
नई दिल्ली। हमारी सेना का कोई जवाब नहीं है। हमें अपनी सेना के पराक्रम गर्व है। भले ही नेता ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय लेते घूम रहे हों पर सेना ने जिस जज्बे के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिए वह काबिले तारीफ है। दरअसल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के तीनों प्रमुख, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह, और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी वॉर रूम में मौजूद थे। ऑपरेशन की लाइव मॉनिटरिंग कर रहे थे। यह ऑपरेशन 6-7 मई 2025 की रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच हुआ, जिसका उद्देश्य 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देना था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।
वॉर रूम में तीनों सेना प्रमुखों ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर सटीक हमलों का समन्वय किया। ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय शामिल थे। यह कार्रवाई भारतीय धरती से मिसाइलों और ड्रोन्स के जरिए की गई, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए।
तस्वीरें जो 17 दिन बाद 26 मई 2025 को सामने आईं, दिखाती हैं कि सेना प्रमुख कंट्रोल रूम में हर गतिविधि पर नजर रख रहे थे, जिससे ऑपरेशन की सटीकता और सफलता सुनिश्चित हुई। रक्षा मंत्रालय ने इस ऑपरेशन को तीनों सेनाओं के बीच अभूतपूर्व तालमेल का उदाहरण बताया।