चरण सिंह
उत्तर प्रदेश विधानसभा उप चुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ किसी भी तरह से अपने को साबित करना है। उन्हें हर हाल में छह से सात सीटें निकालनी ही हैं। ऐसे में वह सब कुछ करेंगे जिससे उनकी अधिकतर सीटें आ जाएं। यह माना जाता है कि उप चुनाव में सरकारी मशीनरी का खुलकर दुरुपयोग होता है तो योगी आदित्यनाथ भला कैसे मानेंगे ? इन चुनाव से भले ही सरकार बने या न बिगड़े पर यह चुनाव योगी आदित्यनाथ के लिए यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं। देखने की बात यह है कि आरएसएस योगी आदित्यनाथ को पीएम मोदी के विकल्प के रूप में तैयार कर रहा है। योगी आदित्यनाथ की पूछ दूसरे राज्यों में भी हो रही है। योगी आदित्यनाथ की रैली यूपी से ज्यादा महाराष्ट्र और झारखंड में हुईं है। ऐसे में यदि भाजपा उप चुनाव हार जाती है तो फिर योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री पद के लिए पेश करने में आरएसएस को दिक्कत आएगी। यही वजह है कि मोहन भागवत ने मथुरा में योगी आदित्यनाथ के साथ लंबी मंत्रणा की थी। वह मंत्रणा यूपी उप चुनाव को लेकर ही हुई थी। मतलब चुनाव में आरएसएस ने भी पूरा साथ दिया है।
दरअसल लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में मिली करारी शिकस्त के बाद बीजेपी की एक लॉबी ने येागी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्च खोल दिया था। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह के साथ ही अनुप्रिया पटेल और ओमप्रकाश राजभर खुलकर योगी आदित्यनाथ के विरोध में खड़े हो गये थे। आरएसएस ने मामला संभाला और योगी आदित्यनाथ ने हर मोर्चे का मुकाबला किया। अंततज् योगी आदित्यनाथ को अपने नेतृत्व में चुनाव लड़ने का मौका मिला। केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, भूपेंद्र चौधरी और धर्मपाल सिंह को योगी आदित्यनाथ से मिलने भेजा गया।
योेगी आदित्यनाथ ने केशव प्रसाद मौर्य को फूलपुर मझवां, ब्रजेश पाठक को करहल और सीसामऊ, भूपेद्र चौधरी को कुंदरकी और मीरापुर, धर्मपाल सिंह को खैर और गाजियाबाद का प्रभारी बना दिया और खुद योगी आदित्यनाथ ने कटेहरी और मिल्कीपुर सीट जिताने का जिम्मा लिया था। कोर्ट की वजह से मिल्कीपुर सीट पर चुनाव नहीं हो रहा है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा दांव यह खेला है कि कटेहरी को छोड़कर जो भी सीट बीजेपी हारेगी वह इन योगी के विरोधियों के खाते में जाएगी। यही वजह है कि इन नेताओं की भी सीटों को जितवाने की मजबूरी है।
दरअसल उत्तर प्रदेश विधानसभा उप चुनाव में मीरापुर, करहल, सीसामऊ सीट पर बवाल देखने को मिला है। समाजवादी पार्टी के शिकायत करने के बाद चुनाव आयोग ने कुछ पुलिसकर्मी सस्पेंड भी किये पर चुनाव आयोग की इस सख्ती से समाजवादी पार्टी संतुष्ट नहीं दिखाई दी। सीसामऊ में भाजपा ने नाराजगी जताई। अखिलेश यादव ने मीरापुर में एक एसओ पर महिलाओं को रिवाल्कर दिखाकर वोट न डालने का डर दिखाने का आरोप लगाया। मतलब महाराष्ट्र और झारखंड के इतर उत्तर प्रदेश के विधानसभा उप चुनाव में ज्यादा गर्माहट दिखाई दी।