आखिर छह साल में भी क्यों नहीं खत्म हुई सुब्रत राय की पैरोल : अभय देव शुक्ल 

सुब्रत राय की पैरोल

ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सहारा के चेयरमैन के विदेश भागने का जताया अंदेशा 

द न्यूज 15 

बस्ती/लखनऊ। 25 फरवरी को उत्तर प्रदेश के बस्ती में सहारा के खिलाफ हल्ला बोल जनांदोलन की तैयारी में जुटे ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय देव शुक्ल लगातार सहारा के चैयरमैन सुब्रत राय के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सुब्रत राय देश की संवैधानिक संस्थाओं को चुनौती दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह देश में अपने आप में कानून के साथ खिलवाड़ है कि सहारा इण्डिया के सर्वोच्च पद पर आसीन-व्यक्ति सुब्रत राय को 2016 में उनकी मां के निधन पर पैरोल मिली थी कि आज की तारीख में इस पैरोल को छह साल होने जा रहे हैं पर पैरोल खत्म नहीं हुई है। अभय शुक्ल का कहना है कि देश में लाखों मुकदमें ऐसे हैं जिन पर गिरफ़्तारी के आदेश के बाद भी सरकार ने क़ोई एक्शन नहीं लिया है। प्रभावशाली लोगों पर सरकार इतनी  मेहरबान  क्यों  है ? उन्होंने आरोप लगाया है कि यह सब “3000 करोङ” में ङील का नतीज़ा है। उन्होंने कहा है कि यह व्यक्ति न सिर्फ़ जेल से बाहर है, बल्कि कभी भी देश छोड़कर विदेश भी भाग सकता है।

उन्होंने प्रश्नात्मक लहजे में कहा है कि किसी आम आदमी को अपनी मां के निधन पर जमानत मिले और छह साल तक उसे खुला छोड़ दिया जा सकता है। देश में बड़ी शान से कहा जाता है कि कानून सभी के लिए बराबर हैं तो फिर एक आम आदमी को भी छह साल तक की पैरोल की व्यवस्था की जाये।
 उन्होंने कहा है कि एक बार नियामक ने कोशिशें की भी तो सरकार ने झिड़क दिया। उनका कहना है कि और तो और जिन वज़हो से सुब्रत राय को जेल और पासपोर्ट अदालत में जमा करवाया गया था। सरकार के कहने पर और नियामक के विरोध के बावजूद अदालत ने पासपोर्ट रिलीज कर दिया।

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