुकसान से सुरक्षा उपलब्ध कराना है। इस बीमा योजना में पशुपालक को गौवंशीय, भैंस, घोड़े, गधे, खच्चर, ऊंट, भेड़, बकरी, सुकर, एवं खरगोश को बीमित करने की व्यवस्था है। मिशन के तहत बकरी एवं भेड़ पालन एवं  मुर्गी  पालन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसमें पशुपालन के लिए सब्सिडी का भी प्रावधान है।
    केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ-साथ अलग राज्य सरकारें इस दिशा में काफी रूचि से काम कर रही है हाल ही में हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने किसानों और खासकर पशुपालकों के लिए विश्वभर की पहली पशु किसान क्रेडिट योजना को शुरू किया है।  2022 तक किसानों की आमदनी  दोगुनी करने के मकसद से  किसान क्रेडिट कार्ड  की तर्ज पर पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है।  इस योजना में  किसानों को बहुत कम ब्याज दर पर लोन दिया जा रहा है। इसकी खासियत यह है कि पशुपालकों को बिना किसी गारंटी के 1 लाख 60 हजार रुपये का ऋण मिलेगा। हालांकि ऋण लेने के इच्छुक पशुपालक ने पहले ऋण न लिया हो तो उन्हें बस पशु पालन विभाग के अधिकारियों से सत्यापित पत्र पर ही ऋण मिल जाएगा। इससे पहले किसान क्रेडिट कार्ड योजना ही चल रही है। इसके किसानों को अपनी जमीन बैंक के नाम करवाने के बाद ही ऋण मिलता है। जबकि पशु क्रेडिट योजना में ऐसा नहीं है। 1 लाख 60 हजार रुपये तक ऋण लेते समय उन्हें सिर्फ पशुपालन एवं डेयरिग विभाग के उपनिदेशक का सत्यापित पत्र देना होगा। इससे पहले किसान को अपने पशु का बीमा भी करवाना होगा। उसके लिए मात्र 100 रुपये देने होंगे।
    यह लोन पशुपालन  को बढ़ावा देने के लिए दिया जा रहा है. इस योजना के तहत मछली पालन, मुर्गी पालन, भेड़-बकरी पालन, गाय-भैंस पालन के लिए किसानों को कर्ज दिया जाता है. किसानों को इस योजना के तहत 7 फीसदी की ब्याज दर पर लोन दिया जाता है. इसमें तीन फीसदी केंद्र सरकार सब्सिडी देती है और शेष 4 फीसदी ब्याज पर हरियाणा सरकार छूट दे रही है. इस तरह इस योजना के तहत लिया गया लोन बिना ब्याज का होगा. पशु क्रेडिट कार्ड योजना का फायदा हरियाणा के सभी पशुपालक उठा सकते हैं. इसके अतिरिक्त हरियाणा में गाय की देसी नस्ल (हरियाणा एवं साहीवाल) को बढावा देने हेतू दुग्ध प्रतियोगिता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह आयोजन प्रत्येक ग्राम के स्तर पर किया जाता है जिसमें पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि निम्नलिखित अनुसार वितरित की जाती है। इसके अतिरिक्त इन नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतू मिनी डेयरी योजना के तहत पशुपालकों को तीन या पांच दुधारू गायों की खरीद पर सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान राशि भी दी जाती है।
    मुर्राह भैस, जो भारत  में भैसों की सबसे उत्तम नस्ल है तथा हरियाणा राज्य इसका मूल स्थान है व इसे काला सोना का नाम दिया गया है, इसलिए हरियाणा प्रदेश के पशुपालकों को उत्तम मुर्राह दुधारू भैंस पालने की प्रवृत्ति को बढावा देने हेतू दुग्ध प्रतियोगिता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है । यह आयोजन प्रत्यक ग्राम के स्तर पर किया जाता है जिसमें पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि निम्नलिखित अनुसार वितरित की जाती है । इस दुग्ध प्रतियोगिता में शामिल उच्च कोटि की भैसों से प्राप्त एक वर्ष के कटड़ों को विभाग अच्छी कीमत (राशि 20,000 से 30,000/- रू0) तथा इससे भी अधिक कीमत पर पशुपालकों से खरीद कर राजकीय कटड़ा फार्म, हिसार में रखा जाता है और बाद में इच्छुक ग्राम पंचायतों को न्यूनतम मूल्य पर दिया जाता है । 50 दुधारू पशुओं की हाईटेक डेयरी योजना योजना के तहत 50 दुधारू पशुओं की हाईटेक डेयरी बैंक के माध्यम से लोन स्वीकृत होने उपरान्त स्थापित करवाई जाती है तथा इस योजना के तहत स्वीकृत ऋण के 75 प्रतिशत राशि लगने वाला ब्याज विभाग द्वारा लाभार्थी को प्रदान किया जाता है। 3/5/10 दुधारू पशुओं की मिनी डेयरी योजना के अंतर्गत  शहरी/ ग्रामीण शिक्षित बेरोजगार युवक/ युवतियों को बैंकों के माध्यम से ऋण दिलवाकर स्वरोजगार उपलब्ध करवाना तथा आर्थिक रूप से पिछड़े गरीब परिवारों के लिए स्वरोजगार उपलब्ध करवाना है । इस योजना के तहत लाभार्थी को 25 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है।
    इसी तरह भेड़/बकरी युनिट/3 दुधारू पशुओं की मिनी डेयरी योजना स्कीम के अन्तर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के परिवारों को 20 भेड़/बकरी व एक नर खरीदने के लिए एक लाख रूपए का ऋण 50 प्रतिशत अनुदान पर दिलवाया जाता है । इसके अतिरिक्त 3 दुधारू पशुओं की ईकाई स्थापित करवाई जाती है जिस पर लाभार्थी को 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है। हरियाणा राज्य की तरह देश भर में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए नयी योजनाओं के माध्यम से पशपालकों को आर्थिक तौर पर सहायता की मुहीम चल रही ह।  बेरोजगार युवाओं को इसमें अपनी किस्मत अपनानी चाहिए सरकार पशुपालन गतिविधियों को स्वरोजगार के उत्तम साधन के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने पर बल दे रही है।  पशुपालन ऐसा ही एक क्षेत्र है। जिसे आज शहरों के पढ़े−लिखे बेरोजगार युवक भी अपना कर मोटी कमाई कर रहे हैं। आज यह एक अलग व्यवसाय का रूप ले चुका है और इसे न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी बेहतर कारोबार के तौर पर अपनाया जा रहा है।
    (लेखक रिसर्च स्कॉलर, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट हैं)