द न्यूज 15
नई दिल्ली। यूपी चुनाव के वक्त कई दिलचस्प तो कुछ हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. कई अधिकारी वीआरएस लेकर चुनावी मैदान में ताल ठोकने की तैयार कर रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से सेवनिवृत्ति हुए राजेश्वर सिंह ने भी वीआरएस लेकर चुनावी ताल ठोकने का ऐलान कर दिया है. इसी बीच मेरठ के वन विभाग के एक अधिकारी का भी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में वन विभाग के अधिकारी अजित भड़ाना भरी सभा में कह रहे हैं कि बीजेपी वालों ने मेरा खून पी रखा है। भाजपा नेता अशोक कटारिया का फोन आया, पूछा कहां हो। बताया ड्यूटी पर हूं, पूछा वोट किसे कर रहे हो। मैंने कहा कि आपके विधायक गाली देते हैं, उनकी गाली सुनें और वोट भी दें। अजित भड़ाना आगे कहते हैं कि कभी दिनेश खटीक, कभी संगीत सोम का फोन आता है, धमकाते हैं। परेशान हो गया हूं मैं। इसलिए त्यागपत्र दे रहा हूं। अपने विभाग को भी पत्र भेज दिया है।
अजित भड़ाना ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए आगे कहा कि गुर्जरों के लिए बीजेपी का शासन बहुत खराब है। सरकारी नौकरी मिलनी मुश्किल है और ये बीजेपी वाले नौकरी छीन रहे हैं, बताओ मैं क्या करुं। वन विभाग के दरोगा अजित भड़ाना का वीडियो शेयर करते हुए पत्रकार प्रशांत शुक्ला ने लिखा कि मेरठ में वन विभाग के दरोगा अजित भड़ाना ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि भाजपा वालों ने खून पी रखा है। मंत्री और विधायक धमकाते हैं। UP के मेरठ में वन विभाग के दरोगा अजित भड़ाना ने सपा-रालोद की सभा में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं अजित भड़ाना के चुनावी सभा में इस्तीफा देने पर मेरठ के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा है कि वन विभाग का दरोगा है, इसका यूपी पुलिस से कोई लेना देना नहीं है। वन विभाग अधिकारी इस मामले में संज्ञान ले सकते हैं।मिली जानकारी के अनुसार डीएफओ ने वन दरोगा अजित भड़ाना को नोटिस जारी करते हुए तलब कर लिया है। अजित भड़ाना बुलंदशहर के सदर वन रेंज में तैनात थे। डीएफओ ने पूरे मामले में जांच बैठाते हुए उच्चाधिकारियों को सूचना भी दे दी है। हालांकि दरोगा अजीत भड़ाना राजनीति में नए नहीं है। उनकी पत्नी 2 बार जिला पंचायत सदस्य रहीं हैं।