पत्नी के साथ ही माता-पिता को भी मिल सकेगी शहादत होने पर जवान की पेंशन 

रक्षा मंत्रालय ने संसद में दी जवान के शहीद होने पर उसके परिवार को मिलने वाली पेंशन की जानकारी

नई दिल्ली। जवान के शहीद हो जाने पर उसको मिलने वाली पेंशन उसकी पत्नी के साथ ही माता-पिता को भी मिलने की व्यवस्था कर रही है। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को संसद को बताया कि वह सेना में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए जवानों की फैमिली पेंशन को पत्नी और माता-पिता के बीच बांटने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि पत्नी और माता-पिता के बीच फैमिली पेंशन बांटने का प्रस्ताव मिला है, जिस पर विचार किया जा रहा है। दरअसल देखा गया है कि कम उम्र में जवान के शहीद हो जाने के बाद उसकी पत्नी दूसरी शादी कर लेती है या फिर परिवार से अलग होकर रहने लगती है तो फिर माता-पिता को बेटे की पेंशन का कोई फायदा नहीं हो पाता है। या फिर उनके गुजारे में दिक्कत आने लगती है। ऐसे में इस व्यवस्था से माता पिता का गुजारा हो सकेगा।

अभी प्रावधान क्या है?

कांग्रेस सदस्य इमरान मसूद के सवाल का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि शहीद सैनिकों के माता-पिता ने आर्थिक मदद के लिए कानून में संशोधन की मांग की है। पता चला है कि सेना ने भी इस मुद्दे पर रक्षा मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है। फिलहाल, सामान्य फैमिली पेंशन केवल उस सैनिक, वायु सैनिक या नाविक की पत्नी को दी जाती है जो सेवा के दौरान शहीद हो जाता है। केवल अविवाहित जवानों के मामले में ही यह उनके माता-पिता को दिया जाता है।

किन मामलों के बाद सरकर उठा रही कदम

वहीं, ग्रेच्युटी, बीमा, प्रॉविडेंट फंड और एक्स ग्रेशिया की रकम शहीद जवान के नॉमिनेशन या वसीयत के हिसाब से दी जाती है। वह अपनी इच्छा के अनुसार इसे अपनी पत्नी, माता-पिता, बच्चों या अन्य लोगों में बांट सकता है। पेंशन बंटवारे का मुद्दा एक बार फिर उस समय सामने आया है, जब पिछले कुछ दिनों में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए सैनिकों के माता-पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बहुओं को सारी आर्थिक मदद मिल गई। ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां विधवाओं को उनके घरों से निकाल दिया गया या परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति से शादी करने के लिए मजबूर किया गया।

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