Agneepath Scheme Protest : कौन है हिंसात्मक आंदोलन के पीछे ?
देशभर में Agneepath Scheme Protest चल रहा है। केंद्र सरकार इस योजना की अच्छाई गिना रही है। वजह कुछ भी हो, जिस तरह से ट्रेनें जलाई जा रही हैं, लोग परेशान हो रहे हैं इसे देश के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता है। आइये हम बताते हैं कि ये हालात कैसे बने और इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं ? इस हिंसात्मक आंदोलन का देश और समाज पर क्या असर पड़ेगा।
दरअसल हमारा देश ऋषियों-मुनियों का देश रहा है, जहां सभ्यताएं, संस्कृति, परम्पराएं अपने वर्चस्व से सम्पूर्ण विश्व को आकर्षित करती रहीं हैं। इस सत्य को हम सभी जानते हैं। भारत सदियों पहले भी भाषा, बोली, धर्म, जाति, समुदाय का अद्भुत संगम रहा है। साथ ही सदियों से देश के भीतर जयचंदों की भी बहुलता रही है, लेकिन इसके बाद भी सदैव आक्रमणकारी प्रवृत्ति के आताताईयों को पराजित होना ही पड़ा है, चाहें रामायण काल हो या महाभारत काल विजय सत्य की ही हुई है| देश में में ये जो हिंसा हो रही है। इस पर रोक लगना बहुत हो गया है।
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आज की तारीख में जिस तरह से अस्त व्यस्त का दौर चल रहा है ऐसे में प्रश्न उठता है कि आखिर अपनी नयी पीढ़ी को कौन से संस्कार दे रहे हैं ? क्यों ये बच्चे हिंसक प्रवृत्ति के बनते जा रहे हैं। देश के माहौल को बिगाड़ने वाले वो कौन लोग हैं जो युवा पीढ़ी को ऐसे हिंसात्मक बना कर उनका भविष्य बर्बाद कर रहे हैं ? ये कौन से बच्चे हैं जो उपद्रवी बन कर रह गए हैं। मैं सरकार के सैनिक के अग्नि वीर प्रयोग की समर्थक नहीं हूं लेकिन इस प्रकार के उपद्रवी युवाओं की भी पैरवी नहीं की जा सकती है।
चिंतन का विषय यह है कि Agneepath recruitment scheme को लेकर हमारी भारत सरकार कहां चूक रही है ? जिस देश के विकास और तरक्की के लिए दिन रात काम हो रहा है। उस देश की जनता ही असंतुष्ट है| फिर ये कैसा विकास कैसी तरक्की? क्योंकि सरकार अगर अपने देश के युवाओं को ही संतुष्ट नहीं कर पा रही है। वे हिंसात्मक बन कर अपने देश और राज्य को बर्बाद कर रहे हैं |
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हमारे देश में विरोध के रूप में सत्याग्रह और अनशन करना तो जैसे खत्म ही हो गया है। जब कोई आंदोलन होता है वह हिंसात्मक रूप ले लेता है। अन्ना आंदोलन के बाद जितने भी आंदोलन हुए हैं वे हिँसात्मक बनकर रह गए हैं। Agneepath recruitment scheme के विरोध में ऐसे सभी दंगाई जो चाहे पत्थर फेंकने वाले हों या रेलगाड़ी फूंकने वाले हों ये सहानुभूति के हकदार तो कतई नहीं है।
हमारे देश में ऐसे गुनाहों की सजा तय होनी चाहिए और कठोरता के साथ पालन भी होना चाहिए|और नुकसान की भरपाई के बाद ही ये सरकारी नौकरी के लायक माने जाएं| Agneepath Yojana Scheme को लेकर कहीं न कहीं कोई चूक हो रही है, जिसका परिणाम हमारे देश में भयावह रूप लेने में सफल होता जा रहा है. सरकार जनता ही बनाती है देश के नागरिकों से ही बनता है लेकिन हमारे देश वासियों को कौन गुमराह कर रहा है ? हमारे देश में गृहयुद्ध जैसा माहौल बनता जा रहा है| त्रुटियां किसी की भी हो सजा मिलनी ही चाहिए|
हां सरकार को भी अग्निपथ योजना की घोषणा करने के तरीके पर मंथन करना चाहिए। ये शिक्षित युवाओं का देश है और सरकार एक तरह से बार-बार अपनी योजनाओं के साथ नाकाम हो रही है। Agneepath Yojana Scheme पर भी यही हो रहा है। मुझे याद है कि किसान आंदोलन ने भी हिंसात्मक रूप ले लिया था। मुठ्ठी भर किसानों को बरगलाने वाले कुछ नेता थे। देश के प्रधानमंत्री को माफी मांगनी पड़ी थी| ऐसे में देश की प्रगति के लिए भी जनता के मत को विचारों को समझने की आवश्यकता है, जिससे देश में ऐसा माहौल न बने और देश में खुशहाली का माहौल हो| यह देश सभी का है। सभी मिलकर प्रगति करें.|बाकी विश्व स्तर पर सब कुछ संभाल लेने में हमारे हमारी सरकार, हमारी सभी सेनाएं सक्षम हैं|
आखिर सब कुछ चुप्पी के साथ सरकार सह रही है, देश की सम्पत्ति की भरपाई सभी ऐसे अराजक तत्वों के परिवार और घरों से होनी चाहिए| यह कहते हुए मुझे बहुत ही दुख होता है कि हमारे देश के युवाओं की हिंसात्मक प्रवत्ति के कारण उन्हें अराजक तत्व कहना पड़ रहा है। कोई भी शिक्षित भारतीय अपनी शिक्षा के बल पर लिखित संदेश द्वारा राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से अपनी बात कर सकता है, और यही करना भी चाहिए। मै ऐसे युवाओं को बहुत ही आत्मीयता से कहना चाहूंगी कि ऐसा करना बहुत ही वीभत्स है, कितने ही भारतीय इस घटनाओं से प्रभावित हो रहें हैं. और उनकी यात्रा बाधित हो रही है, आपको कौन ऐसे गलत कार्यों के लिए प्रोत्साहित कर रहा है| आखिर आपके परिवार के लोग भी नहीं रोक पा रहे हैं|
Bihar Agneepath Scheme Protest के नाम पर जो हो रहा है उसे आंदोलन तो नहीं कहा जा सकता है।
एक समय था कि दिल्ली में सर्वे हुआ था तो दो सौ चौहत्तर आई. ए. एस. जो राजधानी में नियुक्त थे और देश चला रहे थे वो सभी बिहार के थे। आज क्या सभी सेना में ही जाने वाले हैं ? यह सभी जानते हैं फिर भी ऐसे आंदोलन का हिस्सा बन रहे हैं। आखिर क्यों? देश और राज्य आप सभी का ही है, यह आप सभी युवाओं को समझना चाहिए और हमारे जैसे साहित्यकार भी आपके साथ खड़े होते| जो प्रदेश दूसरे राज्यों से अधिक आईएएस देता है, वहां से
bihar agneepath protest का अच्छा संदेश तो कतई नहीं जा रहा है। लेकिन मैं किसी भी प्रकार के दंगाइयों का समर्थन कभी नहीं कर सकती|
जिस तरह से bihar agneepath protest के तहत ट्रेनें रोकी जा रही हैं। आग के हवाले की जा रही हैं। ऐसे में रेलवे ने बिहार में जारी अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को गंभीरता से लिया है। इन प्रदर्शनों के चलते पूर्व मध्य रेलवे ने रविवार को कई ट्रेनें रद्द करे की घोषणा की है। रात 8 बजे तक बिहार में ट्रेनों का संचालन नहीं होगा। Bihar Agneepath Scheme Protest को देखते हुए हो सकता है कि आने वाले कई दिनों तक ट्रेनें रद्द हों।
बिहार में Agneepath Scheme Protest के बीच गृह मंत्रालय ने बीजेपी के दोनों उप मुख्यमंत्री समेत 10 नेताओं को अतिरिक्त सुरक्षा दी है। जानकारी के मुताबिक यह सुरक्षा वाई कैटेगरी की होगी और इसकी कमान सीआरपीएफ के हाथ में होगी। जेडीयू से तनातनी के बीच केंद्र सरकार का यह बड़ा फैसला माना जा रहा है। केंद्र के इस फैसले से ठीक पहले बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार सरकार की पुलिस और प्रशासन पर सवाल खड़े किए थे।
– डॉ. पुष्पा सिंह विसेन