नई दिल्ली। अगर आपने कोई लोन किया है और उसे समय पर चुका नहीं पा रहे हैं तो क्या होता है। आपको कंपनी वाले कॉल करते हैं। घर पर कानूनी लेटर भेजते हैं। परेशान करते हैं। आपकी संपत्ति पर जब्जा करने की कोशिश करते हैं। कुछ ऐसा ही इस समय श्रीलंका के साथ हो रहा है। इस समय श्रीलंका दिवालिया होने की कगार पर खड़ा है, क्योंकि उसने समय पर अपना कर्ज नहीं चुकाया है। जिसके कारण वो डिफॉल्टर होने जा रहा है। श्रीलंका के राष्ट्रीय बैंक यानी ‘सेंट्रल बैंक ऑफ़ श्रीलंका’ ने इसी साल के जनवरी मीहने में आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि पिछले साल दिसंबर महिने से महंगाई की दर में 12.1 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, जबकि ये दर नवम्बर महीने में 9.5 प्रतिशत पर थी।
एक ही महीने में इस उछाल को लेकर सरकार और अर्थशास्त्री चिंतित हैं । इस स्थिति से उबरने के लिए श्रीलंका ने चीन, भारत और खाड़ी के देशों से भी मदद मांगी है। ऐसे में भारत ने पड़ोसी देश होने के नाते श्रीलंका की मदद करने का ऐलान किया है। भारत ने श्रीलंका की मदद के रूप में 90 करोड़ डॉलर का कर्ज देने का ऐलान किया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, ‘कोविड-19 महामारी से उत्पन्न आर्थिक और अन्य चुनौतियों पर काबू पाने के लिए हर संभव तरीके से भारत श्रीलंका का समर्थन करना जारी रखेगा. करीबी दोस्त और समुद्री पड़ोसियों के रूप में, भारत और श्रीलंका दोनों घनिष्ठ आर्थिक संबंधों से लाभ उठाने के लिए तैयार हैं.’।
जिसका श्रीलंका के प्रमुख अर्थशास्त्री और श्रीलंकाई सेंट्रल बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर डब्ल्यूए विजेवर्धने ने भारत की मदद की तारीफ की है और कहा है कि भारत की तरफ से इस आर्थिक मदद ने अभी के लिए श्रीलंका की डूबती नैया को बचा लिया है। इस समय श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है । ऐसे में उसके दिवालिया होने की नौबत आ गई है। ऐसे में सभी जरूरी वस्तुओं की कमी हो रही है । देश में महंगाई अपने चरम पर है. श्रीलंका की इस हालत के पीछे बड़ी वजह जो सामने आ रही है, वो है उसका फॉरेन करेंसी रिजर्व यानी विदेशी मुद्रा भंडार. श्रीलंका के पास अब इतनी विदेशी मुद्रा भी नहीं है कि वो अपनी जरूरत का सामान आयात कर सके।
श्रीलंका को इस साल करीब 7 अरब डॉलर का कर्जा चुकाना है। जिसमें से 6 अरब डॉलर का कर्जा केवल चीन का ही है। लेकिन आर्थिक संकट से निपटने के लिए श्रीलंका ने चीन से पिछले साल ही 1 अरब डॉलर का कर्जा लिया था, लेकिन फिर भी श्रीलंका उसे चुका नहीं पाया है।
अब जरा इस बात को समझिये कि अगर कोई भी देश अपना कर्जा नहीं चुका पाता है तो उसके साथ क्या होगा। सबसे पहले महंगाई धीरे-धीरे सातवें आसमान पर पहुंच जाएगी। बैंक के पास लेन-देन करने के लिए पैसा नहीं बचेगा। जनता के पास जो पैसा होगा वो किसी काम का ना होगा, क्योंकि तब 10 रुपए की चीज 1000 रुपए में मिलेगी। निर्यात करने वाले अपना पैसा निवेश नहीं करेंगे। व्यापार ठप हो जाएंगे। दूसरे देश कर्जा देने से मना कर देंगे। और ये सब स्थिति किसी भी देश के लिए काफी हानिकारक होगी।
ऐसे में भारत ने श्रीलंका को 90 करोड़ डॉलर का कर्जा देने का ऐलान किया है, जो कि पडोसी देश के नाते काफी बड़ी मदद है। अब जरा आप इसे भी समझिये कि अगर श्रीलंका भारत का पैसा लौटा नहीं पाता है तो, भारत क्या करें। ऐसे में भारत के पास कई विकल्प होंगे। भारत श्रीलंका से नेवी बेस बनाने के लिए जगह ले सकता है। भारत श्रीलंका ने उसका पोर्ट यूज करने के लिए ले सकता है। भारत श्रीलंका से रसायन ले सकता है।
Srilanka को दिवालिया होने से बचाया, 90 million dollars की मदद करेगा भारत
द न्यूज 15