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Atal Bihari Vajpayee: अटल के 7 अटल फैसले जिसने दिखाई भारत को प्रगतिशील राह

Atal Bihari Vajpayee

भारत रत्न, अपने अटल फैसलों के लिए प्रसिद्ध अटल बिहारी वाजपाई(Atal Bihari Vajpayee) की आज है 98वीं जयंती । वाजपाई का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर, मध्यप्रदेश में हुआ था । इस दिन को वाजपेयी के सम्मान में 2014 से ही सुशासन दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है ।

अटल बिहारी वाजपाई एक एसे नेता रहे, जिनके भाषण सुनते ही पक्ष के साथ – साथ विपक्ष के नेता भी ताली बजाने से खुद को नहीं रोक पाते थे । तीन बार प्रधानमंत्री रहे, भारतीय राजनीतिज्ञ अटल जी का कार्यकाल चर्चाओं का विषय बना रहा । उनके कार्यकाल में उन्होंने आलोचनाओं का सामना तो किया ही, लेकिन बहुत से एसे फैसले भी लिए जिसने देश को प्रगती की राह दिखाई । तो आज हम, सुशासन दिवस के अवसर पर लाए हैं अटल बिहारी वाजपाई के 10 अटल फैसले जिसने दिखई भारत को प्रगतिशील राह –

1. पोखरण में न्यूक्लियर टेस्ट-

साल 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के बतौर प्रधानमंत्री रहते हुए, भारत ने 11 मई और 13 मई को राजस्थान के पोखरण में सक्सेसफुल न्यूक्लियर टेस्ट कर, दुनिया को भारत के न्यूक्लियर पावर की ताकत दिखाई । 1998 वाला न्यूक्लियर टेस्ट भारत का दूसरा न्यूक्लियर टेस्ट है, इससे पहले 1974 में भी भारत ने न्यूक्लियर टेस्ट किया था, लेकिन वो फेल हो गया था । 1998 के टेस्ट पर CIA जो कि अमेरिका की इंटेलिजेंस एजेंसी है उसकी नजर थी, अमरिकी सैटेलाइट को चकमा देते हुए भारत ने सफल परमाणु परीक्षण किया। इस परीक्षण के बाद भारत पर बहुत से पश्चिमी देशों ने आर्थिक प्रतिबन्ध भी लगाय था।

2. पोटा एक्ट (आतंकवाद निवारण अधिनियम, 2002) को लागू किया गया –

साल 2001, जब आतंकवाद अपनी चरम सीमा पर था, जहां 9 सीतांबर को अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड टावर पर आतंकियों ने हमला किया था, या 13 दिसंबर को भारत के पार्लियामेंट पर 5 आतंकियों ने हमला कर दिया था उस वक्त देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर एक ऐसे कानून की मांग उठने लगी जो संरचनात्मक रूप से काफी मजबूत हो। तबी अटल सरकार टाडा के मुकेबल, पोटा जैसा साख्त कानून लायी। क्या कानून के तह सिर्फ 2 साल के अंदर ही 800 लोगो को जेल भेज दिया गया था, वहीं करीब 4 हजार लोगो पर एफआईआर लिखी गई थी। हलकी इस कानून को 2004 में आई यूपीए सरकार ने रद्द कर दिया था।

3. दूरसंचार क्रांति –

राजीव गांधी या सैम पित्रोदा, भारत में डिजिटल संचार क्रांति लाए, लेकिन इसको पहली बार हर घर तक पहुंचने वाली अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार रही। अटल सरकार ने साल 1999 में बीएसएनएल के अधिकार को अंत करते हुए नई दूरसंचार नीति को शुरू किया था।

4. 2001 का सर्व शिक्षा अभियान –

प्राथमिक शिक्षा के परिवर्तन के लिए वर्ष 2000-2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का अभियान शुरू किया। इस कैंपेन के चलते बीच में पढाई कॉर्ड देने वाले बच्चों की सांख्य में कामी आई है। जहां 2000 तक 40% बचे ड्रॉपआउट होते वहीं साल 2005 आते आते उनके नंबर 10% तक के पास पहुंच गए। और तो और इस स्कीम को प्रमोट करने वाली थीम लाइन ‘स्कूल चले हम’ को अटल जी ने खुद ही लिखा था।

5. 1999 कारगिल युद्ध में वायु सेना को मैदान में उतार कर, सेना के पराक्रम के साथ भारत ने युद्ध जीता –

पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने के खातिर अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में दिल्ली लाहौर बस सर्विस की शुरुआत की थी, इसके बाद वो खुद बस से लाहौर गए या लाहौर में मीनार-ए-पाकिस्तान भी गए लेकिन इन सब के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकत से बाज नहीं आया। लाहौर यादों के तूरंत बाद ही पाकिस्तानी सैनिकों ने कारगिल में भारतीय सीमा में घुसपैठ की, नटीजन भारत पाकिस्तान युद्ध चिद्द गया। 1999 कारगिल युद्ध 2 महीने तक चला या इस युद्ध में भारत के 527 सैनिक शहीद हुए थे।

6. निजीकरण का प्रचार, विनिवेश की शुरुआत-

अटल बिहार की सरकार ने साल 1999 में विजाग मंत्रालय के तौर पर एक अलग मंत्रालय का गठन किया था। मंत्रलय के पहले मंत्री अरुण शौरी बनाए गए। शौरी ने टैग जी के नेतृत्व में भारत झलक कंपनी यानी बाल्को, हिंदुस्तान जीता, इंडियन पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड और विदेश संचार निगम लिमिटेड जैसी सरकारी प्राधिकरण को बेचने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसी के साथ साथ देश में ऐसा पहली बार हुआ था कि, भारतीय बीमा साथियों के लिए विदेशी निवेश के दरवाजे खुले। अटल सरकार ने बीमा उद्यम में विदेशी निवेश की बार को 26% तक किया था।

7. मिशन चंद्रयान की शुरुआत-

अटल बिहारी वाजपेयी ने न केवल, आर्थिक, सामाजिक मुद्दों पर काम किया, बाल्की अनहोने देश को वैज्ञानिक प्रगति के ऊर भी ले जाने के लिए काम किया। मिशन चंद्रयान की घोषणा, अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत के 56वीं स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से की थी। जिसके बाद चंद्रयान 1 भारत का पहला चंद्र मिशन बना जिसे 22 अक्टूबर 2008 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था।

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