Author: TN15 NS

  • Lessons from Ukraine and the significance of the Non-Aligned Movement.

    Lessons from Ukraine and the significance of the Non-Aligned Movement.

    Dr. Ramlakhan gurjar   

    A big and powerful country attacks only weak countries.
    This is what happened except World War II
    America keeps playing ban ban which is its favorite game
    Countries falling under America’s bluff have always suffered.
    Russia certainly has a history of standing with a friendly country.
    China has become a big trading country and it is arranging as much security which is necessary for it and to deal with the big powers of the world and both they and China are engaged in their preparations by imagining 100 years ahead while some countries  The temple mosque is considering only things like burqa hijab as the future.
    Small countries cannot withstand the attacks of big powers even after trying a million, they can fight even after being ruined.
    The world has changed rapidly and its rules of war and weapons have also changed.
    To win, it is necessary to be strong and the first condition of being strong is that the country should be above internal disputes, there should be unity in the country, there should be mutual harmony and trust, trust in the government and its condition is that the government should be transparent, sensible and visionary.  And to create confidence in the entire public that they are doing everything for everyone and for everyone’s future and safety.
    A country broken from inside cannot make economic progress and if there is a fight inside and there is an opportunity to worsen the situation, then no investor will come from anywhere and internal business will also be affected, whereas for the strength of the country it is necessary that the country is financially very much.  Should be strong, the educational level should be high and the quality of health should also be of high quality, unemployment should be negligible, everything from agriculture to business should be prosperous and there should be scientific self-reliance in all fields, in the field of health, future needs and military needs and  From Artificial Intelligence in the future to conservation of nature and impossible creation of necessary things.
    The environment for all these things can be created only when all the people who lead are visionary and dream, formulate and resolve not for themselves, their party and power but for the generations to come.
    Otherwise, instead of healthy democratic competition and the competition of dreams for future generations, you only take any country behind.
    To live in the dreams of history or to carry the hatred of history and to give it to future generations is only going to bring ruin. Be it Iraq, Syria, Ukraine or any other such country, no matter how much military equipment  Collect it, but if they knock on a big one, then its ruin is certain and living in the misunderstanding that some other country that sells weapons and uses it for its own interests will come to fight for it, it will prove to be a misunderstanding, why any country itself  Do not waste it for others because war is a very expensive hobby.  That’s why it is best for small, economic, demographically weak and developing countries that they should not become a puppet of any big and keep their interest and harm with the most and do not become the political field of any big one, give a challenge.  No one has forgotten the horrors of World War I yet.
    Any country has its own formation due to its special environment and historical circumstances and factors and it becomes happy and progresses in those conditions.  It will not make any difference until the air of democracy is felt in it and that happens only when the whole people feel it themselves or they have an intuitive knowledge.  India has been a society of free environment, here the society lives in a little less and remains satisfied, but its free environment and free laughter should not be taken away from it, so any step or thinking like dictatorship will be suicidal for India.  India needs to take lessons from the societies and countries having religious and caste conflicts and the sooner it understands, the more the country will become stronger and scientific approach and progress will make India capable of challenging peace and harmony in front of the world.  The message of peace will be worth giving by keeping Mahatma Gandhi in front.
    It is time to reconsider how meaningful the Non-Aligned Movement was started by Jawaharlal Nehru and that it was the third axis in itself which used to balance the other two.
    First American selfishness has ruined many countries and now Ukraine is the time for the small and less developed or developing countries of the whole world to unite anew and make a new strategy and India can lead them all but for that in India first.  Complete unity and trust is essential.
    Ukraine will be settled in a week, but it will not prove to be the last, but it is the beginning of a new type of war.
    China’s challenge is no less for India and that challenge has arisen from its own ideological and strategic mistakes. It is the need of the hour to immediately accept these mistakes and get out of them using experience and experience, even if it is with the political opponent.  Why not?
    If war is to be avoided then war has to be costly and a divided country and ignorant eyes cannot do it.
  • हिंदुत्व पर अखिलेश का भाजपा को जवाब? हाथ में हनुमान की मूर्ति ले अयोध्या की गलियों में घूमे

    हिंदुत्व पर अखिलेश का भाजपा को जवाब? हाथ में हनुमान की मूर्ति ले अयोध्या की गलियों में घूमे

    द न्यूज 15 

    अयोध्या। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने पूरी ताकत झोंक दी है। शुक्रवार सुबह जहां सीएम योगी आदित्यनाथ ने रामलला के दर्शन किए तो शाम को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अयोध्या की गलियों में रोड शो निकाला। ‘विजय रथ’ की छत पर सवार होकर निकले अखिलेश यादव के साथ कुछ संत भी नजर आए। इस दौरान अखिलेश हनुमान जी की मूर्ति लेकर हाथ में लेकर लोगों अभिवादन करते दिखे।
    बीजेपी एक तरफ राममंदिर निर्माण के लिए क्रेडिट लेते हुए वोट मांग रही है तो सपा पर यह कहकर हमला किया जाता है कि उन्होंने कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं थीं। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव ने अयोध्या में रोड के जरिए बीजेपी को हिदुत्व के पिच पर जवाब देने की कोशिश की है। वहीं, एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीजेपी ने सपा को अयोध्या की बात करने को मजबूर किया है। एक बार जनता ने फिर बीजेपी को जितवा दिया तो सपा के नेता कारसेवा के लिए पहुंचने लगेंगे।
    भगवान के बिना संभव नहीं था इतना समर्थन : रोड शो की शुरुआत से पहले बस की छत से समर्थकों को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने भगवान विष्णु के अवतार श्री राम, भगवान श्रीकृष्ण और भगवान परशुराम को नमन किया। संतों, गुरुजनों को नमन करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ”जिस तरह का समर्थन आज हमें दिखाई दे रहा है, यह समर्थन बिना भगवान श्रीराम के संभव नहीं था। इसलिए कहीं ना कहीं भगवान की कृपा है कि यह समर्थन जनता का मिल रहा है। जहां कण-कण में राम है, ऐसी देश की संस्कृति और हमारी गंगा-जमुनी तहजीब। हम मिलीजुली संस्कृति को बचाकर बीजेपी का सफाया करेंगे।”
    अयोध्या का करेंगे विकास, व्यापारियों को नहीं होने देंगे नुकसान : अखिलेश यादव ने सपा सरकार बनने पर अयोध्या के विकास का वादा करते हुए कहा, ”इस मौके पर यह कहना चाहता हूं कि यह चुनाव देश का सबसे बड़ा चुनाव होने जा रहा है। अयोध्या विधानसभा का भी आशीर्वाद मिले। मैं समय-समय पर अयोध्या के संतों, बाबागण, गुरुजनों को भरोसा दिलाता हूं कि यह पवित्र नगरी है। यह पुण्य की धरती है। यहां के नगर निगम का जो पहले वादा किया था, कि घर का और पानी का टैक्स पूरा माफ होगा।। ना सिर्फ ये दो टैक्स माफ होंगे, उसके साथ 300 यूनिट बिजली माफ होगी। मैं अपने तमाम लोगों को भरोसा देता हूं कि किसी पुण्य काम के लिए जमीन लेनी पड़ेगी, किसानों से जमीन ली जाएगी तो उन्हें सर्किल रेट बढ़ाकर छह गुणा मुआवजा दिया जाएगा। व्यापारियों का नुकसान ना हो, विकास ऐसा होगा कि व्यापारी का नुकसान ना हो और लोग हमारे आध्यात्म संस्कृति को जानें।”
  • ‘रहस्यमयी योगी’ के कहने पर NSE में नौकरी पाने वाले आनंद सुब्रमण्यम को सीबीआई ने किया गिरफ्तार 

    ‘रहस्यमयी योगी’ के कहने पर NSE में नौकरी पाने वाले आनंद सुब्रमण्यम को सीबीआई ने किया गिरफ्तार 

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व चेयरमैन चित्रा सुब्रमण्यम के पूर्व सलाहकार और ग्रुप के परिचालक अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम को सीबीआई ने कल देर रात गिरफ्तार कर लिया। आनंद सुब्रमण्यम वही व्यक्ति है जिनकी नियुक्ति एनएसई की तत्कालीन चेयरमैन और एमडी चित्रा रामकृष्णा ने रहस्यमयी योगी के कहने पर की थी।
    सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई आनंद सुब्रमण्यम से पिछले 3 दिनों से पूछताछ कर रही थी जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी की गई। सुब्रमण्यम पर आरोप है कि एनएसई के कामकाज में दखल देते थे और चित्रा रामकृष्णा उनके इशारे पर काम किया करती थी।
    रहस्यमयी योगी और आनंद कनेक्शन: चित्रा रामकृष्णा ने सीबीआई को पूछताछ में बताया है कि रहस्यमयी योगी उनसे एक ईमेल आईडी के जरिए संपर्क में रहता था। रहस्यमयी योगी ने एक बार चित्र को बताया था यदि उसे धरती पर अवतरित होना होगा, तो वह आनंद जैसे शरीर में ही अवतरित होना चाहेगा। चित्रा ने रहस्यमयी योगी से एनएसई के गोपनीय जानकारियों समेत कर्मचारियों के प्रदर्शन से जुड़ी रिपोर्ट अभी साझा की थी।
    जारी हुआ था लुकआउट नोटिस: 192 पन्नों की सेबी की जांच को आधार बनाते हुए सीबीआई ने चित्रा रामकृष्णा और आनंद सुब्रमण्यम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। फिर सीबीआई ने एनएसई के सीईओ रवि नारायण और आनंद सुब्रमण्यम के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया था। जिससे दोनों वैधानिक कार्यवाही के बीच देश छोड़कर ना भागे। 9 गुना बढ़ी सैलरी: चित्रा रामकृष्णा ने पद संभालते ही एनएसई में चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर (COO) पद बनाया। जिस पर आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति की गई। आनंद सुब्रमण्यम इससे पहले सरकारी कंपनी Balmer Lawrie में काम करते थे। जहां उनकी सैलरी 15 लाख थी। चित्रा ने एनएसई में उनकी सैलरी 15 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.38 करोड़ रुपए सालाना कर दी । इस दौरान लगातार उन्हें पदोन्नति भी दी गई और वह ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर बन गए। इससे पहले एनएसई के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ सेबी ने जांच के बाद अनियमितताएं बरतने के लिए चित्रा रामकृष्णा पर 3 करोड़ रुपए, आनंद सुब्रमण्यम और रवि नारायण (एनएसई के पूर्व एमडी एंड सीईओ) पर 2 करोड़ रुपए और प्रमुख नियामक अधिकारी वीआर नरसिम्हा पर 6 लाख का जुर्माना लगाया है।
  • मोदी जी, प्रधानमंत्रियों ने जनता का नमक खाया है खिलाया नहीं!

    मोदी जी, प्रधानमंत्रियों ने जनता का नमक खाया है खिलाया नहीं!

    चरण सिंह राजपूत
    नप्रतिनिधि मतलब जनता का प्रतिनिधि। जनता का प्रतिनिधि भला जनता को नमक कैसे खिला सकता है ? जनप्रतिनिधि तो जनता का नामक खाता है। यदि किसी देश का प्रधानमंत्री अपने नमक का हवाला देकर कोई किस्सा सुनाएं तो इससे गिरी हुई कोई बात नहीं हो सकती है ? वह भी  तब जब प्रधानमंत्री अपने को फकीर मानते हों। यदि प्रधानमंत्री की भाषा की बात की जाये तो क्या कोई फकीर किसी को अपना नमक खिला सकता है? हमारे प्रधानमंत्री तो बात-बात पर अपने को फकीर कहते हैं। कहते हैं कि मैं तो फकीर हूं। झोला उठाऊंगा और चल पड़ूंगा। वैसे भी नमक का मतलब किसी के घर पर खाना खाने से है। क्या मोदी जी बताएंगे कि आखिर आपका कोई नमक खा कैस सकता है ? आप न तो अपने परिवार के साथ रहते हैं। न ही आपकी पत्नी आपके साथ में रहती हैं और नहीं ही मां। न आप खाना बनाते हैं तो फिर आपके नमक खाने का सवाल ही कहां से उठता है ? आप तो खुद जनता के दिये गये टैक्स से खरीदे गये राशन से बना खाना खाते हैं। जिस अन्नदाता का नमक देश ख़ाता है उसे तो आप और आपके समर्थक नक्सली, देशद्रोही पता नै क्या क्या कहते रहे हैं।
    हां आप रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने की बात हमेशा करते हैं। चाय में तो नमक होती नहीं है। हां आप चीनी का किस्सा सुनता सकते हैं। वैसे भी आप लोगों को चीनी ही तो खिला रहे हैं। मीठी-मीठी बात कर आम लोगों को गुमराह कर रहे हैं और देश के अधिकतर संसाधनों पर आपने पूंजीपति अडानी का कब्जा करवा दिया है। यदि देश के प्रधानमंत्री जनता को अपने नमक का हवाला देकर कोई किस्सा सुनाते हैं तो समझ लीजिए ये महाशय कितने अहंकारी है ?
     वैसे भी प्रधानमंत्री देश के प्रधानमंत्री हैं न कि भाजपा के। कायदे में तो उन्हें चुनाव प्रचार करना ही नही चाहिए। यदि प्रचार कर भी रहे हैं तो कम से कम जनता को अपने नमक के हवाला से जुड़ा किस्सा तो न सुनाएं।  हो सकता है कि किसी बुजुर्ग महिला ने ऐसा बोल दिया हो पर क्या  प्रधानमंत्री जी अपने नमक से जोड़कर इस तरह से चुनावी सभा में यह किस्सा सुनाना चाहिए ? दरअसल मोदी गरीबों को मुफ्त राशन की बात कर रहे हैं। मुफ्त राशन तो पहली सरकारों में बंटता रहा है। क्या किसी प्रधानमंत्री ने मुफ्त राशन को अपना नमक बताया है ?  प्रधानमंत्री जी की भाषा में तो देश के 80 करोड़ लोग मुफ्त राशन ले रहे हैं। तो क्या देश के 80 करोड़ लोग मोदी का नमक खा रहे हैं ?
    दरअसल पीएम मोदी ने हरदोई में चुनावी रैली के दौरान मैनपुरी की एक बुजुर्ग महिला का जिक्र  करते हुए कहा है कि सोशल मीडिया के जरिए उन तक एक वीडियो पहुंचा है। वीडियो में महिला ने कह रही हैं कि उसने मोदी का नमक खाया है, उन्हें धोखा नहीं देंगे, उन्हें ही वोट देंगे। तो क्या मोदी फ्री राशन को अपने नमक से जोड़ रहे हैं।
    दरअसल कोरोना महामारी के दौर में शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पिछले साल (नवंबर, 2021) में खत्म हो रही थी। इसको देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने केन्द्र सरकार की योजना के साथ भागीदार बनकर यूपी की जनता के लिए 3 नवंबर, 2021 को अयोध्या से राज्य सरकार की ओर से होली तक मुफ्त राशन वितरण किये जाने का ऐलान किया। उसके बाद से यूपी के पात्र कार्ड धारकों को हर महीने डबल डोज के रूप में 10 किलो राशन मुफ्त दिया जाने लगा। केंद्र ने भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया।  हालांकि उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने  पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए  कहा है कि हम देश का नमक खाते हैं उन दोनों का नहीं। मतलब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का नहीं।
  • सारे माफिया को योगी ने जेल में बंद करा दिया…बोला बीजेपी समर्थक, SP नेता ने पूछा- तो जौनपुर का गुंडा क्रिकेट खेलते कैसे पाया जाता है?

    सारे माफिया को योगी ने जेल में बंद करा दिया…बोला बीजेपी समर्थक, SP नेता ने पूछा- तो जौनपुर का गुंडा क्रिकेट खेलते कैसे पाया जाता है?

    सपा नेता के इन आरोपों पर टीवी कार्यक्रम में शामिल रहे भाजपा नेता ने कहा कि हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है। मुख़्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे लोगों जो गरीबों की जमीन हड़पकर गुंडागर्दी करते थे वो आज जेल से निकलना नहीं चाह रहे हैं।

    द न्यूज 15 
    लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सुरक्षा और कानून व्यवस्था का मुद्दा भी छाया हुआ है। जहां एक और भाजपा उत्तरप्रदेश में मजबूत कानून व्यवस्था होने का दावा कर रही है तो वहीं समाजवादी पार्टी सहित अधिकांश विपक्षी दल हाथरस और उन्नाव मामले को लेकर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साध रही है। एक टीवी कार्यक्रम में जब भाजपा समर्थक ने कहा कि योगी ने सारे माफिया को जेल में बंद करा दिया तो सपा नेता ने पलटवार करते हुए कहा कि फिर जौनपुर का गुंडा क्रिकेट खेलते हुए कैसे पाया जाता है।
    एक टीवी चैनल पर आयोजित कार्यक्रम में एक भाजपा समर्थक ने कहा कि योगी ने सारे माफिया और आतंकवादी पर नकेल कसकर जेल में बंद करा दिया। इसपर वहां मौजूद रहे सपा नेता ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर माफियाओं पर कार्रवाई की गई तो जौनपुर का सबसे बड़ा गुंडा धनंजय सिंह कैसे क्रिकेट खेलता हुआ दिखता है। इसपर भाजपा के लोग क्या कहेंगे।
    सपा नेता के इन आरोपों पर टीवी कार्यक्रम में शामिल रहे भाजपा नेता ने कहा कि हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है। जिनके नाम पर दहशत कायम था वो मुख़्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे लोगों जो गरीबों की जमीन हड़पकर गुंडागर्दी करते थे वो आज जेल से निकलना नहीं चाह रहे हैं। यह योगी आदित्यनाथ जैसे अच्छे मुख्यमंत्री की देन है।
    बता दें कि पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह का एक वीडियो ट्वीट किया था। जिसमें वो क्रिकेट खेलते हुए नजर आ रहे थे। धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले साल भगोड़ा घोषित किया था। जिसके बाद पुलिस ने उनके घर पर नोटिस भी चिपकाया था। कोर्ट ने सरेंडर करने का आदेश दिया था लेकिन वे अभी तक कोर्ट में पेश नहीं हुए। धनंजय सिंह एक हत्याकांड में आरोपी है।
    गौरतलब है कि धनंजय सिंह ने 2002 और 2007 के चुनाव में निर्दलीय विधानसभा का चुनाव जीता। इसके बाद वे 2009 में लोकसभा का चुनाव भी जीते। इतना ही नहीं पिछले साल हुए पंचायत चुनाव में धनंजय सिंह की पत्नी जौनपुर जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं।
  • दो औरतों की प्रेम कहानी का कॉकटेल है ‘खतरा: डेंजरर्स’, गे-लेस्बियन सब्जेक्ट पर ये फिल्में-वेब-सीरीज भी रही हैं चर्चित 

    दो औरतों की प्रेम कहानी का कॉकटेल है ‘खतरा: डेंजरर्स’, गे-लेस्बियन सब्जेक्ट पर ये फिल्में-वेब-सीरीज भी रही हैं चर्चित 

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली। राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘खतरा: डेंजरर्स’ सेंसर बोर्ड से पास होने के बाद सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार है। फिल्म 8 अप्रैल को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। दरअसल, ये फिल्म लेस्बियन संबंधों पर आधारित है। सेंसर बोर्ड ने इसे A सर्टिफिकेट के साथ पास किया है। डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा के मुताबिक फिल्म के सेंसर से गुजरने की उम्मीद नहीं की थी क्योंकि यह दो महिलाओं के बीच एक प्रेम कहानी है, लेकिन धारा 377 के निरस्त होने पर समलैंगिक संबंधों को वैध कर दिया गया है। लेकिन ए सर्टिफिकेट से मैं खुश हूं।
    क्या है फिल्म में? फिल्म की कहानी दो औरतों के बीच प्यार और उनके समलैंगिक रिश्तों पर आधारित हैं। जो इस पुरुष प्रधान समाज से असंतुष्ट होकर एक दूसरे की तरफ आकर्षित होती हैं। इस क्राइम थ्रिलर-ड्रामा फिल्म में काफी बोल्ड और इंटिमेट सीन शूट हुए हैं। फिल्म में साउथ फिल्मों की की एक्ट्रेस अप्सरा रानी और नैना गांगुली लीड किरदार में हैं।
    समलैंगिक संबंधों पर बनी ये फिल्में-वेब सीरीज भी रही हैं चर्चित: राम गोपाल वर्मा की फिल्म से पहले भी समलैंगिक संबंधों की पड़ताल करती तमाम फिल्में और वेब सीरीज बन चुकी हैं। साल 1986 में आई दीपा मेहता की फिल्म ‘फायर’ इस इसी सब्जेक्ट पर आधारित थी। शबाना आजमी और नंदिता दास ने अपने कैरेक्टर से खूब सुर्खी बटोरी थी। उस वक्त एक वर्ग ने इस फिल्म की आलोचना भी की थी।
    साल 2004 में आई फिल्म गर्लफ्रेंड में भी लेस्बियन सब्जेक्ट पर आधारित थी। इस फिल्म में ईशा कोपिकर और अमृता अरोड़ा लीड रोल में थे। इस फिल्म की रिलीज से पहले काफी हंगामा हुआ था। इसी तरह 2015 में आई हंसल मेहता की फिल्म ‘अलीगढ़’ भी खूब चर्चा का विषय बनी थी। इसमें भी समलैंगिक रिश्तों की परतों को खंगालने का प्रयास किया गया था। मनोज बाजपेयी ने अपनी एक्टिंग से खूब सुर्खियां बटोरी थी।
    OTT की ये सीरीज भी रही हैं चर्चित: हाल के दिनों में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर भी समलैंगिक संबंधों पर आधारित तमाम फिल्में और वेब सीरीज आई हैं और खूब पसंद किया गया। हॉटस्टार की वेब सीरीज ‘सिटी ऑफ ड्रीम्स’ में लेस्बियन संबंधों को दिखाया गया है। इस सीरीज में प्रिया बापट ने अपनी एक्टिंग से खूब सुर्खी बटोरी थी। इसी तरह अल्ट बालाजी की वेब सीरीज ‘द मैरिड विमेन’ भी लेस्बियन सब्जेक्ट पर केंद्रित है। हॉट शॉट्स की वेब सीरीज ‘द नाइट इन मुंबई’ में भी लेस्बियन संबंधों को दिखाया गया है।
  • फरहान-शिबानी की वेडिंग पार्टी में पहुंची दीपिका-मलाइका हुईं ट्रोल, करीना-करिश्मा ने लूटी वाहवाही

    फरहान-शिबानी की वेडिंग पार्टी में पहुंची दीपिका-मलाइका हुईं ट्रोल, करीना-करिश्मा ने लूटी वाहवाही

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली । फरहान अख्तर और शिबानी दांडेकर शादी के बंधन में बंध चुके हैं। बीते दिनों ही बॉलीवुड के इस कपल ने अपनी क्रिश्चियन वेडिंग की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया था जो जमकर वायरल भी हुईं। बीते गुरुवार की रात ही फरहान और शिबानी के खास दोस्त रितेश सिद्धवानी ने फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े तमाम करीबी दोस्तों के लिए एक पार्टी रखी थी। पार्टी में दीपिका पादुकोण, करीना कपूर खान, मलाइका अरोड़ा, जेनेलिया डिसूजा, अमृता अरोड़ा, करिश्मा कपूर, रिया चक्रवर्ती, सुहाना खान, शनाया कपूर समेत तमाम लोग शिरकत करने पहुंचे थे। पार्टी वेन्यू के पार्किंग एरिया में इन लोगों ने पैपराजी के सामने जमकर तस्वीरें भी क्लिक करवाईं। इस दौरान के कई वीडियो सामने आ चुके हैं और इनके सामने आते ही ट्रोलर्स भी एक्टिव हो गए।
    ट्रोल्स ने उड़ाई इन हसीनाओं की धज्जियां :फोटोग्राफर वरिंदर चावला ने इंस्टाग्राम पर फरहान अख्तर और शिबानी दांडेकर की शादी में पहुंचे सितारों के वीडियो शेयर किए हैं। कुछ लोगों को छोड़ दिया जाए तो इस पार्टी में आए लगभग हर सेलेब्स ने थीम के अनुसार ही काले रंग की ड्रेस पहनी हुई थी। सामने आए वीडियो को देखने के बाद ट्रोल्स ने मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora) और दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) की धज्जियां उड़ानी शुरू कर दी है। मलाइका अरोड़ा की ड्रेस देखने के बाद लोग इसकी तुलना मछली पकड़ने वाले जाल से करने लगे हैं। दूसरी ओर दीपिका पादुकोण के खराब होते जा रहे फैशन सेंस को लेकर भी टिप्पणी की गई है।

  • रूस-यूक्रेन की जंग के बीच ‘जादूगर’ कहलाए बॉबी देओल, जमकर वायरल हो रहा है ये वीडियो

    रूस-यूक्रेन की जंग के बीच ‘जादूगर’ कहलाए बॉबी देओल, जमकर वायरल हो रहा है ये वीडियो

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली । रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद के बीच एक्टर बॉबी देओल की एक फिल्म का सीन जमकर वायरल हो रहा है। रूस और यूक्रेन की बीच छिड़ी जंग को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के रिएक्शन सामने आ रहे हैं। बीते दिनों ही अरशद वारसी ने भी इससे जुड़ा एक मीम शेयर किया था जिसके बाद उनकी खूब फजीहत भी हुई थी। इस वाकये के बाद अरशद वारसी (Arshad Warsi) को अपना ट्वीट हटाना पड़ गया था। अब लोगों ने एक ऐसा वीडियो निकाल खोजा है जिसकी बदौलत लोग कह रहे हैं कि बॉबी देओल के पास इस जंग का समाधान है।
    रूस और यूक्रेन के बीच हो रही लड़ाई की रूह कंपा देने वाली तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। इसी के साथ लोग सोशल मीडिया पर कई मीम्स भी शेयर कर रहे हैं और उनकी काफी आलोचना भी की जा रही है। ट्विटर पर बॉबी देओल के फैन पेज से इस वीडियो को शेयर किया गया है जिसे लोग अब लगातार रीट्वीट कर रहे हैं। वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया है, ‘यह उस समय का वीडियो है जब बॉबी ने अकेले ही रूसी आर्मी को हैंडल कर लिया था।’
    बता दें कि वायरल हो रही ये क्लिप बॉबी देओल की फिल्म प्लेयर का है। साल 2012 में रिलीज हुई ये फिल्म कुछ खास कमाल तो नहीं कर पाई थी लेकिन अब इसकी खूब चर्चा हो रही है। एक यूजर ने तो इस क्लिप को देखते ही बॉबी को जादूगर बता दिया है। वहीं एक दूसरे यूजर ने मस्ती भरे अंदाज में लिखा है, ‘मुझे मेरे सूत्रों से पता चला है कि यूक्रेन इस समय बॉबी से बातचीत कर रहा है।’

  • योगी सरकार की तारीफ कर राजा भैया ने अखिलेश यादव को दिया जवाब, कहा- जब्त होगी जमानत

    योगी सरकार की तारीफ कर राजा भैया ने अखिलेश यादव को दिया जवाब, कहा- जब्त होगी जमानत

    द न्यूज 15 

    कुंडा। उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण की वोटिंग से पहले निर्दलीय विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रमुख रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने योगी सरकार के कामकाज की तारीफ की है। उन्होंने योगी सरकार के कामकाज को पिछली सरकारों से बेहतर बताया है। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से गुरुवार को कुंडा में प्रचार और राजा भैया पर निशाना साधे जाने के बाद रघुराज प्रताप सिंह ने कहा कि एक बार फिर उनके विरोधियों की जमानत जब्त हो जाएगी।
    राजा भैया ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि सड़क, बिजली आदि के माले में मौजूदा सरकार ने पिछली सरकारों से बेहतर काम किया है। राजा भैया ने कहा, ”जहां तक सड़कों के निर्माण, बिजली कनेक्शन देने और नहर की खुदाई आदि की बात है, योगी सरकार ने पिछली सरकारों से बेहतर काम किया है।” करीब दो दशक बाद समाजवादी पार्टी ने राजा भैया के खिलाफ उम्मीदवार उतारा है। सपा ने गुलशन यादव को कुंडा से चुनाव लड़ाया है।
    कुंडा में जीत के लिए राजनीतिक दलों में प्रतिद्वंद्विता को लेकर राजा भैया ने कहा, ”जिस तरह पहले उम्मीदवारों ने अपनी जमानत गंवाई है, इस बार भी वही अंजाम होगा। 18 सीटों पर चुनाव लड़ रहे जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को लेकर राजा भैया ने कहा, ”विधानसभा में 25 साल बिताने के बाद मैंने जनता की मांग पर यह पार्टी बनाई है। हमारे मुख्य उद्देश्यों में किसानों और स्टूडेंट्स की बेहतरी शामिल है।” कुंडा से बीजेपी ने शिव प्रकाश मिश्रा सेनानी की पत्नी सिंधुजा मिश्रा को टिकट दिया है तो बीएसपी ने मोहम्मद फहीम को उतारा है।
    उत्तर प्रदेश में चार चरणों की वोटिंग संपन्न हो चुकी है। पांचवें, छठे और सातवें चरण की वोटिंग 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को होगी। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी।
  • हिजाब विवाद के बीच बेंगलुरु के एक कॉलेज ने सिख लड़कियों से कहा, पगड़ी न पहनें

    हिजाब विवाद के बीच बेंगलुरु के एक कॉलेज ने सिख लड़कियों से कहा, पगड़ी न पहनें

    द न्यूज 15 

    बेंगलुरु। कर्नाटक में हिजाब विवाद से जुड़ एक और विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद राज्य के एक कॉलेज ने अमृतधारी सिख लड़की को पगड़ी हटाने के लिए कहा है। मालूम हो कि हाई कोर्ट ने अपने हालिया अंतरिम आदेश में हिजाब विवाद से संबंधित सभी याचिकाओं पर निर्णय होने तक राज्य के सभी छात्रों के कक्षा के भीतर भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब और किसी भी धार्मिक पहचान को धारण करने पर रोक लगायी है।
    कॉलेज के अधिकारियों ने कहा कि 16 फरवरी को जब दोबारा शैक्षणिक संस्थान खुले तो उन्होंने छात्रों को अदालत के आदेश के बारे में सूचित किया। हालांकि, पूर्व-विश्वविद्यालय शिक्षा उप निदेशक ने इस सप्ताह के शुरुआत में कॉलेज के अपने दौरे के दौरान, हिजाब में कॉलेज आयी लड़कियों के एक समूह को अदालत के आदेश के बारे में सूचित किया और उनसे इसका पालन करने के लिए कहा। इन लड़कियों ने मांग की कि सिख समुदाय समेत किसी भी धर्म की लड़की को धार्मिक चिह्न धारण करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
    इसके बाद कॉलेज ने सिख लड़की के पिता से संपर्क किया और उन्हें अदालत के आदेश और उसका पालन करने की आवश्यकता के बारे में बताया। सूत्रों के अनुसार, लड़की के परिवार का कहना है कि उनकी बेटी पगड़ी नहीं हटायेगी और वे कानूनी राय ले रहे हैं, क्योंकि हाईकोर्ट और सरकार के आदेश में सिख पगड़ी का उल्लेख नहीं है।
    हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी CFI की जानकारी : हिजाब विवाद में कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) की भूमिका के बारे में पूरी जानकारी मांगी है। हाई कोर्ट ने यह आदेश तब दिया है जब कि वरिष्ठ वकील एसएस नागानंद ने सरकारी कॉलेज की तरफ से कोर्ट में कहा कि हिजाब का यह प्रकरण  सीएफआई से जुड़ी कुछ छात्राओं ने शुरू किया था। ऐडवोकेट जनरल ने कहा है कि सीएफआई के बारे में सेरी जानकारी लिफाफे में कैद है और जल्द ही कोर्ट को सौंप दी जाएगी। बता दें कि कॉलेज के प्रिंसिपल से हिजाब पहनकर क्लास अटेंड करने की इजाजत मांगने के बाद 6 लड़कियां सीएफआई की एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में शामिल हुई थी जो कि उडुपी में आयोजित की गई थी। कॉलेज के प्रिंसिपल की तरफ से पेश वकील ने कहा कि लड़कियों ने कॉलेज कैंपस में हिजाब पहन रखा था लेकिन क्लास में जाकर इसे उतार दिया था। कॉलेज के वकील ने कहा, ‘इंस्टिट्यूट में हिजाब पहनने या न पहनने को लेकर कोई नियम नहीं बनाया गया था लेकिन पिछले 35 साल से कोई क्लास में हिजाब नहीं पहन रहा था। इसके लिए जिन छात्राओं ने मांग की है उनका संबंध बाहर के किसी संगठन से है और उनके कहने पर ही ऐसा किया गया है।’