चरण सिंह
लोकसभा में 36 सीटकर उत्साह से लबरेज अखिलेश याादव ने अपने एक्स हैंडिल पर पोस्ट की है कि 2027 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी। लगातार विपक्ष की भूमिका में आंदोलन से दूर रहने वाले अखिलेश यादव को मंथन करना चाहिए कि ऐसे उन्होंने क्या काम किये हैं कि लोगों ने उनको वोट दिया। अखिलेश यादव को समझ लेना चाहिए कि यह उनकी जीत नहीं है यह बीजेपी की हार और जनता की जीत है। वैसे भी अखिलेश यादव तो सांसद बन चुके हैं उनको अपने संसदीय क्षेत्र में बनी ध्यान देना होगा और लोकसभा में भी। भाजपा जो जनता की भावनाओं की कद्र नहीं कर रही थी। कितने लोगों ने बीजेपी के खिलाफ आवाज उठाई पर भाजपा के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। योगी आदित्यनाथ ने किसी को आंदोलन करने ही नहीं दिया। आंदोलनकारियों तक को बुल्डोजर से डराया गया।
भाजपा का मतलब नरेंद्र मोदी और अमित शाह या फिर योगी आदित्यनाथ। अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवानों ने तत्कालीन कुश्ती फेडरेशन की अध्यक्ष और उस समय के भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाये। देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए। दिल्ली जंतर मंतर पर तो लंबा आंदोलन चला पर बीजेपी ने अपने सांसद तक नहीं छेड़ा। लखीमपुर खीरी में तत्कालीन केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टेनी ने किसानों को देख लेने की धमकी दी। उसके बेटे विकास ने अपनी गाड़ी से कुचलकर किसानों की हत्या कर दी। किसानों को मारने वाली वीडियो देशभर में वायरल हुई पर भाजपा नेतृत्व ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
भाजपा के केंद्रीय राज्यमंत्री रहे राजकोट से प्रत्याशी पुरुषोत्तम रुपाला ने राजपूतों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। देशभक्त होने को दंभ करने वाले भाजपा के नेताओं की गैरत नहीं जागी। राजपूतों की नाराजगी और पंचायतें भाजपा को दिखाई नहीं दी। योगी आदित्यनाथ की टिकट बंटवारे में न चलने की चर्चा राजनीतिक हलकों में होती रही पर भाजपा नेतृत्व अपने में मस्त रहा। प्रधानमंत्री इस गलतफहमी में रही कि उन्होंने जो आनन फानन में राम मंदिर का लोकार्पण किया है उससे देश से वोट उनके पक्ष में बरसेगा। कांग्रेस के घोषणापत्र का प्रचार-प्रसार भी बीजेपी की हार का बड़ा कारण रहा। मतलब मोदी सरकार और योगी सरकार से लोगों की नाराजगी से बीजेपी हारी और सपा जीती। अखिलेश यादव को यह समझना चाहिए कि भाजपा अब इस नाराजगी को दूर करने में ही लगेगा। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ लेते ही किसान सम्मान निधि की फाइल को पास किया। 20000 करोड़ रुपये किसानों के लिए जारी किये रहे हैं। ऐसे ही उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ युद्ध स्तर पर काम करेंगे। इंडिया गठबंधन के संविधान बदलने और आरक्षण हटाने की चर्चा ने चुनाव को हराने में बहुत बड़ा योगदान दिया।