ये आदमी के स्वाभिमान और जमीर पर पैसे का हावी होना ही है कि जो पाकिस्तान भूखा नंगा देश है वह हमारे देश के लोगों से जासूसी करा रहा है। देश और समाज की स्थिति क्या है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कि लालच के वशीभूत काफी आदमी कुछ भी करने को तैयार हो जा रहे हैं। इसमें नेता और ब्यूरोक्रेट्स और हर तबके के लोग शामिल हैं। बड़ी चिंता की बात तो यह है कि पाकिस्तान की जासूसी के आरोप में एक सीआरपीएफ का जवान भी गिरफ्तार किया गया है।
दरअसल राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान मोती राम जाट को को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है। उन पर 2023 से पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारी साझा करने का आरोप है। NIA के अनुसार, मोती राम को विभिन्न चैनलों के माध्यम से पाकिस्तानी अधिकारियों से धन प्राप्त हो रहा था। उसे दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने 6 जून तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हाल ही में पाकिस्तान से जुड़े जासूसी नेटवर्क के सिलसिले में कई अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है। इसी महीने हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में कम से कम 12 लोगों को जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया गया है।
ज्योति मल्होत्रा: एक यूट्यूबर, जिनके यूट्यूब चैनल और इंस्टाग्राम पर क्रमशः 3.77 लाख और 1.33 लाख फॉलोअर्स हैं। ज्योति मल्होत्रा को 16 मई को हरियाणा में ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट और भारतीय न्याय संहिता के तहत गिरफ्तार किया गया है। वह कथित तौर पर नवंबर 2023 से पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थीं, जिसे 13 मई को भारत से निष्कासित कर दिया गया है।
गुजाला को पंजाब से गिरफ्तार किया गया है, जो कथित तौर पर दानिश के संपर्क में थीं। अन्य कई लोगों को NIA ने हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक भारतीय वायुसेना का कॉर्पोरल और पालम वायुसेना बेस और दिल्ली के CGO कॉम्प्लेक्स जैसे संवेदनशील रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े लोग भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, NIA ने फरवरी में विशाखापत्तनम में पाकिस्तानी ISI से जुड़े जासूसी मामले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था।
वेथन लक्ष्मण तंडेल और अक्षय रवि नाइक को उत्तर कन्नड़, कर्नाटक से गिरफ्तार किया गया है ।
अभिलाष पी.ए.को कोच्चि केरल से गिरफ्तार किया गया है। ये सभी कथित तौर पर सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के संपर्क में थे और करवार और कोच्चि नौसैनिक अड्डों से संवेदनशील जानकारी साझा कर रहे थे।
NIA की जांच में पता चला है कि ये जासूसी गतिविधियां पाकिस्तान समर्थित नेटवर्क का हिस्सा हैं, जो हनीट्रैप, डिजिटल घुसपैठ और जबरदस्ती जैसे तरीकों का उपयोग कर भारतीय रक्षा कर्मियों को निशाना बनाते हैं। जांच अभी भी जारी है और NIA अन्य संभावित सहयोगियों और प्रभावित जानकारी की सीमा का पता लगाने के लिए अपनी जांच का विस्तार कर रही है।