गुरुद्वारा साहिब में हुए नतमस्तक
करनाल, (विसु)। भारत में हर साल 26 दिसंबर को वीर बल दिवस मनाया जाता है। यह दिन गुरु गोविंद सिंह जी के चार बेटों, खास तौर पर छोटे साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की असीम बहादुरी और बलिदान को समर्पित है। शहादत के समय जोरावर की उम्र सिर्फ 9 साल थी, जबकि फतेह की उम्र सिर्फ 6 साल थी।
आज वीर बाल दिवस के अवसर पर असंध विधायक योगेन्द्र राणा ने गांव मुनक गुरुद्वारा साहब में मत्था टेक चार साहिबजादों को पुष्पांजली अर्पित की व चारों साहिबजादों और माता गुजरी जी के बलिदान को कोटि-कोटि नमन।
इस मौके पर उन्होंने बताया कि श्री गुरु गोविंद सिंह के चार बेटे अजीत सिंह, जूझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह थे। उनके छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने इस्लाम धर्म कबूल करने से इनकार कर दिया था। मुगल शासक सरहिंद के नवाब वजीर खान ने उन्हें दीवार में जिंदा चुनवा दिया था। उनके त्याग, बलिदान और देश प्रेम के अनूठे बलिदान स्वरूप की शहादत को प्रत्येक बच्चे को अवगत कराने के लिए वीर बाल दिवस 26 दिसंबर को याद किया जाता है।
इस अवसर पर उनके साथ
जिला परिषद् चेयरमैन प्रतिनिधि सोहन सिंह राणा, बल्ला मंडल अध्यक्ष अमित राणा, मुनक ब्लॉक समिति वाईस चेयरमैन अजय कुमार, एस.सी. मोर्चा जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश प्रवीन मुनक, बल्ला मंडल महामंत्री जोगेन्द्र पांचाल, अजय सरपंच, सुरेन्द्र कश्यप, बाबा धूनी दास, जसापाल, कंवरपाल राणा, राजकिसन सटोंड़ी मौजूद रहे।