गृहमंत्री ने कहा – बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस की गोद में बैठ गए लालू
अभिजीत पाण्डेय
सीतामढ़ी । केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए सीतामढ़ी में माता सीता के भव्य मंदिर के निर्माण की गारंटी दी।गुरुवार को सीतामढ़ी के गोयनका कॉलेज मैदान में सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने लालू यादव और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने कहा कि, आज लालू यादव सत्ता की राजनीति के लिए, अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए, हमेशा पिछड़े और अति पिछड़ों का विरोध करने वाली कांग्रेस पार्टी की गोद में बैठ गए हैं।
ऐसे में आपको जंगलराज चाहिए या विकास राज चाहिए? ये लालू एंड कंपनी विकास कर सकती है क्या? बिहार को आगे बढ़ाने का काम केवल और केवल नरेन्द्र मोदी ही कर सकते हैं।”प्रधानमंत्री ने बिहार के युवाओं के हाथ में लाठी की जगह भारत में निर्मित स्मार्टफोन दिया है, सबसे सस्ता डेटा दिया है । लेकिन ये इंडी गठबंधन वाले बिहार को फिर से लालटेन युग में ले जाना चाहते हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हम बीजेपी वाले वोट बैंक से नहीं डरते हैं। मोदी जी ने अयोध्या में रामलला का मंदिर बनाया, एक काम पूरा हुआ, अब एक काम बाकी है मां सीता की जन्मभूमि पर महान स्मारक बनाने का। जिन लोगों ने अपने-आप को रामलला के मंदिर से दूर रखा, वो ये स्मारक नहीं बना सकते। सीता माता के जीवन के अनुरूप स्मारक केवल नरेन्द्र मोदी जी और भाजपा बना सकते हैं।
500 साल से रामलला टेंट में बैठे थे. कांग्रेस और राजद कई साल तक राम मंदिर के प्रश्न को अटकाते, लटकाते रहे और भटकाते रहे. आपने मोदी जी को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाया, उन्होंने 5 साल में ही केस भी जीता, भूमिपूजन भी किया और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी। वहां मोदी जी ने जय सियाराम का नारा दिया।
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के राज में पूरे बिहार और झारखंड में नक्सलवाद हुआ करता था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र से नक्सलवाद समाप्त हो गया । छत्तीसगढ़ में थोड़ा बचा है, दो साल में छत्तीसगढ़ से भी हम नक्सलवाद को समाप्त कर देंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछड़ा, अति पिछड़ा और महिलाओं के आरक्षण के लिए कांग्रेस ने कभी काम नहीं किया। आरक्षण मिलने पर भी उसे संवैधानिक मान्यता नहीं मिल रही थी । लेकिन प्रधानमंत्री मोदी आए और उन्होंने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता देने का काम किया। हमारे आने से पहले केंद्र की संस्थाओं में ओबीसी को आरक्षण नहीं मिलता था। लेकिन प्रधानमंत्री ने सारी परीक्षाओं में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का काम किया।