
सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि यह पार्सल एक टेस्ट के तौर पर भेजा गया हो, ताकि यह जांचा जा सके कि जेल में लॉरेंस बिश्नोई तक डिलीवरी पहुंचाने में कोई दिक्कत तो नहीं है। यह पहला मौका नहीं है जब जेल में इस तरह के सामान पहुंचाने की कोशिश हुई हो; इससे पहले भी देश के कई राज्यों में ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस मामले की जांच में गुजरात पुलिस, राजस्थान पुलिस की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF), और अन्य एजेंसियां शामिल हो गई हैं, क्योंकि आशंका है कि इसके पीछे कोई बड़ी आपराधिक साजिश हो सकती है।
हालांकि, पार्सल भेजने वाले की असली पहचान अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है, और यह राज जेल पहुंचते ही खुल गया कि यह एक संभावित सुरक्षा उल्लंघन की कोशिश थी। जांच जारी है ताकि इस साजिश के पीछे के मकसद और शामिल लोगों का पता लगाया जा सके।