अपर्णा के बाद अब अखिलेश के मौसा भी बदलेंगे पाला

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अखिलेश के मौसा भी बदलेंगे पाला
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द न्यूज 15 

लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा और भाजपा में शह और मात का खेल चल रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य की लॉबी जब समाजवादी पार्टी में चली गई तो भाजपा ने नेताजी की छोटी बहू अपर्णा यादव को अपनी पार्टी में ले लिया। अब बेजीपी समाजवादी पार्टी (सपा) संरक्षक मुलायम सिंह यादव के साढ़ू और औरैया जिले की बिधूना क्षेत्र से विधायक रहे प्रमोद कुमार गुप्ता एलएस को भी पार्टी में लेने जा रही है। प्रमोद गुप्ता ने कहा है कि सपा अपनी मूल विचार धारा से भटक गयी है। पार्टी में अब नेता जी और शिवपाल सिंह यादव का कोई सम्मान नहीं बचा है, ऐसी स्थिति में वह अब भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं।
मुलायम की दूसरी पत्नी साधना यादव के बहनोई पूर्व विधायक प्रमोद कुमार गुप्ता एलएस फिलहाल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के पदाधिकारी हैं। बुधवार को मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव ने दल्लिी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। प्रमोद गुप्ता एलएस ने पत्रकारों से कहा कि वह लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि सपा में मुलायम और अखिलेश का कोई सम्मान नहीं है, जिससे आहत होकर उन्होने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है। उन्होने कहा कि पाटी अब अपनी मूल विचारधारा से भटक गयी है और उसमें जुआं सट्टा खिलाने वालों व जमीनों पर कब्जा करने वालों को शामिल किया जा रहा है।
पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि सपा में मुलायम सिंह यादव व शिवपाल सिंह यादव को प्रताड़ित किया जा रहा है। मुलायम सिंह यादव को विक्रमादित्य मार्ग वाले आवास पर बंधक बना लिया गया है और उन्हें किसी से मिलने भी नहीं दिया जा रहा है। नेता जी के जन्मदिन वाले दिन उन्हें कुछ भी बोलने नहीं दिया गया और माइक छीन लिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि आज पार्टी में गैर समाजवादियों को तरजीह दी जा रही है और पुराने समाजवादियों की घोर उपेक्षा की जा रही है। ऐसे लोगों को सपा में शामिल किया जा रहा है जो अभी तक सपा और नेता जी को गालियां देते थे। उन्होंने कहा कि जिस दल में नेता जी का ही अपमान होने लगा हो उस दल में रहने का अब कोई मतलब नहीं रह गया है, इसलिए अब वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
क्षेत्र में प्रमोद गुप्ता की पहचान कट्टर सपाई और मुलायम सिंह के अत्यंत करीबी भी मानी जाती रही है। मगर 2007 में हुए नगर पंचायत बिधूना के चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिससे नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर पार्टी को अपने जमीनी जनाधार का आइना भी दिखा दिया। बाद में सपा ने 2012 में हुए विधानसभा के चुनाव में बिधूना क्षेत्र से उन्हें टिकट देकर मैदान में उतारा। इस चुनाव में उन्होने जीत हासिल की। पार्टी के एक नेता ने बताया कि बिधूना क्षेत्र से सपा विधायक होने के बाद भी रिश्ते में भतीजे और प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कभी भी उनके संबंध अच्छे नहीं रहे। अखिलेश से जुड़े क्षेत्र के कार्यकर्ता कभी उन्हें सम्मान देना तो दूर विधायक तक मानने को तैयार नहीं रहे। उल्टे पार्टी मीटिंगों में कई बार उन्हें अपमानित करने का भी प्रयास किया यही कारण था कि एलएस का जुड़ाव शिवपाल सिंह यादव से ज्यादा रहा।
उन्होंने बताया कि पार्टी की उपेक्षा से त्रस्त होकर वह शिवपाल की नई पार्टी प्रसपा में चले गए थे और अभी तक उन्हीं के साथ थे। पिछले दिनों अखिलेश और शिवपाल के मेल पर एलएस ने भी बिधूना से टिकट की उम्मीद पाल रखी थी जिस पर तुषारापात होते देख उन्होने भाजपा में जाने का फैसला लिया है। सूत्रों के अनुसार प्रमोद गुप्ता एलएस जिनकी पहचान औरैया, इटावा, कन्नौज, कानपुर देहात आदि आसपास के जनपदों में एक बड़े वैश्य नेता के रूप में है। उनके भाजपा में शामिल होने से जहां सपा को नुकसान होगा वहीं भाजपा को स्पष्ट तौर लाभ मिलेगा। उनके साथ गैर वैश्य समाज के कार्यकर्ताओं की भी एक बड़ी टीम है, जिनका लाभ भी भाजपा को मिलेगा।

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