नींद से जागे अन्ना हजारे, बीजेपी के लिए विपक्ष के पड़े पीछे!

0
59
Spread the love

चरण सिंह

प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे की लंबे समय बाद नींद खुल गई है। उनको लगने लगा है कि देश में कुछ गलत हो रहा है। यही वजह रही कि उन्होंने बीजेपी के पक्ष में एक बयान जारी कर दिया कि जिन नेताओं के पीछे ईडी पड़ी हुई है, उनको वोट नहीं देना। देश को बचाना है। अन्ना हजारे विपक्ष को हराना चाहते हैं। उन्होंने केजरीवाल पर लगे कथित शराब घोटाले में भी केजरीवाल को घेरा है। उन्होंने कहा कि यह केजरीवाल की शराब की लत है कि उन्होंने यह अपराध किया। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या अन्ना हजारे को मोदी सरकार में कोई कमी नहीं दिखाई दे रही है। मोदी देश बचाने के लिए किसे वोट देने की अपील कर रहे हैं ?
दरअसल अन्ना हजारे वास्तव में भाजपा के लिए काम करते रहे हैं। क्या यूपीए सरकार के खिलाफ हुआ अन्ना आंदोलन आरएसएस और बीजेपी की शह पर हुआ था ? यदि नहीं तो फिर अन्ना हजारे को मोदी सरकार में कोई कमी नहीं नहीं दिखाई दी ? क्या किसान आंदोलन में अन्ना हजारे को जनता की याद नहीं आई ? क्या मोदी राज में अन्ना हजारे को कोई भ्रष्टाचार नहीं दिखाई दिया। आंदोलन तो छोड़ दीजिए, अन्ना हजारे का एक भी बयान मोदी सरकार के खिलाफ नहीं है। उल्टे जब किसान आंदोलन में अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर किसानों के पक्ष में अनशन पर जाने की बात कही तो प्रधानमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस को उनके पास भेजकर उन्हें शांत करा दिया। ऐसे में प्रश्न उठता है कि आखिर अन्ना हजारे की मोदी ने क्या कमजोरी पकड़ रखी है कि वे उनकी कठपुतली बने हुए हैं। अन्ना हजारे कह रहे हैं कि जिन लोगों के पीछे ईडी लगी है उनको वोट नहीं देना। मतलब ईडी तो पूरे विपक्ष के पीछे पड़ी है। तो अन्ना हजारे ने पूरे विपक्ष के खिलाफ यह बयान दिया है। अन्ना हजारे पूरे विपक्ष को वोट न देने की अपील कर रहे हैं। तो फिर अन्ना हजारे किसे वोट दिलवाना चाहते हैं। अन्ना हजारे क्या बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करने लगे हैं।
दरअसल जब अन्ना हजारे की अगुआई में २०११ में जन लोकपाल के गठन को लेकर दिल्ली जंतर मंतर और रामलीला मैदान में आंदोलन हुआ तो देश में राजनीति करने के लिए एक स्वच्छ माहौल बना था। लगने लगा था कि अब आम आदमी भी राजनीति कर सकेगा। देश को स्वच्छ औहर साफ सुथरी राजनीति मिलेगी। पहले चरण में अरविंद केजरीवाल ने कुछ किया भी ऐसा ही। उन्होंने कई आम लोगों को टिकट दिया। जिनमें राखी बिड़ला और कुलदीप कुमार का नाम मुख्य रूप से उभरकर कर सामने आया। लेकिन कुछ दिनों बाद ही जब आप पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई तो केजरीवाल अपना रंग बदलने लगे।
जब कुमार विश्वास और आषुतोष को राज्यसभा भेजने का नंबर आया तो अरविंद केजरीवाल ने स्वजातीय बंधुओं को जेल भेज दिया। तब केजरीवाल पर आरोप लगा था कि उन्होंने पैसे लेकर दो बनियो को राज्यसभा भेज भेजा है। मतलब केजरीवाल के काम में असलियत कम और ड्रामा ज्यादा होता है। अब देखना यह होगा कि अन्ना हजारे के इस बयान का लोकसभा चुनाव में कितना असर पड़ता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here