चरण सिंह
क्या अखिलेश यादव को वास्तव में पुराने समाजवादियों के सम्मान की इतनी चिंता है ? क्या अखिलेश यादव इन समाजवादियों के बताये रास्ते पर चल रहे हैं ? यदि आम आदमी से प्रश्न किया जाए तो जवाब यही आएगा कि अखिलेश यादव समाजवाद नहीं बल्कि परिवारवाद और वंशवाद की राजनीति कर रहे हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि अखिलेश यादव जेपी के सम्मान के लिए इतना हाय तौबा कर रहे हैं तो फिर उनके विचार क्यों नहीं आत्मसात करते ? क्या बंगलों में बैठकर बयानबाजी करना जेपी का समाजवाद था ? ऐसे में प्रश्न यह भी उठता है कि तो क्या योगी सरकार लोकनायक जयप्रकाश की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं करने देगी ? कुछ भी हो जेपी की प्रतिमा को इस तरह से ढक कर रखना दुर्भाग्यपूर्ण है। जहां तक अखिलेश यादव की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से समर्थन वापस लेने की अपील की बात है तो नीतीश कुमार क्या जेपी के किसी भी शिष्य को इससे कोई मतलब नहीं कि उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने नहीं दिया गया। ये जितने भी जेपी के शिष्य हैं सब के सब मात्र औपचारिकता निभाते हैं। जेपी के विचारों से किसी का कोई लेना देना नहीं।
जयप्रकाश नारायण ने तो जाति तोड़ो अभियान चलाया था पर जेपी के शिष्यों को तो जातिवाद के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता है। अखिलेश यादव को जयंती पर जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने की तो बहुत चिंता थी पर किसान-मजदूर के साथ ही किसी भी वर्ग की समस्या को लेकर अखिलेश ने कोई बड़ा आंदोलन नहीं किया। यहां तक कि अपने कद्दावर नेता आजम खां के पक्ष में भी सड़कों पर न उतर सके। यही वजह रही कि जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि अखिलेश यादव तो परिवारवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। दरअसल समाजवादी होने का दंभ भरने वाले आज के ये नेता आरोप प्रत्यारोप में उलझे हुए हैं। इसी का फायदा भाजपा उठा रही है।
मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव, रामविलास पासवान, नीतीश कुमार जैसे कई नेता तो जेपी आंदोलन की ही देन है। इन नेताओं आखिरकार जेपी की विचारधारा को लेकर क्या किया ? जेपी तो जिंदगी भर सड़क की राजनीति करते रहे और ये नेता बंगलो में बैठकर बयानबाजी करने के अलावा कुछ करने को तैयार नहीं। अखिलेश यादव माल्यार्पण को लेकर तो इतना बवाल मचा रहे हैं पर गैर बराबरी पर कितना काम कर रहे हैं ? अखिलेश यादव बताएंगे कि जब मायावती की सरकार हुआ करती थी और नेताजी विपक्ष में बैठते थे तो सपा कार्यकर्ता रोज सड़कों पर रहते थे योगी आदित्यनाथ का दूसरा कार्यकाल चल रहा है सपा ने कितने आंदोलन किये ये हैं ?