Noida News : जिला पंचायत अध्यक्ष अमित चौधरी चिपियाना में गोद भराई कार्यक्रम में हुए शरीक, गर्भवती को पोषण टोकरी भेंट की
नोएडा । राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत मंगलवार को जनपद गौतमबुद्ध नगर में जिला पंचायत अध्यक्ष अमित चौधरी ने गोद लिए गांव चिपियाना का भ्रमण किया। चिपियाना के एक आंगनबाड़ी केंद्र में आयोजित गोद भराई कार्यक्रम में प्रतिभाग कर उन्होंने उपस्थित आठ गर्भवती महिलाओं को पोषण टोकरी भेंट कर उन्हें शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए अमित चौधरी ने कहा- महिलाएं अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही समस्त जनकल्याण योजना का लाभ सीधे जनता को प्राप्त हो रहा है। उन्होंने गांव चिपियाना में संचालित आठ आंगनबाड़ी केंद्रों को यथासंभव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन कार्यक्रम में उपस्थित जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी को दिया। कार्यक्रम में धरमजीत,अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत भी उपस्थित थे। गौरतलब है कि जिला पंचायत अध्यक्ष अमित चौधरी ने गांव चिपियाना में संचालित आठ आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लिया हुआ है। आंगनबाड़ी केन्द्रों की आधारभूत संरचना में सुधार कर वहां आने वाली दिक्कतों को दूर करने और शाला पूर्व शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए कई आंगनबाड़ी केन्द्र जनप्रतिनिधियों ने गोद लिये हुए हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी ने बताया- जनपद के समस्त 1108 आंगनबाड़ी केंद्रों पर मंगलवार को गोद भराई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जनपद के विभिन्न गांवों तथा मालिन बस्तियों में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत कुल 2100 गर्भवती महिलाओं की गोदभराई विभिन्न जनप्रतिनिधियों तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने संपन्न करायी। उन्होंने बताया-गोद भराई के माध्यम से समाज में यह संदेश देने का प्रयास किया जाता है कि गर्भावस्था के दौरान किस प्रकार गर्भवती को उचित तथा संतुलित खानपान एवं दिनचर्या रखनी चाहिए, जिससे वह एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सके। मां स्वस्थ होगी तभी स्वस्थ शिशु पैदा होगा।
उन्होंने बताया- गोद भराई कार्यक्रम के तहत सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गर्भावस्था के दौरान खान-पान के बारे में चर्चा की गई। गर्भवती के वज़न बढ़ाने को लेकर हुई चर्चा में बताया गया कि गर्भावस्था के दौरान महिला का वज़न नौ से 11 किलोग्राम बढ़ना चाहिए। यदि महिला कुपोषित है तो वज़न और अधिक ध्यान देना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान समय से जांच कराने, आयरन की गोली का नियमित प्रयोग करने की सलाह दी गयी। इस दौरान विशेष रूप से बताया गया कि प्रसव के एक घंटे के अन्दर पीला गाढ़ा दूध नवजात को जरूर पिलाएं। मां का दूध बच्चे के लिए टीके के समान होता है और यह बच्चे को तमाम बीमारियों से प्रतिरक्षित करता है। शिशु को छह माह तक केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए। इसके अलावा कुछ नहीं यहां तक कि छह माह तक पानी भी नहीं देना चाहिए। मां के दूध में पर्याप्त मात्रा में पानी होता है। सभी गर्भवती को संस्थागत प्रसव कराने की सलाह दी गई। उन्हें बताया गया संस्थागत प्रसव सबसे सुरक्षित होता है। इसमें जच्चा बच्चा की जान का जोखिम न के बराबर होता है।