The News15

Agneepath Recruitment Scheme : युवाओं के आंदोलन को मिला किसानों का साथ  

Spread the love

Agneepath Recruitment Scheme : राकेश टिकैत और गुरुनाम चढूनी ने भरी अग्निपथ योजना के खिलाफ हुंकार 

Agneepath Recruitment Scheme का विरोध कर रहे युवाओं को अब किसानों का भी साथ मिल गया है। हरियाणा से जहां किसान नेता गुरुनाम चढूनी ने मोर्चा संभाल लिया है वहीं उत्तर प्रदेश में राकेश टिकैत ने हुंकार भर है। उधर खाप पंचायतों ने भी अग्निपथ योजना के विरोध में सड़कों पर उतरने का ऐलान किया है। हरियाणा में तो गुरुनाम चढूनी की अगुआई में किसानों ने बीजेपी कार्यालयों को घेरना शुरू कर दिया है।

Agneepath Recruitment Scheme, Agneepath Scheme Yojana, Agneepath scheme protest

Also Read : ये कैसी सरकार है और कैसे आंदोलनकारी ?

मामले को लेकर किसान नेता गुरुनाम चढूनी ने कहा है कि Agneepath Scheme Yojana के जरिये न तो देश सुरक्षित है और न ही इस योजना से युवाओं का कोई भला होने वाला है। उन्होंने कहा कि यह योजना किसानों के लिए दूसरा झटका है। आखिर किसके बच्चे सैनिक होते हैं। हमारे ही बच्चे सेना में जाते हैं। हम उनके लिए लडा़ई लड़ेंगे। चढुनी ने ऐलान किया है कि जब तक अग्निपथ योजना वापस नहीं हो जाती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। चढ़ूनी ने यह भी ऐलान किया है कि यह आंदोलन किसान मूवमेंट की तरह ही होगा। मतलब नए कृषि कानूनों की तरह ही अग्निपथ योजना को भी वापस कराएंगे।

उधर टिकैत किसान यूनियन ने हरिद्वार में चल रहे सम्मेलन में Agneepath Scheme का विरोध करने का निर्णय लिया है। किसान आंदोलन का चेहरा माने जाने वाले राकेश टिकैत ने कहा है कि जब तक आखिरी सांस बचेगी तब सेना के अभ्यर्थियों के लिए लड़ते रहेंगे।

यहां क्लिक कर आप हमारे YouTube Channel पर जा सकते है

दरअसल उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत देश के कई अग्निपथ योजना के विरोध में आंदोलन हो रहा है। तेलंगाना में तो उपद्रवियों पर नियंत्रण के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी। इस फायरिंग में एक युवक की जान भी चली गई थी।

दरअसल 13 महीने के किसान आंदोलन के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये कृषि कानूनों को वापस लिया था तो केंद्र सरकार की ओर से किसानों की सभी मांगों को मान लेने का वादा किया था। इस वादे में किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने, एमएसपी गारंटी कानून बनाने, बिजली के बिल माफ करने जैसे कई मुद्दे थे। किसान संगठन केंद्र सरकार की वादा-खिलाफी से बड़े नाराज थे। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस मामले को लेकर कई बार बैठक भी की और केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। पंजाब में तो आंदोलन से निकली पार्टी आम आदमी पार्टी की सरकार है, जो बीजेपी के खिलाफ मुद्दों की तलाश में रहती है। 

Agneepath Scheme Yojana के विरोध में चल रहे युवाओं के आंदोलन को किसानों का समर्थन मिलने से केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मोदी सरकार को यह समझना होगा कि जब किसान अपने दम पर सरकार को झुका सकते हैं तो युवाओं का साथ मिलने पर वे कितने मजबूत हो जाएंगे, बताने की जरूरत नहीं है।

दरअसल किसान आंदोलन ने केवल भारत बल्कि दूनिया भर में लोकप्रियता बटोरी थी। भले ही किसान आंदोलन की भेंट 700 से ऊपर किसान चढ़ गये हों पर किसानों ने केंद्र सरकार से अपनी बातें मनवा ली थी। बाकायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों से माफी मांगनी पड़ी थी। 13 महीने तक चले किसान आंदोलन ने देश में विरोध प्रदर्शनों को एक ऊर्जा देने का काम किया था। वह किसान आंदोलन ही था कि आज की तारीख में Agneepath scheme protest का विरोध हो रहा है। हालांकि किसान आंदोलन में हिंसा के पक्षधर नहीं हैं।

केंद्र सरकार को समझना होगा कि यदि किसान और Agneepath scheme protest कर रहे युवा एक साथ आ गये तो विपक्ष भी आंदोलन को भुगाने में पीछे नहीं रहेगा। वैसे भी कांग्रेस अग्निपथ योजना के विरोध में सड़क पर उतर आई है। रविवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, सचिन पायलट, सलमान खुर्शीद ने नेतृत्व में दिल्ली के जंतर मंतर पर अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन किया।

राकेश टिकैत ने ट्वीट किया है कि केंद्र सरकार के एक गलत फैसले को किसान ने १३ महीने भुगता था अब एक फैसले को युवा भुगत रहा है। उन्होंने कहा कि जवान भी किसान का ही बेटा होता है। हम लोग अपने बच्चों के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि Agneepath Recruitment Scheme के तहत चार साल बाद बेरोजगार  अग्निवीरों की फौज तैयार हो जाएगी। जो न देश हित में है और न ही समाज हित में। उन्होंने कहा कि सरकार को इन अग्निवीरों को या तो बेरोजगार भत्ता देना चाहिए या फिर रोजगार की गारंटी।